ग्राम समाचार, भागलपुर। सबौर स्थित बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में बुधवार को मैसिव ओपन ऑनलाईन कोर्स की शुरूआत की गई। इस उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय में आज एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता कुलपति बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर डॉ. अजय कुमार सिंह ने किया। बता दें कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर ने बिहार का पहला मैसिव ओपन ऑनलाईन कोर्स स्टार्टअप विषय पर वर्ष 2019 में शुरू किया गया था। जिसमें अपार सफलता प्राप्त हुई। जिसमें 6000 लोगों ने इस कोर्स को इनरॉल किया था। इसी को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय ने आज संरक्षित खेती पर दूसरे मैसिव ओपन ऑनलाईन कोर्स की शुरूआत की। यह कोर्स छः सप्ताह का होगा। जिसमें किसान, छात्र - छात्राएँ. वैज्ञानिकगण, प्रसार कर्मी, पदाधिकारी या कृषि में रूचि रखने वाले लोग इसको मुफ्त में ऑनलाईन तरीके से agmoocs.in में लॉग इन कर इनरॉल हो सकते हैं। इस कोर्स हेतु रजिस्ट्रेशन कोर्स शुरूआत उपरान्त भी चालू रहेगा। यह कोर्स हिन्दी एवं अंग्रेजी में उपलब्ध होगा। अभी तक कुल 3500 लोगों ने इस कोर्स में पंजीकरण कराया है जिसमें लगभग 3000 लोग भारत से तथा विश्व के 35 देशों के 500 लोगों ने भी अपना पंजीकरण कराया है। जिसमें कि नेपाल, बांग्लादेश, नाइजीरिया, साउथ अफ्रीका, अमेरिका, कनाडा, इटली, फिलीपीन्स, इंगलैंड, पोलैण्ड, कम्बोडिया इत्यादि देशों के लोगों ने अपनी सक्रिय सहभागिता दी है। यह कोर्स बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर, कॉमनवेल्थ ऑफ लर्निग कनाडा, अन्तर्राष्ट्रीय मक्का एवं गेहूँ सुधारक केन्द्र (सीमिट) के सहयोग से शुरू किया गया है। इस कोर्स के तहत विभिन्न विषयों यथा संरक्षित खेती आधारित टिकाऊ सघनता के आयाम संरक्षित खेती में उपयोग आने वाले विभिन्न यंत्र, संरक्षित खेती के लिये शस्य प्रबंधन, संरक्षित खेती आधारित टिकाऊ सघनता से जुड़ी चुनौतियाँ, संरक्षित खेती आधारित टिकाऊ सघनता से लाभ होगा। एजीमूक कोर्स में सम्मिलित होने वाले प्रतिभागियों को उनकी प्रतिभागिता एवं पात्रता के आधार पर कॉमनवेल्थ ऑफ लर्निग, कनाडा, सेंटर फॉर कंटीन्यूइंग एजुकेशन तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर एवं बिहार कृषि विश्वविद्यालय , सबौर, भागलपुर द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किया जायेगा। डॉ. अजय कुमार सिंह, कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर ने अपने सम्बोधन में कहा कि विश्वविद्यालय मैसिव ओपन ऑनलाईन कोर्स के माध्यम से विश्व के कोने-कोने तक पहुँच सकेगा तथा आने वाले समय में विश्वविद्यालय इस तरह की और कोर्स को तैयार करेगा। इस कोर्स के संयोजक डा. आर. के. सोहाने, नोडल पदाधिकारी, डा. आर. एन. सिंह, प्रशिक्षक -सह - समन्वयक, डा रामदत्त तथा प्रशिक्षक के रूप में डा. संजय कुमार तथा डा. महेश कुमार गठाला, सीमिट, बांग्लादेश कार्य कर रहे हैं। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारी, वैज्ञानिक आदि उपस्थित थे।
Bhagalpur News:बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में मैसिव ओपन ऑनलाईन कोर्स की हुई शुरूआत
