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बकरी पालन प्रशिक्षण |
ग्राम समाचार, गोड्डा ब्यूरो रिपोर्ट:- ग्रामीण विकास ट्रस्ट-कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में "गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अन्तर्गत प्रवासी श्रमिकों के जीविकोपार्जन हेतु दक्षता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम" के तहत "बकरी पालन" विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ वरीय वैज्ञानिक-सह- प्रधान डाॅ रवि शंकर एवं पशुपालन वैज्ञानिक डाॅ.सतीश कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। सभी प्रवासी श्रमिकों को फेस मास्क के साथ सामाजिक दूरी के नियमानुसार सभागार में बैठाया गया। वरीय वैज्ञानिक-सह-प्रधान डाॅ0 रविशंकर ने प्रवासी श्रमिकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि बकरी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इससे प्राप्त होने वाली वस्तुएँ जैसे- दूध, मांस तथा जैविक खाद आदि सभी प्रकार से लाभदायक है। बकरी के पालन-पोषण में सावधानी एवं जानकारी से अधिक से अधिक लाभ मिल सकता है। गोड्डा जिला में बकरी के मांस का अच्छा बाजार होने से प्रवासी श्रमिकों के लिए मांस का बिजनेस आमदनी बढ़ाने का अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। पशुपालन वैज्ञानिक डाॅ. सतीश कुमार ने बताया कि बकरी गरीब की गाय के समान होती है। बकरियों की नस्ल जैसे- ब्लैक बंगाल, जमुनापारी, सिरोही, बरबरी, बीटल, पश्मीना आदि के विषय में विस्तृत जानकारी दी। बरसात के समय बकरियों को छेरा रोग से बचाने के लिए पीपीआर की टीका लगाने की विधि बताई। बकरियों के खान-पान, आवास का प्रबंधन, साफ-सफाई पर विशेष चर्चा किया। मनुष्यों को मलेरिया रोग से बचाने में बकरी का दूध महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सभी प्रवासी श्रमिकों के बीच "बकरी पालन" विषयक पुस्तिका का वितरण किया गया। मौके पर डाॅ. सूर्यभूषण, डाॅ0 हेमन्त कुमार चौरसिया, डाॅ0 प्रगतिका मिश्रा, डाॅ.अमितेश कुमार सिंह, डाॅ0 रितेश दुबे, रजनीश प्रसाद राजेश, राकेश रौशन कुमार सिंह, वसीम अकरम मौजूद रहे। प्रमोद कुमार यादव, सुनील मंडल, ओंकारेश्वर प्रियदर्शी, मो. इकबाल, बबलू पासवान, प्रताप यादव, मो.सलामत, नारद यादव, आलोक राम समेत 35 प्रवासी श्रमिक प्रशिक्षण में सम्मिलित हुए।
Editor -
भुपेन्द्र कुमार चौबे
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- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)
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