Bhagalpur news:भाजपा और जदयू के इशारे पर अनर्गल बयानबाजी कर रहे शिवानंद तिवारी – अजीत शर्मा


ग्राम समाचार, भागलपुर। राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानन्द तिवारी द्वारा महागठबंधन की सरकार नहीं बनने के लिए कांग्रेस पार्टी को जिम्मेदार बनाने के बयान पर कांग्रेस विधायक दल के नेता सह भागलपुर विधायक अजीत शर्मा प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि शिवानंद तिवारी बार-बार दल बदलते रहे हैं। वो इतने बड़े दलबदलू नेता है कि कितनी बार किस दल में रहे हैं, वो शायद उनको भी याद नहीं होगा। वो जदयू से नेता भी रहे हैं और सांसद भी। इसमें आश्चर्य नहीं कि आज भी उनकी वफादारी जदयू के साथ दिख रही है। बिहार में बनने वाली जदयू और भाजपा की सरकार बेहद कमजोर होगी क्योंकि बिहार के लोग असल में महागठबंधन की सरकार चाहते हैं। ऐसे समय में सिर्फ जदयू और भाजपा की कमजोर सरकार को मदद करने के लिए और महागठबंधन को कमजोर करने के लिए दलबदलू नेता शिवानंद तिवारी कांग्रेस के उपर निराधार आरोप मढ़ रहे हैं। शिवानंद तिवारी से कहना चाहूंगा कि क्या आप बिहार के चुनावी इतिहास से परिचित नहीं कि जब भी राजद ने बिना कांग्रेस पार्टी के चुनाव लड़ा है चाहे वो संसद का चुनाव हो या विधानसभा का तो राजद का क्या हश्र हुआ है। इस चुनाव में भी कांग्रेस के हर कार्यकर्ता ने, हर नेता ने महागठबंधन के लिए अपने आपको झोंक दिया। कांग्रेस पार्टी ने समान विचारधारा वाले दल साथ रहे और महागठबंधन न टूटे। इसलिए गठबंधन का धर्म निभाते हुए अपने सहयोगी दलों के हर निर्णय को सहर्ष स्वीकार किया। न चाहते हुए भी सिर्फ गठबंधन के धर्म को निभाने के लिए कांग्रेस पार्टी ने ऐसी सीटें भी स्वीकार की जो महागठबंधन ने 30-30 सालों से नहीं जीती थी। कई ऐसी सीटें जहां कांग्रेस के पास मजबूत उम्मीदवार थे, वहाँ बार-बार आग्रह करने के बावजूद जब वो सीटें नहीं दी गई तब भी कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व ने गठबंधन के धर्म को निभाया और जो भी हालात थे, उसमें मजबूती से चुनाव लड़ा। शिवानंद तिवारी चाहते हैं कि जदयू और भाजपा की बनने वाली कमजोर सरकार को वो टूटने न दे, जिससे भविष्य में बनने वाली महागठबंधन सरकार की संभावनाएं समाप्त हो जाए, वो भाजपा और जदयू के इशारे पर अनर्गल बयानबाजी करके कांग्रेस और राजद के बीच में फूट डालने की एक सोची समझी साजिश कर रहे हैं। शायद वो चाहते हैं कि कांग्रेस भी राजद के नेतृत्व पर सवाल खड़ा करे और महागठबंधन टूट जाए, ताकि जदयू और भाजपा की सरकार सलामत रहे। कई ऐसी सीटे जिन पर हार का कारण देखा जाय तो उसके लिए शिवानंद तिवारी जैसे राजद के नेता ही जिम्मेदार पाये जायेंगे। राजद के नेतृत्व को भी शिवानंद तिवारी जैसे आस्तीन के सापों को पहचानना होगा, वरना आने वाले दिनों में सबसे ज्यादा नुकसान आईडियोलॉजिकल कमिटमेन्ट के साथ मिले हुए दलों को होगा और बिहार की जनता को भी होगा। जहाँ तक राहुल गाँधी के सभाएं करने का प्रश्न है, इस संबंध में यह कहना है कि राहुल गांधी को जितनी भी जनसभाएं बिहार में करने के लिए प्रदेश कांग्रेस कमिटि की ओर से आग्रह किया गया, वो सारी जनसभाएं और पूरा वक्त राहुल गांधी ने बिहार के कम्पैन में दिया। कांग्रेस पार्टी की ओर से महागठबंधन की जहां-जहां उम्मीदवारों ने स्टार कैम्पेनर की मांग की थी। अपने संसाधन से वहाँ काग्रेस पार्टी ने अपने स्टार कैम्पेनर, महागठबंधन के कैंडिडेट्स के लिए भेजे। शिवानंद तिवारी का बेहूदा बयान सिर्फ भाजपा और जदयू की सरकार, जो कि एक डूबती नैया के समान है, उसको बचाने के लिए और महागठबंधन को तोड़ने के लिए है। जिसको हम पूरी तरह से खारिज करते हैं और आशा करते है कि महागठबंधन के सभी नेता इनके बर्ताव का पूरे जोर से विरोध करके उनकी सस्ती राजनीति जनता के सामने एक्सपोज करेंगे।


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Editor - Bijay shankar

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- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)

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