ग्राम समाचार, भागलपुर। सबौर स्थित बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में बुधवार को मैसिव ओपन ऑनलाईन कोर्स की शुरूआत की गई। इस उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय में आज एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता कुलपति बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर डॉ. अजय कुमार सिंह ने किया। बता दें कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर ने बिहार का पहला मैसिव ओपन ऑनलाईन कोर्स स्टार्टअप विषय पर वर्ष 2019 में शुरू किया गया था। जिसमें अपार सफलता प्राप्त हुई। जिसमें 6000 लोगों ने इस कोर्स को इनरॉल किया था। इसी को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय ने आज संरक्षित खेती पर दूसरे मैसिव ओपन ऑनलाईन कोर्स की शुरूआत की। यह कोर्स छः सप्ताह का होगा। जिसमें किसान, छात्र - छात्राएँ. वैज्ञानिकगण, प्रसार कर्मी, पदाधिकारी या कृषि में रूचि रखने वाले लोग इसको मुफ्त में ऑनलाईन तरीके से agmoocs.in में लॉग इन कर इनरॉल हो सकते हैं। इस कोर्स हेतु रजिस्ट्रेशन कोर्स शुरूआत उपरान्त भी चालू रहेगा। यह कोर्स हिन्दी एवं अंग्रेजी में उपलब्ध होगा। अभी तक कुल 3500 लोगों ने इस कोर्स में पंजीकरण कराया है जिसमें लगभग 3000 लोग भारत से तथा विश्व के 35 देशों के 500 लोगों ने भी अपना पंजीकरण कराया है। जिसमें कि नेपाल, बांग्लादेश, नाइजीरिया, साउथ अफ्रीका, अमेरिका, कनाडा, इटली, फिलीपीन्स, इंगलैंड, पोलैण्ड, कम्बोडिया इत्यादि देशों के लोगों ने अपनी सक्रिय सहभागिता दी है। यह कोर्स बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर, कॉमनवेल्थ ऑफ लर्निग कनाडा, अन्तर्राष्ट्रीय मक्का एवं गेहूँ सुधारक केन्द्र (सीमिट) के सहयोग से शुरू किया गया है। इस कोर्स के तहत विभिन्न विषयों यथा संरक्षित खेती आधारित टिकाऊ सघनता के आयाम संरक्षित खेती में उपयोग आने वाले विभिन्न यंत्र, संरक्षित खेती के लिये शस्य प्रबंधन, संरक्षित खेती आधारित टिकाऊ सघनता से जुड़ी चुनौतियाँ, संरक्षित खेती आधारित टिकाऊ सघनता से लाभ होगा। एजीमूक कोर्स में सम्मिलित होने वाले प्रतिभागियों को उनकी प्रतिभागिता एवं पात्रता के आधार पर कॉमनवेल्थ ऑफ लर्निग, कनाडा, सेंटर फॉर कंटीन्यूइंग एजुकेशन तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर एवं बिहार कृषि विश्वविद्यालय , सबौर, भागलपुर द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किया जायेगा। डॉ. अजय कुमार सिंह, कुलपति, बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर ने अपने सम्बोधन में कहा कि विश्वविद्यालय मैसिव ओपन ऑनलाईन कोर्स के माध्यम से विश्व के कोने-कोने तक पहुँच सकेगा तथा आने वाले समय में विश्वविद्यालय इस तरह की और कोर्स को तैयार करेगा। इस कोर्स के संयोजक डा. आर. के. सोहाने, नोडल पदाधिकारी, डा. आर. एन. सिंह, प्रशिक्षक -सह - समन्वयक, डा रामदत्त तथा प्रशिक्षक के रूप में डा. संजय कुमार तथा डा. महेश कुमार गठाला, सीमिट, बांग्लादेश कार्य कर रहे हैं। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारी, वैज्ञानिक आदि उपस्थित थे।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें