झगरू पंडित का पार्थिव देह ● फ़ोटो श्रोत स्वजन |
ग्राम समाचार,जामताड़ा। जामताड़ा जिले के करमाटांड़ प्रखंड अंतर्गत पीपराशोल गांव के झारखंड आंदोलनकारी झगरू पंडित ने बुधवार रात को 92 साल की उम्र में अंतिम सांस अपने निजी आवास में लिया। उनके निधन पर प्रजापति समाज में अपूरणीय क्षति हुई है। गुरुवार को उनके आवास पर कई दलों के नेतागण व समाजसेवक पहुंचे और अंतिम दर्शन कर उनकी आत्मा शांति की कामना किया। वे अपने पीछे विधवा पुत्रवधु, पोता नीतीश कुमार,परपोता रास बिहारी पंडित को छोड़कर गए हैं।
कौन थे झगरू पंडित:
झगरू पंडितका जन्म 30 सितंबर 1930 को हुआ था। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के साथ अलग झारखंड की मांग आंदोलन का संखनाद किया था। वे महान समाजसेवी स्वतंत्रता सेनानी झारखंड आंदोलन कारी पुरे समाज तथा झारखंड मुक्ति मोर्चा के पथ प्रदर्शक, चिरुडीह महाजनी प्रथा विरोध से लेकर पारसनाथ पुण्डी में शिबू सोरेन के साथ अज्ञातवास में रहे थे। 1980 के दशक में गरमा धान व मकई की खेती में वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ा था। उस समय के उपायुक्त यूडी चौबे ने उन्हें कृषि पंडित की उपाधि देकर सम्मानित किया था। उनके देहांत से एक ओर जहां प्रजापति समाज ने शोक जताया है।
✍️ केसरीनाथ, ग्राम समाचार
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