Jamtara News:गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अनुशासन मेरी पहली प्राथमिकता : बलराम कुमार झा

 


ग्राम समाचार, जामताड़ा।श्री बलराम कुमार झा ने सावित्री देवी डीएवी पब्लिक स्कूल, जामताड़ा में द्वितीय प्राचार्य के रूप में 1 अक्टूबर को पदभार ग्रहण किया है। नवनियुक्त प्राचार्य की शिक्षा-दीक्षा मैथन, भिलाई, रायपुर, सिक्किम एवं पंजाब की कई संस्थाओं में हुई है। इसके अलावा उन्होंने उड़ीसा, दुर्ग, रायपुर के क‌ई विद्यालयों के साथ-साथ डीपीएस, बोकारो में लंबे समय तक अध्यापन का कार्य किया है। आज विद्यालय में एक संक्षिप्त परिचय सत्र का आयोजन किया गया। इस परिचय सत्र में स्थानीय शासी निकाय के अध्यक्ष श्री कपीश परसुरामका, चेंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव श्री संजय अग्रवाल, शिक्षक श्री एस के दास, डॉ रीता नाग, बी एन सिंह, डॉ राघवेंद्र तिवारी, भोला महतो, संतोष कुमार आदि उपस्थित थे। प्रस्तुत है उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश -

प्रश्न : सर्वप्रथम प्राचार्य के रूप में नियुक्ति पर बधाई ! नई जगह, नया परिवेश पाकर आपको कैसा अनुभव हो रहा है ?

उत्तर : सबसे पहले बधाई के लिए आप लोगों को धन्यवाद ! मैं डीएवी प्रबंधकर्तृ समिति का आभारी हूँ जिन्होंने मुझे यह दायित्व सौंपा है। मैं प्रयास करूँगा कि अपने दायित्व के निर्वहन में खरा उतरूँ। रहा प्रश्न 'नई जगह, नया परिवेश' की बात तो देखिए हर जगह की कुछ अपनी विशेषताएँ होती हैं। कुछ उपलब्धियाँ हैं तो कुछ कमियाँ भी हैं। मैं संघर्ष पर बल देता हूँ। मैं नया अनुकूल वातावरण तैयार करने का पक्षधर हूँ। आशा करता हूँ कि इस कार्य में सभी का सहयोग मिलता रहेगा।

प्रश्न : शिक्षण परिवेश के संदर्भ में आपकी प्राथमिकताएँ क्या हैं ?

उत्तर : गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अनुशासन। मेरा पहला प्रयास होगा कि अपने विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराऊँ। चूँकि अनुशासन के बिना यह संभव नहीं है। अतः बेहतर वातावरण बनाने के लिए अनुशासन पर जोर दूँगा।

प्रश्न : अभिभावकों से आपकी क्या अपेक्षा है ?

उत्तर :अभिभावकों से पूर्ण सहयोग की अपेक्षा रखता हूँ। विद्यालय प्रबंधन समय-समय पर जो नीति निर्धारित करेगा अभिभावक उनका पालन करें। यह उनसे अनुरोध है।

प्रश्न : कोरोना काल में पठन-पाठन बहुत हद तक प्रभावित हुआ है। इस संदर्भ में आपकी क्या राय है ?

उत्तर : यह सही है कि कक्षा अध्यापन का कोई विकल्प नहीं है, परंतु इस संकट काल में नई तकनीकी के प्रयोग से बहुत हद तक इसकी भरपाई हुई है। हमारे विद्यालय ने ऑनलाइन शिक्षण में बेहतर काम किया है। अभी संचालित कक्षाओं में हम कक्षा अध्यापन के साथ-साथ ऑनलाइन लाइव कक्षाएँ भी उपलब्ध करा रहे हैं। हमारे शिक्षक इसके प्रति कृतसंकल्पित होकर कार्य कर रहे हैं। वे नए-नए विकल्पों का अनुप्रयोग करते हुए विद्यार्थियों के ज्ञानवर्धन का हर संभव प्रयास कर रहे हैं।

प्रश्न : ऑनलाइन शिक्षण में अभिभावकों की भूमिका क्या होनी चाहिए ?

उत्तर : ऑनलाइन शिक्षण अभिभावकों के सहयोग के बिना कारगर नहीं हो सकता। अभिभावक अपने रक्षित/ रक्षिता के पठन-पाठन की निगरानी करें। उन्हें प्रेरित करें एवं समय पर कार्य निष्पादन में सहयोग करें।

प्रश्न :बेहतर शिक्षण में समय का अनुपालन कितना आवश्यक है ?

उत्तर :बेहतर शिक्षण में समय का अनुपालन अति आवश्यक है। विद्यार्थियों को सदैव सजग रहना चाहिए एवं दिए गए कार्यों का निष्पादन समय पर करना चाहिए। तभी वह बेहतर परिणाम ला सकते हैं।

प्रश्न :नई शिक्षा नीति के संदर्भ में आपके विचार क्या हैं ?

 उत्तर : नई शिक्षा नीति के प्रावधान विद्यार्थियों के समग्र विकास पर केंद्रित है। ज़रूरत है कि इसके प्रावधानों का पूरी तरह पालन हो। इसमें ज्ञान एवं कौशल पर बल दिया गया है। यह विद्यार्थियों की उन्नति में सहायक होगी।

प्रश्न : शिक्षा जगत में प्रतिद्वंदिता के संदर्भ में आपके विचार क्या हैं ?

उत्तर :आज हर क्षेत्र में प्रतिद्वंदिता है। मेरा मानना है कि प्रतिद्वंदिता आवश्यक है, बशर्ते वह स्वस्थ हो। हमारा प्रयास अपनी संस्था को उच्चतम शिखर पर ले जाने का होगा। हम अपने विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य एवं व्यक्तित्व निर्माण पर बल देंगे।

श्री संजय अग्रवाल ने विद्यालय के उन्नयन में चेंबर की ओर से हर संभव सहयोग करने का वचन दिया है।

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Editor - कौशल औझा, जामताड़ा (झारखंड)

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- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)

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