ग्राम समाचार जामताड़ा । मंगलवार दोपहर बाद से शुरू हुई झमाझम बारिश ने दूसरे दिन बुधवार को दोपहर बाद तक लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर रखा है हालांकि बारिश से किसान उत्साहित है। धान रोपनी को गति मिली है। 52 हजार हेक्टेयर निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध 91 फ़ीसदी खेतों में धान रोपनी संपन्न हो चुकी है शेष 9 फ़ीसदी खेतों में धान रोपनी की कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। जिले में मंगलवार को 18.5 मिली मीटर जबकि बुधवार को 78.7 मिलीमीटर बारिश हुई है। बारिश का परिणाम रहा की बुधवार सुबह से ही लोग अपने घरों में दुबके रहा। शाम करीब 4:00 बजे के बाद बारिश ने विराम लिया तभी लोग आवाजाही शुरू किया। ठंडा हवा के साथ ऐसे बारिश सर्दी खांसी बुखार को बढ़ावा दे सकता है। कई घरों में सर्दी खांसी बुखार के मरीज देखने को मिल रहा है।
बारिश के कारण शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्र में कई मिट्टी के मकान ध्वस्त हो गए वही जिला मुख्यालय सहित प्रखंड मुख्यालय के कई सड़कें कीचड़ में तब्दील हो गया जिससे आवागमन में दिक्कत हो रहा है। लगातार हो रही बारिश से जनजीवन प्रभावित रहा सड़कों पर सुबह से ही सन्नाटा पसरा नजर आया बारिश से शहर तथा ग्रामीण इलाकों के विभिन्न मोहल्लों में जलभराव हो गया जिससे लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा वही नदियों का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने से नदी के आसपास के गांव के लोग काफी चिंतित नजर आए इस बारिश में करीब एक दर्जन मिट्टी के मकान ध्वस्त होने की सूचना है जामताड़ा नगर पंचायत क्षेत्र के सरखेलडीह निवासी सिराजुद्दीन अंसारी एवं ताबुल अंसारी का मिट्टी का मकान को अचानक धारासही हो गया जिससे घर के सदस्य बाल बाल बच गए बताया जाता है कि मिट्टी का मकान काफी पुराना है जबकि पीड़ित परिवार के अगल बगल के लोग पक्का मकान बना चुके हैं वैसे में बारिश का पानी घर के अंदर वह दीवार के चारों और जमा हो जाता है जिससे मिट्टी का मकान काफी गीला हो गया यही वजह से बुधवार को अचानक घर धारा सही हो गया पीड़ित परिवार ने जिला प्रशासन व नगर पंचायत से क्षतिपूर्ति के लिए मुआवजा की मांग की है ताकि फिर से अपना घर की मरम्मत कर सकें वही लगातार हो रही बारिश से किसानों को काफी क्षति पहुंचा है एक और जहां धान की फसल को लाभ हुआ है वहीं दूसरी ओर भिंडी टमाटर करेला नेनुआ हरी मिर्च बेगन धनिया पत्ती मुरली पत्ता गोभी फूलगोभी सहित अन्य सब्जी फसल को नुकसान हुआ है जिससे किसानों में मायूसी है।
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