रेवाड़ी डीसी अशोक कुमार गर्ग ने कहा कि स्वस्थ समाज और देश के निर्माण में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को चाहिए कि वे पोषण पखवाड़ा के तहत महिलाओं व ग्रामीणों को पौष्टिक आहार व व्यंजनों बारे में जागरूक करें। उन्होंने कहा कि सरकार के पोषण अभियान से ही कुपोषण मुक्त भारत का सपना साकार होगा।
डीसी अशोक कुमार गर्ग गुरुवार को बाल भवन में आजादी अमृत काल में जिला में 3 अप्रैल तक मनाए जा रहे पांचवें पोषण पखवाड़ा के तहत आयोजित जिला स्तरीय पोषण सम्मेलन का शुभारंभ करने उपरांत को बतौर मुख्य अतिथि सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि परहेज इलाज से बेहतर है। यदि बच्चों को ठीक समय पर पोषण आहार मिले तो कुपोषण की समस्या खत्म हो जाएगी और महिलाओं मेंं एनीमिया की। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से महिलाओं व बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं चलाई हुई हैंं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का यह दायित्व बनता है कि वे इन सभी योजनाओं के बारे में पात्र महिलाओं व किशोरियों को जागरूक करते हुए योजनाओं का लाभ दिलवाने में मददगार की भूमिका निभाएं।
डीसी अशोक कुमार गर्ग कहा कि पहले हमारे पूर्वज श्री अन्न या मिलेट्स का प्रयोग करते थे। लेकिन बदलते समय में घरों में खानपान की शैली बहुत बदल गई है। मिलेट्स को फिर भोजन में शामिल कर पोषण के सभी फायदे लिए जा सकते हैं। बच्चों, महिलाओं, किशोरियों को पोषण आहार प्रदान किया जा रहा है। लेकिन इसमें विभाग के साथ समाज के हर व्यक्ति की सहभागिता जरूरी है। पोषण संबंधित व्यवहार और खानपान परिवर्तन में युवा बड़ी भूमिका निभा सकते है। मिलेट्स से कई प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जा सकते हैं। युवा जंक फूड को छोडक़र पौष्टिक भोजन और स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं और दूसरों को भी प्रेरित करें। डीसी ने कार्यक्रम के समापन्न उपरांत पोषण यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
डीसी अशोक कुमार गर्ग ने रामनवमी के पावन अवसर पर जिलावासियों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आमजन प्रभु राम के उच्च आदर्शों को आचरण में ढालें और गौरवशाली राष्ट्र के निर्माण के लिए स्वयं को समर्पित करें, ऐसी मेरी मंगलकामना है। उन्होंने आमजन से लिंगानुपात में सुधार करने की अपील करते हुए कहा कि नवरात्रों में कंजक पूजन के लिए ढूंढने पर भी कन्याएं मुश्किल से मिलती हैं, यह सब हमारे द्वारा करवाई गई कन्या भ्रूण हत्या का परिणाम है, हमें इस बारे सोचना होगा। हमें आत्मचिंतन करना होगा क्या नवरात्रि में केवल एक दिन बेटियों (कंजकों) की पूजा करने से समाज में बदलाव आएगा। बेटियां सदैव पूजनीय व वंदनीय है और कहा भी गया है कि जहां नारी का सम्मान होता है वहां देवता निवास करते हैं। हमें बेटियों का हमेशा मान-सम्मान और आदर करना चाहिए। उन्होंने इस अवसर पर आमजन से प्रशासन की ओर से चलाई जा रही अब बस मुहिम से जुड़ते हुए लिंगानुपात सुधार में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने का आह्वान किया।
जिला बाल कल्याण परिषद की उपाध्यक्ष रजनी गर्ग ने पोषण सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि दिनभर की भागदौड़ व घरेलू कामकाज की व्यस्तता के कारण महिलाएं अपने और अपने बच्चों का खान-पान का ध्यान नहीं रख पाती हैं। इसकी वजह से उनमें कुपोषण जैसी बीमारियां बढ़ने का खतरा रहता है। महिलाओं को चाहिए कि वे समय पर भोजन करें तथा भोजन में दूध, दही, दाल, चावल इत्यादि पूरक पोषाहारों का जरूर प्रयोग करें। बच्चों, किशोरियों और महिलाओं के लिए पोषाहार बहुत जरूरी है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से बचने के लिए पोषक आहार का सेवन करना चाहिए ताकि मां और बधो दोनों का स्वास्थ्य अच्छा रहें। प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र में गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के लिए पोषक आहार भी वितरित किया जाता है। महिलाओं को सरकार की ओर से शुरू की गई इस प्रकार की योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए।
महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी उर्मिल सिवाच ने पोषण पखवाड़े के तहत आयोजित की जा रही जागरूकता गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पोषण कार्यक्रमों के माध्यम से मोटा अनाज का प्रचार-प्रसार, जिलेभर में स्वस्थ बालक स्पर्धा का आयोजन एवं सक्षम आंगनबाड़ी के बारे में आमजन को जागरूक किया जा रहा है। प्रियंका यादव ने मंच संचालक की भूमिका निभाते हुए महिलाओं को पोषण व बेहतर आहार लेने बारे जागरूक व प्रेरित किया।
इस अवसर पर मोटे अनाज से तैयार किए गए व्यंजनों की प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र रही। डीसी अशोक कुमार गर्ग व जिला बाल कल्याण परिषद की उपाध्यक्ष रजनी गर्ग ने प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए विभिन्न व्यंजनों का स्वाद चखा। इस अवसर पर गर्भवती महिलाओं की गोद भराई की गई और बच्चों, किशोरियों एवं महिलाओं को कुपोषण मुक्त और स्वस्थ मजबूत करने बारे शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने कविता, लघु नाटिका, भाषण, गीत आदि के माध्यम से पोषण व कन्या भ्रूण हत्या न करने बारे जागरूक किया। डीसी अशोक गर्ग ने कार्यक्रम से पहले बाल भवन परिसर में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
इस अवसर पर डीडीपीओ एचपी बंसल, सीएमओ डा. सुरेंद्र यादव, उप सिविल सर्जन डा. अशोक कुमार, जिला बाल संरक्षण अधिकारी दीपिका यादव, डीसीडब्ल्यूओ वीरेंद्र यादव, बाल संरक्षण अधिकारी करूणा यादव, रंगकर्मी सतीश मस्तान, एंबेसडर प्रियंका यादव, यशपाल एडवोकेट आदि मौजूद रहे।
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