Godda News: अमृत महोत्सव के अवसर पर वृक्षारोपण अभियान चलाया गया



ग्राम समाचार, गोड्डा ब्यूरो रिपोर्ट:-  भारत की आजादी के 75 वें वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में भारत के अमृत महोत्सव के तहत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के स्थापना दिवस (16 जुलाई) के अवसर पर वृक्षारोपण अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत देशभर में 10 लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आईसीएआर के महानिदेशक डाॅ0 त्रिलोचन महापात्रा की अध्यक्षता में कृषि भवन, नई दिल्ली से एक वेबिनार आयोजित किया गया।इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण ग्रामीण विकास ट्रस्ट-कृषि विज्ञान केंद्र, गोड्डा के सभागार में प्रगतिशील किसानों को दिखाया गया तथा वृक्ष के महत्व एवं वृक्षारोपण पर किसानों को प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि सैदापुर पंचायत की मुखिया रीता देवी, जिला कृषि पदाधिकारी डाॅ0 रमेश चन्द्र सिन्हा, जिला उद्यान पदाधिकारी सुनील कुमार एवं वरीय वैज्ञानिक-सह-प्रधान डाॅ0 रविशंकर ने किया। इस कार्यक्रम की थीम "हर मेड़ पर पेड़" है। मुख्य अतिथि सैदापुर पंचायत की मुखिया श्रीमती रीता देवी ने कहा कि वृक्षों के बिना हमारा जीवन शून्य है। वृक्ष ना सिर्फ हमे ऑक्सीजन प्रदान करते है, बल्कि कार्बन डाइऑक्साइड जैसे अन्य हानिकारक गैसों को अपने अंदर अवशोषित करते है। जिसकी वजह से हमारे आस-पास का वातावरण शुद्ध और ताजा हवा का संचार होता रहता है। जिला कृषि पदाधिकारी डाॅ0 रमेश चन्द्र सिन्हा ने कहा कि दुनिया मे किसी भी देश का वातावरण उस देश की वर्षा और वायुमंडलीय तापमान पर निर्भर करता है और किसी भी देश की वर्षा और वायुमंडलीय तापमान उस देश के वृक्षों पर निर्भर करता है। पेड़ों से वर्षा का संतुलन बना रहता है, जिससे कृषि को बहुत फायदा होता है। जिला उद्यान पदाधिकारी सुनील कुमार ने कहा कि पेड़-पौधों का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। पेड़ से हमें फल, पशु चारा, जलाने के लिए लकड़ियाँ, फर्नीचर बनाने के लिए प्राप्त होती हैं। मेड़ पर फलदार तथा फूलों के पौधे लगाने से फल और फूल तो मिलते ही हैं साथ ही साथ छाया मिलती है और पत्तियों के गिरने से खेत की उर्वरा शक्ति में विकास होता है। पौधा सुरक्षा वैज्ञानिक डाॅ0सूर्यभूषण ने कोविड-19 के संकट काल में  ऑक्सीजन की कमी पर चर्चा करते हुए अधिक ऑक्सीजन देने वाले वृक्षों जैसे-पीपल, बरगद, नीम, बेल आदि महत्व पर प्रकाश डाला तथा वृक्षों को लगाने के लिए आह्वान किया। पशुपालन वैज्ञानिक डाॅ0 सतीश कुमार ने नीम, तुलसी एवं अर्जुन के औषधीय गुणों को विस्तारपूर्वक बताया। गृह वैज्ञानिक डाॅ0 प्रगतिका मिश्रा ने कहा कि वृक्षों का सबसे पहला फायदा यह है की, उसने हमे खाने के लिए फल और सब्जियां दी हैं। उद्यान वैज्ञानिक डाॅ0 हेमन्त कुमार चौरसिया ने कहा कि वृक्षारोपण का प्रचलन प्राचीनकाल से ही चला आ रहा है। सड़कों के किनारे बौद्ध भिक्षुओं, सम्राट अशोक, शेरशाह सूरी तथा मुगल बादशाहों के द्वारा भी बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया गया। बढ़ती हुई जनसंख्या तथा जंगलों पर पड़ने वाले दबाव को ध्यान में रखते हुए हर मेड़ पर पेड़ लगाने की सोच एक अदभुत निर्णय है। पेड़ -पौधों की जड़ों, पत्तियों, फल और फूलों का उपयोग करके कई प्रकार की जीवनरक्षक दवाएं बनाई जाती हैं। जिससे हमें गंभीर रोगों के इलाज मे मदद मिलती है। मौसम वैैज्ञानिक रजनीश प्रसाद राजेश ने कहा कि एक पेड़ 50 साल में 17.50 लाख रूपये का ऑक्सीजन उत्पादित करता है। 41 लाख रूपये के पानी का रिसायक्लिंग करता है तथा 35 लाख रूपये के वायु प्रदूषण का नियंत्रण एवं 18 लाख रूपये के जमीन कटाव के खर्च को रोकता है। प्रगतिशील युवा किसान नीरज कुमार ने कहा कि वृक्षों का हमारे जीवन में अमूल्य योगदान है। जीवन की दृष्टि से पर्यावरण मानव के लिए सर्वोच्च जरुरत है। जल, जंगल और जमीन तीनों उसके प्रमुख आधार हैं। प्रगतिशील किसान जयपाल मिश्रा ने कहा कि सौरमंडल में पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है जिसपर जीवन है क्योंकि यहाँ पर पेड़-पौधे उपस्थित है। केवीके परिसर में मुख्य अतिथि मुखिया श्रीमती रीता देवी, जिला उद्यान पदाधिकारी सुनील कुमार, वरीय वैज्ञानिक-सह-प्रधान डाॅ0रविशंकर समेत सभी वैज्ञानिक गण, कर्मचारी गण एवं प्रगतिशील महिला-पुरूष किसानों ने वृहद स्तर पर वृक्षारोपण किया। सभी प्रगतिशील महिला-पुरूष किसानों को अमरूद तथा सुबूबल के पौधे वितरित किया गया। उद्यान वैज्ञानिक डाॅ0 हेमन्त कुमार चौरसिया ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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Editor - भूपेन्द्र कुमार चौबे

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- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)

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