टिड्डी दल से बचाव के बारे बैठक लेते सीएम खट्टर. |
ग्राम समाचार न्यूज : चंडीगढ़ : हरियाणा में टिड्डी दल के हमले से निपटने और किसानों की फसलों को नुकसान से बचाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अधिकारियों को रसायनों और कीटनाशकों की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन और अन्य आवश्यक उपकरण खरीदने के भी निर्देश दिए हैं।मुख्यमंत्री ने यह निर्देश आज यहां कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ प्रदेश में टिड्डी दल की निगरानी और नियंत्रण के संबंध में हुई समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। बैठक में कृषि मंत्री श्री जे पी दलाल और सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि टिड्डी दल पर लगातार नजर रखी जाए और जब तक राज्य में टिड्डी दल की उपस्थिति पूरी तरह से समाप्त नहीं हो जाती तब तक कृषि विभाग के साथ-साथ प्रशासन को 24 घंटे सतर्क रहना होगा और टिड्डी दल के हमले से निपटने के लिए आवश्यक सभी संसाधनों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करें। बैठक के दौरान कृषि और किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि राज्य में टिड्डी दल के आगमन के चलते सतर्कता बरतते हुए स्थिति से निपटने और इसके बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विशेष सुपरविजन टीमें गठित की गई। कौशल ने बताया कि प्रदेश में 22 जुलाई के बाद टिड्डी दल के हमले में तेजी आने की संभावना के संबंध में जारी चेतावनी के मद्देनजर जिला, उप-मंडल, खण्ड और गांव स्तर पर चार विभागों नामतः कृषि, विकास एवं पंचायत, पुलिस और राजस्व विभागों की स्टैंडिंग टीमें गठित की गई हैं। इसके अलावा, हर जिले में अलग से स्टैंडअलोन प्रणाली विकसित करने के साथ-साथ स्पेशल टास्क फोर्स का भी गठन किया गया है, जो टिड्डी दल को नियंत्रित करने के लिए सभी व्यवस्थाओं और फसल क्षति के कारण होने वाले नुकसान की निगरानी करेगी। श्री संजीव कौशल ने बताया कि टिड्डी दल पर कीटनाशकों के छिड़काव करने, अन्य आवश्यक जानकारी देने और टिड्डी दल के बारे में सतर्क रहने के लिए इन टीमों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। विभाग द्वारा किए जा रहे उपायों और प्रबंधों के बारे में जानकारी देते हुए श्री कौशल ने बताया कि लैम्ब्डा-सिहलोथ्रिन 5ईसी की अतिरिक्त मात्रा में स्टॉक की व्यवस्था की जा रही है, क्योंकि क्षेत्र में टिड्डी दल पर आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले कीटनाशक क्लोरपाइरिफास के लिए टिड्डी प्रतिरोधी बन गए हैं। बार-बार छिड़काव के दौरान कीटनाशकों के उपयोग में एकरुपता को रोकने के लिए, कीटनाशकों के मौजूदा स्टॉक के अलावा लैम्ब्डा-सिहलोथ्रिन के 20,000 लीटर के स्टॉक की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि कीटनाशक के हवाई स्प्रे के लिए ड्रोन खरीदे जा रहे हैं। 66 फायर ब्रिगेड वाहन और 3,540 ट्रैक्टर-माउंटेड स्प्रे पंप उपलब्ध हैं। राज्य सरकार पेड़ों पर इस्तेमाल करने के लिए फॉगिंग मशीनें भी लेगी। उन्होंने बताया कि टिड्डी चेतावनी संगठन ने राजस्थान के जिला झुंझुनू में बड़े पैमाने पर टिड्डे के प्रजनन के बाद 22 जुलाई के बाद नूंह, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, भिवानी और चरखी दादरी जिलों में टिड्डी दल के हमलों में तीव्रता की चेतावनी दी है। इसलिए विभाग द्वारा आवश्यक उपायों की तैयारी पहले ही कर ली गई है। टिड्डी दल के हमले को रोकने के लिए पहले से ही की गई अन्य आवश्यक सावधानियों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि ट्रेक्टर माउंटेड छिडक़ाव सुविधा को सक्रिय करने के साथ उचित समन्वय के लिए उपायुक्तों को रिस्पॉन्स टीम के साथ रोज़ाना बैठकें करने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाए हैं। इसके अलावा, पड़ोसी राज्यों के संबंधित अधिकारियों के साथ भी नियमित बातचीत की जा रही है। कौशल ने आश्वासन दिया कि विभाग स्थिति पर गंभीरता से नजर रखे हुए है और किसानों से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें और जहां भी टिड्डी दल दिखे तुरंत अधिकारियों को सूचित करें।
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