विधानसभा चुनाव से पूर्व किये गए वादे को पूरा करें- नैनी प्रसाद गोराई
ग्राम समाचार नाला:
विधानसभा चुनाव पूर्व पारा शिक्षकों के साथ किए गए वादों को पूरा करें, अन्यथा उग्र आंदोलन होगी, उक्त बातें जामताड़ा जिले के नाला प्रखंड अंतर्गत गेड़िया शैक्षणिक अंचल के एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बारहघरिया सीआरसी अध्यक्ष नैनी प्रसाद गोरांई ने कही। उन्होंने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि हेमंत सरकार ने विधानसभा चुनाव पूर्व वादा किया था कि अगर उनकी सरकार बनती है तो तीन महीने के अंदर पारा शिक्षकों को स्थाईकरण एवं वेतनमान दी जाएगी।लेकिन हेमंत सोरेन विधानसभा चुनाव जीतकर सत्तासीन होने को करीब दो वर्ष बीत गए, लेकिन सरकार द्वारा अब तक पारा शिक्षकों को बदहाल अवस्था में छोड़ देना दुखद है। हालांकि सरकार बनने के समय तत्कालीन शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो ने पारा शिक्षकों का मामला विधानसभा में उठाया था लेकिन मंत्री महोदय का अचानक कोरोना के चपेट में आने से वह इलाज के लिए चेन्नई चले गए तथा पारा शिक्षको का मामला अधर में लटक गया। वर्तमान में शिक्षा मंत्री का पद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास है , फिर भी पारा शिक्षक मुस्फिलि मे अपनी जिंदगी जीने को विवश है ।मालूम हो कि अन्य राज्यो छत्तीसगढ़, बिहार, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली आदि पड़ोसी राज्य में पारा शिक्षकों का स्थायीकरण करते हुए वेतनमान दिया जा रहा है, लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि झारखंड मे अकूत खनिज संपदा होने के बावजूद झारखंड के पारा शिक्षक अल्प मानदेय मे रेंग-रेंगकर जिंदगी जीने को मजबूर है । सनद रहे कि पारा शिक्षक सरकारी शिक्षक की तरह चुनाव कार्य, पशुगणना, बीपीएल सर्वे, कोविड-19 में ड्यूटी जैसे महत्वपूर्ण कार्य में समान भागीदारी निभाते हैं , फिर भी उनके साथ हमेशा सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। श्री गोरांई ने सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पंद्रह अगस्त को पारा शिक्षकों को वेतनमान देने की मांग की है, अन्यथा की स्थिति मे सोलह अगस्त से पारा शिक्षक आर पार की लड़ाई लड़ने को बाध्य होंगे, जिसकी सारी जवाबदेही सरकार की होगी ।
फाइल फोटो--एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा बारघरिया सीआरसी अध्यक्ष-- नैनी प्रसाद गोराई
मधुमिता कुमारी, ग्राम समाचार नाला( जामताड़ा)
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