ग्राम समाचार, गोड्डा ब्यूरो रिपोर्ट:- जीवीटी-कृषि विज्ञान केंद्र, गोड्डा के सभागार में ग्रामीण युवक-युवतियों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन हो गया। प्रशिक्षण का विषय फसल बीज उत्पादन तकनीक था। युवाओं को कृषि में पूंजी लगा कर अच्छा व्यापार करने का हुनर सिखाने एवं तेलहनी फसलों जैसे सरसों, सरगुजा, तीसी,मूंगफली, तिल आदि के बीज उत्पादन के उद्देश्य से यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। वरीय वैज्ञानिक-सह-प्रधान डाॅ0रविशंकर ने नवयुवकों से कहा कि बीज उत्पादन तकनीक को सीखकर प्रमाणित बीज उत्पादन करके बीज ग्राम बनाकर बीज को बेचकर अपनी आय में वृद्धि करें। डीडीएम नाबार्ड निर्मल कुमार ने कहा कि यदि गांव में बीज अधिप्राप्ति केंद्र स्थापित हो जाए तो बीज का भंडारण आसानी से हो सकेगा और किसानों को समय से बीज प्राप्त हो सकेगा। सस्य वैज्ञानिक डाॅ0अमितेश कुमार सिंह ने कहा कि किसानों को तेलहनी फसल के बीज उत्पादन करके बीज ग्राम बनाकर ग्रामीण एवं जिला स्तर पर उत्तम गुणों से युक्त बीज बेच सकते हैं। उन्होंने बीज की परिभाषा, बीज के प्रकार, बीज उपचार, बीज की सुरक्षा एवं भंडारण की विस्तृत जानकारी दी। उद्यान वैज्ञानिक डाॅ0हेमन्त कुमार चौरसिया ने प्रोजेक्टर के माध्यम से नर्सरी का तैयारी, गूटी विधि से पौधा तैयार करना, मल्चिंग, कैनोपी मैनेजमेंट, बहुस्तरीय सब्जी उत्पादन तकनीक की विस्तृत जानकारी दी। कृषि प्रसार वैज्ञानिक डाॅ0 रितेश दुबे ने वेस्ट डीकम्पोजर का घोल, जैविक कीटनाशी तैयार करने की विधि तथा फसलो, सब्जियों एवं फलों में घोल का छिड़काव करने की विधि की विस्तृत जानकारी दी। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रक्षेत्र भ्रमण के दौरान नवयुवकों को नर्सरी की तैयारी, बैंगन का बीज उत्पादन, अमरूद की सघन बागवानी, कसावा, रसभरी, लेमन घास, सिट्रोनेला तथा पोषण वाटिका के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रशिक्षण के अन्त में किसानों को मिट्टी जांच पत्रक, अमरूद के पौधे एवं प्रमाण पत्र वितरित किया गया। मौके पर डाॅ0 सूर्यभूषण, डाॅ0 प्रगतिका मिश्रा मौजूद रहे। लुकपाॅल हेम्ब्रम, मलिक हांसदा, अरविन्द मरांडी, चन्द्र सोरेन, दिनेश हेम्ब्रम समेत 25 ग्रामीण युवक-युवतियाँ प्रशिक्षण में सम्मिलित हुए।
Godda News: पांच दिवसीय कृषि प्रशिक्षण संपन्न
ग्राम समाचार, गोड्डा ब्यूरो रिपोर्ट:- जीवीटी-कृषि विज्ञान केंद्र, गोड्डा के सभागार में ग्रामीण युवक-युवतियों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन हो गया। प्रशिक्षण का विषय फसल बीज उत्पादन तकनीक था। युवाओं को कृषि में पूंजी लगा कर अच्छा व्यापार करने का हुनर सिखाने एवं तेलहनी फसलों जैसे सरसों, सरगुजा, तीसी,मूंगफली, तिल आदि के बीज उत्पादन के उद्देश्य से यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। वरीय वैज्ञानिक-सह-प्रधान डाॅ0रविशंकर ने नवयुवकों से कहा कि बीज उत्पादन तकनीक को सीखकर प्रमाणित बीज उत्पादन करके बीज ग्राम बनाकर बीज को बेचकर अपनी आय में वृद्धि करें। डीडीएम नाबार्ड निर्मल कुमार ने कहा कि यदि गांव में बीज अधिप्राप्ति केंद्र स्थापित हो जाए तो बीज का भंडारण आसानी से हो सकेगा और किसानों को समय से बीज प्राप्त हो सकेगा। सस्य वैज्ञानिक डाॅ0अमितेश कुमार सिंह ने कहा कि किसानों को तेलहनी फसल के बीज उत्पादन करके बीज ग्राम बनाकर ग्रामीण एवं जिला स्तर पर उत्तम गुणों से युक्त बीज बेच सकते हैं। उन्होंने बीज की परिभाषा, बीज के प्रकार, बीज उपचार, बीज की सुरक्षा एवं भंडारण की विस्तृत जानकारी दी। उद्यान वैज्ञानिक डाॅ0हेमन्त कुमार चौरसिया ने प्रोजेक्टर के माध्यम से नर्सरी का तैयारी, गूटी विधि से पौधा तैयार करना, मल्चिंग, कैनोपी मैनेजमेंट, बहुस्तरीय सब्जी उत्पादन तकनीक की विस्तृत जानकारी दी। कृषि प्रसार वैज्ञानिक डाॅ0 रितेश दुबे ने वेस्ट डीकम्पोजर का घोल, जैविक कीटनाशी तैयार करने की विधि तथा फसलो, सब्जियों एवं फलों में घोल का छिड़काव करने की विधि की विस्तृत जानकारी दी। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रक्षेत्र भ्रमण के दौरान नवयुवकों को नर्सरी की तैयारी, बैंगन का बीज उत्पादन, अमरूद की सघन बागवानी, कसावा, रसभरी, लेमन घास, सिट्रोनेला तथा पोषण वाटिका के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रशिक्षण के अन्त में किसानों को मिट्टी जांच पत्रक, अमरूद के पौधे एवं प्रमाण पत्र वितरित किया गया। मौके पर डाॅ0 सूर्यभूषण, डाॅ0 प्रगतिका मिश्रा मौजूद रहे। लुकपाॅल हेम्ब्रम, मलिक हांसदा, अरविन्द मरांडी, चन्द्र सोरेन, दिनेश हेम्ब्रम समेत 25 ग्रामीण युवक-युवतियाँ प्रशिक्षण में सम्मिलित हुए।
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