ग्राम समाचार,बौंसी,बांका।
प्रखंड के आदिवासी बहुल सरूआ पंचायत के रतनसार एवं आसपास गांव में जल, जंगल और जमीन की लड़ाई जारी है। अनुसूचित जनजाति और अन्य परम्परागत वन निवासियों को वन अधिकार की मान्यता के लिए सरकारी अधिनियम की दी जाएगी जानकारी। एक दिवसीय प्रशिक्षण सभा का आयोजन आगामी 25 फरवरी को किया गया है। प्रखंड के सरुआ पंचायत अंतर्गत चंदवैगढ़ मैदान में प्रशिक्षण सभा आयोजित होंगे। जिसमें वन अधिकार की मान्यता अधिनियम 2006, नियम-2008, संशोधित नियम-2012 की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। एक दिवसीय प्रशिक्षण सभा में बिहार एकता परिषद पटना के संयोजक प्रदीप प्रियदर्शी सहित वन अधिकार
समिति के जिला सदस्य सोनेलाल किस्कू, जिला परिषद सदस्य गणेश मुर्मू और स्थानीय बिरसा सोरेन भागीदारी करेंगे। पिछले दिनों रतनसार सहित आसपास गांव में आदिवासी जनजातियों की खतियानी, गैरखतियानी एवं बंदोबस्ती जमीन जहांं पुश्तैनी अधिकार है। उसे वन विभाग कर्मी डिमार्केशन करते घेराबंदी कर रहे थे। जेसीबी से ट्रंच की खुदाई कर आदिवासी जनजातियों का सौ साल से अधिक समय से काबीज धान की खेती की जमीन पर वन विभाग ने पौधरोपण के लिए घेराबंदी का काम शुरू किया था। तब आदिवासी समुदाय के लोगों ने घोर विरोध करते हुए पारंपरिक हथियारों से लैैस होकर बाजे-गाजे के साथ प्रदर्शन किया था। हालांकि तत्कालिक प्रभाव से कार्य को रोक दिया गया है। वहीं इस कार्य को लेकर गांव वालों को वन विभाग के अधिकारी डरा धमका रहे हैं और अपराधिक मुकदमा दर्ज करने की बात कर रहे हैं।
कुमार चंदन, ग्राम समाचार संवाददाता, बौंसी।
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें