समाजसेवी महेंद्र छाबड़ा ने कहा कि श्रीनिवास शास्त्री जी के अथक प्रयासों के बाद ब्रास मार्केट के पार्क का नामकरण शहीद वीर सावरकर के नाम कर दिया गया। जिस से आने वाली पीढ़ियां वीर सावरकर के इतिहास को याद करके उनके कदमों पर चलने का प्रयास करेंगे। किस तरह अंग्रेजों के जुल्मों के बावजूद वीर सावरकर जी ने देश की आजादी के आन्दोलन में बढ़ चढ़कर भाग लिया लेकिन उनके कदम पीछे नहीं हटे। ऐसे शहीदों की शहादत की बदौलत आज हम आजादी की खुली हवा में सांस ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपने शहीदों को समय-समय पर याद रखना चाहिए क्योंकि जो कौम देश अपने शहीदों का सम्मान नहीं करते और उन्हें भूल जाते है उनका पतन हो जाता है।
महेंद्र छाबड़ा ने कहा कि शहीद वीर सावरकर के नाम से जहां हमारी पीढ़ियां प्रेरणा लेंगी वही पार्क की समस्याओं का अंबार होना दुर्भाग्य की बात है। नगर परिषद को वीर सावरकर पार्क की समस्याओं की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। क्योंकि इस पार्क की बाउंड्री व जगह-जगह ग्रीले टूटी हुई है। पार्क में सफाई कर्मचारी व माली की व्यवस्था न होने के कारण भारत में गंदगी का आलम है। उन्होंने नगर परिषद चेयरपर्सन पूनम यादव व डीएमसी सुमिता ढाका से आग्रह किया कि इस पार्क की देखरेख के लिए सफाई कर्मचारी व माली की व्यवस्था करने के साथ टूटी हुई बाउंड्री और टूटी हुई ग्रील को ठीक करवा कर इसके सौंदर्यीकरण की ओर ध्यान दिया जाए क्योंकि इस पार्क का नाम शहीद वीर सावरकर के नाम से किए जाने के बाद लोगों की आस्था जुड़ गई है। पार्क की हालत को देखकर शहीदों का सम्मान करने वाले आम आदमी की आस्था को ठेस लग रही है।
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