ग्राम समाचार, भागलपुर। कृषक उपज के व्यापार और वाणिज्य सरलीकरण विधेयक 2020 है। यह कानून निकट भविष्य में सरकारी कृषि मंडी की प्रसंगिकता खत्म कर देगा। सरकार निजी क्षेत्र को बिना किसी पंजीकरण और बिना किसी जवाबदेही के कृषि उपज के क्रय विक्रय की खुली छूट दे रही है। इस कानून की आड़ में सरकार निकट भविष्य में खुद बहुत अधिक अनाज खरीदने की योजना पर काम कर रही है। सरकार चाहती है कि अधिक से अधिक कृषि उपज की खरीदारी निजी क्षेत्र करें, ताकि वह अपने भंडारण और वितरण की जवाबदेही से बच सकें। ये बातें बिहार कांग्रेस विधान मंडल के नेता अजीत शर्मा ने मंगलवार को अपने आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान कही। उन्होंने कृषि कानून के तीनों विद्येयक के बारे में बारी-बारी से विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि दूसरा कानून कीर्ति शक्तिकरण और संरक्षण कीमत आश्वासन और कृषि सेवा शरारती विधेयक 2020 पर इसकी अधिक चर्चा कांट्रैक्ट फार्मिंग के विवाद में समाधान के मौजूदा प्रावधानों के संदर्भ में की जा रही है। कांट्रैक्ट फार्मिंग इस कानून की वजह से देश में भूमिहीन किसानों के एक बहुत बड़े वर्ग के जीवन पर गहरा संकट आने वाला है। उन्होंने कृषि के तीसरे कानून पर कहा कि आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक 2020 या आने वाले निकट भविष्य में खाद्य पदार्थों की महंगाई तादात में बढेगी। इस कानून के जरिए निजी क्षेत्रो को भंडारण में छूट दी जा रही है। ऊपर जमा करने के लिए निजी निवेश को छूट होगी। सरकार को पता नहीं चलेगा कि किसके पास कितना स्टाफ है और कहां है। उन्होंने कहा कि इस कानून से महंगाई का बोलबाला होगा। उन्होंने कहा कि पेट्रोल डीजल के दामों में ऐतिहासिक वृद्धि है। कच्चे तेल में के दामों में भारी गिरावट का फायदा जनता को मिलना चाहिए, लेकिन भाजपा सरकार बार-बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर जनता को मिलने वाला सारा फायदा अपने खजाने में जमा कर रही है। तेल के अर्थशास्त्र का एक आयाम है। जब भाव बढ़ते हैं तो महंगाई बढ़ना तय होता है।
Bhagalpur News:एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर जनता को मिलने वाला सारा फायदा अपने खजाने में जमा कर रही भाजपा - अजीत शर्मा
ग्राम समाचार, भागलपुर। कृषक उपज के व्यापार और वाणिज्य सरलीकरण विधेयक 2020 है। यह कानून निकट भविष्य में सरकारी कृषि मंडी की प्रसंगिकता खत्म कर देगा। सरकार निजी क्षेत्र को बिना किसी पंजीकरण और बिना किसी जवाबदेही के कृषि उपज के क्रय विक्रय की खुली छूट दे रही है। इस कानून की आड़ में सरकार निकट भविष्य में खुद बहुत अधिक अनाज खरीदने की योजना पर काम कर रही है। सरकार चाहती है कि अधिक से अधिक कृषि उपज की खरीदारी निजी क्षेत्र करें, ताकि वह अपने भंडारण और वितरण की जवाबदेही से बच सकें। ये बातें बिहार कांग्रेस विधान मंडल के नेता अजीत शर्मा ने मंगलवार को अपने आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान कही। उन्होंने कृषि कानून के तीनों विद्येयक के बारे में बारी-बारी से विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि दूसरा कानून कीर्ति शक्तिकरण और संरक्षण कीमत आश्वासन और कृषि सेवा शरारती विधेयक 2020 पर इसकी अधिक चर्चा कांट्रैक्ट फार्मिंग के विवाद में समाधान के मौजूदा प्रावधानों के संदर्भ में की जा रही है। कांट्रैक्ट फार्मिंग इस कानून की वजह से देश में भूमिहीन किसानों के एक बहुत बड़े वर्ग के जीवन पर गहरा संकट आने वाला है। उन्होंने कृषि के तीसरे कानून पर कहा कि आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक 2020 या आने वाले निकट भविष्य में खाद्य पदार्थों की महंगाई तादात में बढेगी। इस कानून के जरिए निजी क्षेत्रो को भंडारण में छूट दी जा रही है। ऊपर जमा करने के लिए निजी निवेश को छूट होगी। सरकार को पता नहीं चलेगा कि किसके पास कितना स्टाफ है और कहां है। उन्होंने कहा कि इस कानून से महंगाई का बोलबाला होगा। उन्होंने कहा कि पेट्रोल डीजल के दामों में ऐतिहासिक वृद्धि है। कच्चे तेल में के दामों में भारी गिरावट का फायदा जनता को मिलना चाहिए, लेकिन भाजपा सरकार बार-बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर जनता को मिलने वाला सारा फायदा अपने खजाने में जमा कर रही है। तेल के अर्थशास्त्र का एक आयाम है। जब भाव बढ़ते हैं तो महंगाई बढ़ना तय होता है।
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