पीस सेंटर परिधि द्वारा हिरोशिमा दिवस को लेकर ऑनलाइन कार्यक्रम
ग्राम समाचार,भागलपुर । पीस सेंटर परिधि द्वारा हिरोशिमा दिवस को लेकर ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर गीत, कविता और हिरोशिमा विध्वंस व वर्तमान परिदृश्य में वैश्विक स्थिति पर चर्चा हुई। विषय प्रवेश कराते हुए परिधि के निदेशक उदय ने कहा की हिरोशिमा पर 6 अगस्त 1945 को जिस बम को गिराया गया वह आज की तुलना में बहुत छोटा बम था । आज पूरी दुनिया में इतने परमाणु बम है कि पूरी दुनिया को 16-17 बार समाप्त किया जा सकता है। ऐसे विध्वंस कारी बमों का करना क्या है ? हम मानव खुद के विध्वंस का सामान जमा कर रहे हैं। पूरी दुनिया में सत्ता प्राप्त करने के लिए अपने लोगों को उसके मूल मुद्दों से भटका कर देश की ताकत और विध्वंस के समान की तरफ ध्यान भटका या जा रहा है। आज हथियारों की नहीं बल्कि स्कूल अस्पताल और विज्ञान की जरूरत है। तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉक्टर योगेंद्र ने अपनी बात रखते हुए कहा कि दुनिया में नफरत घृणा और हिंसा फैला कर सत्ता प्राप्त करने की कोशिश लगातार हो रही है। एक माहौल बनाया जा रहा है कि फलां हथियार लाकर विश्व में सबसे मजबूत राष्ट्र बना जा सकता है । परंतु जो देश खुद हथियार बना रहा है वह भी तो कई देशों की तुलना में कमजोर है। हथियारों के बल पर मजबूत राष्ट्र बनने की कल्पना ही निराधार है। डॉक्टर प्रेम प्रभाकर ने अपनी बात रखते हुए कहा कि पुरातन काल से ही जीयो और जीने दो की बात की जाती रही है। उपभोक्तावाद जो के कारण जो माहौल बना उसने मनुष्यता को समाप्त किया। हथियार का उपयोग मनुष्य के नाश के सिवा कुछ हो ही नहीं सकता। महात्मा गांधी ने जिस तरीके से आम लोगों को शांति के साथ जोड़ा, सद्भाव के साथ जोड़ा वह अद्भुत था। इस मौके पर इकराम हुसैन साद ने अपनी अंगिका गीत की कहियो तोरा स माय गे, कुछो बुझबै न उपाय गे"प्रस्तुत किया। सुश्री संगीता ने अपनी कविता-"एक मुद्दा धर्मांधता का, धर्म की ओर या धर्म की ढाल, तीर एक है पर शिकार कई,आने वाली पीढ़ी तक कुछ बेहतर पहुंचे यह दावा भी है कठिन, से समाज में व्याप्त धर्मांधता पर प्रहार किया। इस मौके पर कई गीत भी प्रस्तुत हुए जिसे सुषमा और संगीता ने रखा। कार्यक्रम का संचालन इस सेंटर परिधि के संयोजक राहुल ने किया।
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