रेवाड़ी, 30 मई। केएलपी कॉलेज के पत्रकारिता और जनसंचार विभाग के तत्त्वावधान में आज 'हिंदी पत्रकारिता दिवस' के अवसर पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
मुख्य वक्ता पत्रकारिता और जनसंचार के प्राध्यापक मुकुट अग्रवाल ने कहा कि 1826 में ब्रिटिश कालीन भारत में देश की तत्कालीन राजधानी कोलकाता में रहने वाले पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने 'उदंत मार्तंड' नामक साप्ताहिक हिंदी समाचार-पत्र की शुरुआत आज ही के दिन की थी। उन दिनों सरकारी सहायता के बिना किसी भी पत्र का चलना असंभव था। कंपनी सरकार ने ईसाई मिशनरियों को तो सुविधा दे दी थी, लेकिन उदंत मार्तंड को कोई सुविधा नहीं दी। डेढ़ साल में कुल 89 अंक प्रकाशित करने के बाद इस पत्र को अल्पायु में ही बंद करना पड़ा। भारतीय जनसंचार संस्थान ने अपने पुस्तकालय का नाम 'जुगल किशोर शुक्ल' के नाम पर रखा है।
उन्होंने बताया कि इस अवसर पर 'हिंदी पत्रकारिता:- कल आज और कल' विषय पर एक निबंध लेखन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें महाविद्यालय की हिंदी विभाग और पत्रकारिता विभाग के विद्यार्थियों ने सामूहिक रूप से प्रतिभागिता की।
पत्रकारिता और जनसंचार के प्रवक्ता सुशील दत्त ने भी विद्यार्थियों को एक सजग पत्रकार की समाज में भूमिका के बारे में बताया। इस अवसर पर एक ओर जहाँ बी.ए.(पत्रकारिता व जनसंचार) की विद्यार्थी मनीषा लांबा ने कविता 'हाँ मैं पत्रकार हूँ’ सुनाई, वहीं दूसरी ओर कमलेश शर्मा तथा प्रीति यादव ने भी हिंदी पत्रकारिता दिवस के संदर्भ में अपने विचार रखे।
प्राचार्य डॉ. अभय सिंह यादव ने गुड़ियानी के बाबू बालमुकुंद गुप्त को हिंदी पत्रकारिता का मसीहा बताते हुए कहा कि अंग्रेजों के समय में उनकी लेखनी ने भी जनमानस को खूब जगाया था।
इस अवसर पर हिंदी विभाग से प्राध्यापिका प्रवीण कुमारी, अंग्रेजी विभाग से प्रतिभा यादव सहित रवि कुमार, भूपेश, सुनील, मीना, सोनिका, कविता, सोनिका लांबा, लोकेश, तरुण आदि अनेक विद्यार्थी भी उपस्थित रहे।
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