Godda News: हित धारक एवं प्रतिभागियों को कराया गया दायित्व बोध


ग्राम समाचार, गोड्डा ब्यूरो रिपोर्ट:- आज दिनांक 14.12.2021 को उप-विकास आयुक्त गोड्डा चंदन कुमार की अध्यक्षता में सभी हितधारकों के साथ बाल-विवाह उन्मूलन कार्य-योजना (डीआईपी) के क्रियान्वयन पर ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की गयी। बैठक में स्वास्थ्य, शिक्षा, जिला समाज कल्याण, सूचना एवं जनसंपर्क, परिवहन, श्रम, नगर निगम, कल्याण विभाग, जिला बाल संरक्षण इकाई, सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, जेएसएलपीएस, तेजस्वनी परियोजना, एनएसएस, एनवाईके, गैर-सरकारी संस्था, चाइल्ड लाइन, सामाजिक कार्यकर्ता सम्मिलित हुए। बैठक में जिला स्तर पर बाल-विवाह उन्मूलन के लिए तैयार की गयी कार्य योजना के क्रियान्वयन हेतु सभी संबंधित विभाग, संस्था एवं हितधारकों को विस्तृत जानकारी दी गयी एवं पुनः दायित्वबोध कराया गया उनके द्वारा किए गए कार्यों के समीक्षा के लिए वांछित प्रपत्र में प्रतिवेदन की मांग की गयी। यूनिसेफ-एक्शन एड के जिला समन्वयक अमित कुमार ने डीआईपी की प्रस्तुतीकरण करते हुए विभिन्न हितधारकों को दायित्वबोध कराया एवं प्रत्येक बिदुओं पर बारीकी से चर्चा की और बताया कि कार्य-योजना में सभी संबंधित विभाग, संस्था, हितधारकों को सम्मिलित किया गया है। संरक्षण पदाधिकारी विकास चन्द्र ने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है, जो वर्षों से चली आ रही है, इसके उन्मूलन के लिए सभी की सहभागिता जरुरी है। बाल-संरक्षण से संबंधित मामले एवं मुक्त कराये गए बच्चों की गोपनीयता के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी रितेश कुमार ने बालकों के पुनर्वास, विभिन्न योजनाओं से जोड़कर सशक्तिकरण, जागरूकता एवं उन्मुखीकरण कार्यक्रमों के आयोजन, गैर-सरकारी/ स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा अपेक्षित सहयोग, प्रखण्ड एवं ग्राम बाल संरक्षण समिति की सक्रियता आदि महत्वपूर्ण विषयों पर बिंदुवार चर्चा की। कहा कि इस कुप्रथा के अंत के लिए जनप्रतिनिधियों की भी भूमिका अहम है, सरकार द्वारा जारी निर्देशिका में ग्राम स्तर की बाल संरक्षण समिति में उन्हें अध्यक्ष के रूप में सम्मिलित किया गया है। इन समितियों को सक्रिय किया जाएगा।यूनिसेफ झारखण्ड के चाइल्ड स्पेशलिस्ट प्रीति श्रीवास्तव ने जिला प्रशासन, जिला बाल संरक्षण इकाई गोड्डा एवं संबंधित हितधारकों द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि उनके द्वारा किए गए प्रयास ने रंग लाया है । नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 2015-16 में झारखण्ड राज्य में गोड्डा 63.5% के साथ सर्वाधिक बाल-विवाह दर वाला जिला था, जो कि वर्तमान सर्वेक्षण 2020/21 में घट कर 48.5% हो गया है एवं वर्तमान सर्वे में, अब यह सर्वाधिक बाल-विवाह दर वाला जिला नहीं है। यह एक अच्छी प्रगति है। उप-विकास आयुक्त चंदन कुमार के द्वारा बाल-विवाह वाले हॉट-स्पॉट्स को चिन्हित करने कहा गया एवं सभी संबंधित विभाग, संस्था एवं हितधारक को ससमय जिला बाल संरक्षण इकाई, गोड्डा को डीआईपी के क्रियान्वयन संबंधी अनुपालन-प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निदेश दिया| बैठक के अंत में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी कालानाथ ने उपस्थित उप-विकास आयुक्त, मुख्य अतिथि, सभी विभागीय पदाधिकारी, संस्थाओं के प्रतिनिधि, हितधारक एवं प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापन किया तदोपरांत बैठक की समाप्त की गयी।

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Editor - भूपेन्द्र कुमार चौबे

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- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)

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