प्रदेश सरकार कोरोना की आड़ में सरकारी कर्मचारियों के वित्तीय लाभ रोके हुए है जबकि सरकारी अर्थव्यवस्था पुनः पूर्ण रूप से पटरी पर लौट चुकी है इससे प्रतीत होता है कि कर्मचारियों के प्रति सरकार की नीयत में खोट है।
यह बात रोडवेज एस सी एंप्लॉइज संघर्ष समिति आॅफ हरियाणा के राज्य वरिष्ठ उपप्रधान शेरसिंह वं एवम रोडवेज एस सी यूनियन के राज्य उपप्रधान सुखबीर सिंह व राजेशकुमार ने यहां जारी अपने बयान में कही। शेरसिंह ने कहा कि परिवहन विभाग रोडवेज कर्मचारियों को दीपावली के अवसर पर मिलने वाले बोनस को पिछले पांच सालों से डकार रही है और रोडवेज के हजारों कर्मचारी सरकार से आस लगाए बैठे हैं कि शायद सरकार इस बार दिवाली पर ही कर्मचारियों को बोनस का तोहफा दे दे। इसके अलावा सरकार कर्मचारियों को प्रति चार वर्ष में मिलने वाली एलटीसी को पर भी रोक लगाए बैठी है जबकि कोरोना काल में लगी सभी प्रतिबंधियां लगभग हट चुकी है और सरकारी अर्थव्यवस्था पुनः पूर्ण रूप से पटरी पर लौट चुकी है। इसके बावजूद भी सरकार सरकारी कर्मचारियों व पैंशन भोगियों को 7 वें वेतन आयोग के लाभ देने में ढुलमुल रवैया अपनाए हुए है। जिससे कर्मचारियों में गहरा रोष व्याप्त है।
सुखबीर ने कहा कि सरकार अनुसूचित जाति के कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण का प्रावधान करने वाली श्री अनिल कुमार आईएएस कमेटी की रिपोर्ट को लागू नहीं करवा पा रही। परिवहन विभाग के अधिकारियों की मनमानी और दमनकारी नीति के चलते विभाग के अनुसूचित जाति के कर्मचारियों के हक और अधिकारों का हनन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार अनुसूचित जाति के कर्मचारियों को 17.06.1995 से प्रमोशन में आरक्षण के आंकड़ों का आंकलन करते हुए नौकरियों में आरक्षण का संपूर्ण बैकलॉग भरे। राजेश कुमार ने कहा कि सरकार प्रदेश के कर्मचारियों को पुरानी पैंशन स्कीम में शामिल करे। उन्होंने कहा कि सरकार यदि कर्मचारियों को मिलने वाले लाभों पर इसी प्रकार अंकुश लगाए रही तो प्रदेश के कर्मचारी आंदोलन करने पर विवश होंगे।
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