Rewari News : मूंग के बीज पर राज्य सरकार द्वारा दी जा रही 90 फीसदी सब्सिडी : उपायुक्त

रेवाड़ी, 20 जुलाई। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा फसलों की सुगम खरीद, मुआवजा व अन्य योजनाओंं का सीधा लाभ देने के लिए सरकार ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल शुरू किया है। इस पोर्टल पर सभी किसानों को अपनी खेती योग्य जमीन का ब्यौरा दर्ज करवाना है।



उपायुक्त यशेन्द्र सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि किसान आगामी 31 जुलाई तक पंजीकरण करवा सकते हैं। किसानों की आय सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार का यह एतिहासिक कदम है। उन्होंने  कहा कि सरकार चाहती है कि हर खेत की जानकारी सरकार के पास हो ताकि किसानों को उनकी जरूरत के अनुसार योजनाओंं का लाभ दिया जा सके। उन्होंने कहा कि इस पोर्टल पर जिन किसानों ने अपनी जमीन खाली छोड़ी हुई है उन्हें भी अपने खाली खेत की जानकरी देनी है। किसानों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर ही किसानों को सुविधाएं दी जाएंगी।
उन्होंने बताया कि फसल विविधिकरण योजना के तहत बाजरे के स्थान पर दूसरी फसल लगाने के लिए जिले में 13 हजार 50 एकड़ का लक्ष्य रखा गया हैं। उन्होंने किसानों से आह्वïान किया कि अभी भी मूंग की बिजाई का समय है, किसान मूंग की बिजाई करें। मूंग के बीज पर राज्य सरकार 90 फीसदी सब्सिडी दे रही है। इसके अलावा अगर जिस किसान ने पिछली बार बाजरे की बिजाई की थी वहां पर इस बार मूंग की खेती करता है तो उसे सरकार 4 हजार रुपए प्रति एकड़ देगी। उन्होंने कहा कि मूँग की फसल लगभग 70 दिन में तैयार हो जाती है। किसान इसके बाद सरसोंं की बिजाई कर सकता है। एक एकड़ में किसान आराम से लगभग 20 हजार की मूंग का उत्पादन कर सकता है। इससे जमीन की उर्वरा शक्ति भी बनी रहेगी।
उन्होंने बताया कि इस लक्ष्य के अन्तर्गत मूँग के लिए 12 हजार 250 एकड, अरंड के लिए 300 एकड़ व मूँगफली के लिए 500 एकड़ का लक्ष्य रखा गया हैं। उन्होंने बताया कि उपरोक्त दलहन व तिलहन फसलों के साथ-साथ अन्य दलहन व तिलहन फसलों पर भी प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि गत वर्ष खरीफ फसल के दौरान जिलें में 70 हजार  हेक्टेयर भूमि पर बाजरे की पैदावार की गई थी।
उपायुक्त यशेन्द्र सिंह नेे जिले के किसानों से आह्वïान किया है कि वे फसल चक्र को अपना कर ज्यादा से ज्यादा लाभ उठायें,  फसल चक्र को अपना से एक ओर जमीन की उपजाऊ शक्ति बढती है, वही दूसरी ओर किसान को दलहन व तिलहन फसलों की पैदावार से अधिक लाभ मिलता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी किसानों की आय बढाना चाहती है इसलिए जिले के किसान बाजरे की बजाए दलहन व तिलहन की फसलोंं को ज्यादा से ज्यादा अपनाएं ताकि किसानोंं की आमदनी में वृद्धि हो तथा देश में दलहन व तिलहन की आपूर्ति भी बढ़े सकें।
इस संबंध में अन्य किसी भी जानकारी के लिए किसान अपने खंड कृषि अधिकारी कार्यालय में जाकर जानकारी ले सकते हैं।
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Editor - राजेश शर्मा : रेवाड़ी (हरि.) - 9813263002

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