Pathargama News: बिजली की आंख मिचौली से उपभोक्ता परेशान




ग्राम समाचार, पथरगामा:- पिछले कुछ दिनों से पथरगामा में बिजली  पावर सबस्टेशन कर्मियों के जेब की जागीर बन गई है जिसके चलते पथरगामा के विद्युत उपभोक्ता विद्युत विभाग के मनमाने रवैया से इस उमस भरी गर्मी से काफी परेशान हो गए हैं l प्रत्येक आधे घंटे बाद बिजली काट दी जाती है जिसके चलते सबसे ज्यादा परेशानी बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग और बीमार लोगों को उठानी पड़ रही है| 24 घंटे में बाबू की लोगों को 16 घंटे भी अच्छे ढंग से बिजली नहीं मिल पा रही है| मंगलवार की रात तो तब हद हो गई लोगों का पंखा सिर्फ घूम रहा था परंतु उसमें इतनी उर्जा नहीं थी की वह लोगों के तप बदन को ठंडक पहुंचा सके| इस समस्या के बारे में पूछे जाने पर विभागीय कनीय अभियंता और पावर सबस्टेशन कर्मी श्रीपुर ग्रिड से 4 मेगा वाट पावर मिलने की बात बताई| हालांकि विभागीय कनिया अभियंता दीपक कुमार रजक कुछ अलग ही बयानबाजी कर दिया| पावर कम मिलने के अलावा उनका कहना था कि हो सकता है कहीं का जंपर कट गया हो पता करके बताता हूं और वह पता करके बताते ही रह गए जिसके चलते उपभोक्ता रात भर गर्मी में झुलस कर रह गए| इधर जब पावर कम देने के बाबत श्रीपुर पावर ग्रिड से संपर्क स्थापित किया जाता है तो उनके द्वारा बताया गया कि रांची सीएलडी से ही हम लोगों को कम पावर देने का आदेश प्राप्त होता है। इसी कारण हम लोग बिजली की सप्लाई कम कर देते हैं जबकि ग्रेड में पावर की कोई कमी नहीं है| हालांकि यह विरोधाभासी गंभीर विषय है जो विचारणीय है जिसका फैसला आखिर कर विद्युत विभाग को ही करना है| हालांकि कारण चाहे जो भी रहे परंतु बार-बार बिजली रानी के द्वारा की जा रही आंख मिचौली से विद्युत उपभोक्ताओं में आक्रोश गहराता जा रहा है| अभिषेक चौबे उर्फ सोनू चौबे, सचिंद्र चौबे, अतुल चतुर्वेदी, दीपक कुमार भगत, अजय कनोडिया, अजय श्रीवास्तव, रोहित ठाकुर, राजेश भगत, गुड्ड मिश्रा आदि अनेकों विद्युत उपभोक्ताओं ने विद्युत आपूर्ति में सुधार करने की मांग की है|

अमन राज:- 

Share on Google Plus

Editor - भूपेन्द्र कुमार चौबे

ग्राम समाचार से आप सीधे जुड़ सकते हैं-
Whatsaap Number -8800256688
E-mail - gramsamachar@gmail.com

* ग्राम समाचार से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें

* ग्राम समाचार के "खबर से असर तक" के राष्ट्र निर्माण अभियान में सहयोग करें। ग्राम समाचार एक गैर-लाभकारी संगठन है, हमारी पत्रकारिता को सरकार और कॉरपोरेट दबाव से मुक्त रखने के लिए आर्थिक मदद करें।
- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें