ग्राम समाचार,बौंसी,बांका। हिंदू धर्म में जितिया व्रत का अधिक महत्व है। यह व्रत पुत्र की लंबी आयु के लिए मुख्य रूप से रखा जाता है। इसे जीवित्पुत्रिका व्रत के नाम से भी जाना जाता है। जितिया व्रत नहाय खाय से शुरू होकर सप्तमी, आष्टमी और नवमी तक चलता है। इस इस दौरान मां पुत्र प्राप्ति के लिए भी यह उपवास करती है। यह एक निर्जला व्रत है। अक्सर महिलाएं इस व्रत की तैयारी सप्ताह भर पहले ही शुरू कर देती हैं। इसी कड़ी में संतान के सुख समृद्धि और लंबी उम्र की कामना के लिए माताओं ने तीन दिवसीय जितिया पर्व के द्वितीय दिन शुक्रवार को निर्जला उपवास
रखा। लोग परंपरा और आस्था के महापर्व के अवसर पर लोगों ने उल्लास पूर्वक हिस्सा लिया। संतान ने अपने माताओं का आशीर्वाद प्राप्त किया। वहीं माताओं ने इस पर उपवास के बाद पूजा अर्चना की। माता ने अपने बच्चों को दीर्घायु होने का आशीर्वाद दिया। इस मौके पर मंदार क्षेत्र में उत्साह का माहौल बना रहा। मंदिरों में भी पूजा अर्चना के लिए भीड़ लगी रही। आज निर्जला उपवास का समापन होगा। जितिया पर बाजार में भी बहार बनी रही। प्रतिवर्ष के भाति इस वर्ष भी जितिया का पर्व परंपरा और निष्ठा के साथ मनाया जा रहा है।
रौशन कुमार,ग्राम समाचार संवाददाता,बौंसी।
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