Rewari News : विभिन्न सामाजिक संघठनो ने मनाया मूलनिवासी दिवस


डॉ बीआर अंबेडकर चौक रेवाड़ी पर आज विभिन्न सामाजिक संगठनो जिनमे  अखिल भारतीय मानव कष्ट निवारण समिति ,ऑल हरियाणा शेड्यूल कास्ट एंपलाइज फैडरेशन, रोडवेज एससी  इंप्लाइज संघर्ष समिति ऑफ हरियाणा के विभिन्न पदाधिकारियों जिनमें मुख्य रुप से श्योकरण मेहरा, भगतसिंह सांभरिया,  आर पी सिंह दहिया, कर्ण सिंह नाहरवाल, सुंदर सिंह नाहरवाल, अनूप सिंह, राकेश दिसोदिया, रघुवीर प्रसाद बबेरवाल आदि साथियों ने बाबा साहब की मूर्ति पर माल्यार्पण करके मूलनिवासी दिवस मनाया ।

वर्ल्ड इंडिजिनयस डे (World Indigenous Day)    अर्थात              

विश्व मूलनिवासी दिवस 9 अगस्त मूलनिवासियों के मानवाधिकारों को लागू करने और उनके संरक्षण के लिए 1982 में UNO (संयुक्त राष्ट्र संघ) ने एक कार्यदल UNWGIP - (United Nations Working Group on Indigenous Populations) के उपआयोग का गठन किया। जिसकी पहली बैठक 9 अगस्त 1982 को हुई थी। इसलिए, प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को "विश्व मूलनिवासी दिवस" UNO द्वारा अपने कार्यालय में एवं अपने सदस्य देशों को मनाने का निर्देश है। मूलनिवासी समाज की समस्याओं के निराकरण हेतु विश्व के देशों का ध्यानाकर्षण करने के लिए सबसे पहले UNO ने 1982 में होने वाले सम्मेलन के 300 पन्नों के एजेंडे में 40 विषय रखे जो 4 भागों में बांटे गए। तीसरे भाग में रियो-डी-जनेरो (ब्राजील) सम्मेलन में विश्व के मूलनिवासियों की स्थिति की समीक्षा की और चर्चा कर प्रस्ताव पारित किया। UNO ने यह महसूस किया कि 21वीं सदी में भी विश्व के विभिन्न देशों में निवासरत मूलनिवासी समाज अपनी उपेक्षा, बेरोजगारी एवं बंधुआ बाल मजदूरी जैसी समस्याओं से ग्रसित है। 1993 में UNWGIP कार्य दल के 11 वें अधिवेशन में मूलनिवासी घोषणा प्रारूप को मान्यता मिलने पर 1994 को "मूलनिवासी वर्ष" व 9 अगस्त को "मूलनिवासी दिवस" घोषित किया। अतः मूलनिवासियों को हक अधिकार दिलाने और उनकी समस्याओं का निराकरण, भाषा, संस्कृति, इतिहास के संरक्षण के लिए UNO की महासभा द्वारा 9 अगस्त 1994 को जेनेवा शहर में विश्व के मूलनिवासी प्रतिनिधियों का विशाल एवं विश्व का "प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय मूलनिवासी दिवस" का सम्मेलन आयोजित किया गया। मूलनिवासियों की संस्कृति, भाषा, उनके मूलभूत हक अधिकारों को सभी ने एक मत से स्वीकार किया और उनके सभी हक अधिकार बरकरार रहें इस बात की पुष्टि कर दी गई तथा UNO ने "हम आपके साथ हैं", यह वचन मूलनिवासियों को दिया गया। UNO ने व्यापक चर्चा के बाद 21 दिसंबर 1994 से 20 दिसंबर 2004 तक "प्रथम मूलनिवासी दशक" तथा प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को International Day of the World's Indigenous Peoples (विश्व मूलनिवासी दिवस) मनाने का फैसला लिया और विश्व के सभी देशों को मनाने के निर्देश दिए ।विश्व के समस्त देशों में इस दिवस को मनाया जाने लगा किन्तु अफसोस! भारत की  सरकारों ने मूलनिवासियों के साथ धोखा करते हुए भारत में इस दिन के बारे में आज तक किसी को नहीं बताया और ना ही आज तक मनाया। जबकि UNO ने पुनः 16 दिसंबर 2004 से 15 दिसंबर 2014 तक फिर "दूसरा मूलनिवासी दशक" घोषित किया। जेनेवा के सम्मेलन में भारत सरकार ने अपने प्रतिनिधि के रूप में डा बाबासाहेब अम्बेडकर के सगे पौत्र मा प्रकाश अम्बेडकर द्वारा UNO को यह अवगत कराया कि "भारत में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा परिभाषित देशज लोग अर्थात मूलनिवासी भारतीय लोग ही ही नहीं है और यहाँ के अनुसूचित जाति, जन जातियों से किसी भी प्रकार का सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक व शैक्षिक पक्षपात हो रहा हैं।" 

। UNO द्वारा पिछले 22 वर्षों से निरन्तर विश्व मूलनिवासी दिवस मनाया जा रहा है, किन्तु भारत के मूलनिवासी बहूजनो को इसकी कोई जानकारी नहीं है ।

 UNO की स्थापना 24 अक्टूबर 1945 को हुई एवं इसका मुख्यालय न्यूयार्क में है तथा वर्तमान में इसके 193 देश सदस्य हैं। भारत UNO का 30 अक्टूबर 1945 से सदस्य है। आज विश्व मूलनिवासी दिवस 9 अगस्त को आपस में "हैप्पी मूलनिवासी डे" की हार्दिक शुभकामनाएं एक दूसरे को देते हुए हक अधिकार प्राप्त करने के लिए संघर्ष का शंखनाद करें। 

9 अगस्त को UNO द्वारा world indigenous day मनाया जा रहा है। Indigenous का मतलब होता है मूलनिवासी, परन्तु भारत की  सरकारें हमारे लोगों में ही भेद करने मतलब, विभाजन करने,  षडयंत्र करने के लिए Indigenous peoples का हिन्दी अनुवाद मात्र आदिवासी के नाम पर करके SC/ST/OBC, Converted minority और आदिवासी को अलग- अलग करने का षडयंत्र कर रही है। विज्ञान के अकाट्य प्रमाण DNA test जिसकी रिपोर्ट Times of India में 21 मई 2001 में छपी, जिसके अनुसार SC/ST/OBC और उससे धर्म परिवर्तित अल्पसंख्यक भारत के मूलनिवासी (Indigenous peoples) है ।

परन्तु षडयंत्र यह किया जा रहा है कि, जब UNO द्वारा 9 august को World Indigenous peoples day मनाया जा रहा है, तब भारत में उसको विश्व आदिवासी दिवस के नाम पर मनाये जाने का षडयंत्र किया जा रहा है।

मतलब मूलनिवासी के नाम पर हम आपस में ही लडते रहें। इसलिए विश्व आदिवासी दिवस के नाम पर हमारी आदिवासी जातियों को अलग करने का विदेशियों का षडयंत्र है।

विश्व आदिवासी दिवस का अंग्रेजी अनुवाद होगा World Tribes day, और UNO मना रहा है विश्व मूलनिवासी दिवस 

मतलब world Indigenous peoples day ! Indigenous मतलब Native, मतलब मूलनिवासी, मतलब मूल रहिवासी।

अर्थात, असली नाम विश्व मूलनिवासी दिवस है।

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Editor - राजेश शर्मा : रेवाड़ी (हरि.) - 9813263002

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