ग्राम समाचार, भागलपुर। बिहार के विक्रमशिला सेतु के समानांतर फोरलेन पुल को केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की मंजूरी मिल गई है। पुल निर्माण से संबंधित आने वाले खर्च की राशि की बाधा दूर करते हुए मंत्रालय की विभागीय एक्सपेंडिचर फाइनेंस समिति (ईएफसी) ने 1116.72 करोड़ रुपये की अनुशंसा करते हुए मंजूरी दे दी है। 4.367 किमी लम्बा पुल को चार साल में पूरा किया जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया हह। बकायदा इसके लिए जमीन अधिग्रहण के लिए जिला प्रशासन को 51 करोड़ रुपये का आवंटन भी कर दिया गया है।
68 पाये वाले इस पुल निर्माण में 21.3 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी, जिसमें 2.2 हेक्टेयर सरकारी भूखंड है जबकि 19.1 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण राज्य सरकार अपने कोष से करेगी। इसके लिए जिला प्रशासन को 51 करोड़ रुपये आवंटित कर दिया गया है। पुल के नीचे से पानी का जहाज निकल जा इसके लिए इनलैंड वाटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया की आवश्यकता के अनुसार पुल के नीचे के पाये के बीच में स्पेस और ऊंचाई प्रदान किया जायेगा। पुल निर्माण के लिए 21.3 हेक्टेयर आवश्यकता वाले जमीन के लिए 70 रैयतों की जमीन को अधिग्रहित किया जायेगा। जमीन के दावा आपत्ति की प्रक्रिया को पूरी कर ली गयी है वहीं सरकारी जमीन के लिए जगदीशपुर, खरीक और सबौर के सीओ ने रिकार्ड को जिला प्रशासन को उपलब्ध करा दिया है। प्रस्तावित फोर लेन पुल वर्तमान विक्रमशिला सेतु के पूरब दिशा में बनेगा और इसके लिए नवगछिया से भागलपुर सड़क का भारत सरकार द्वारा नया नेशनल हाईवे संख्या-131(बी) के रूप में अधिसूचित किया गया है। समानांतर पुल बनने से न केवल गाड़ियों का दबाब कम होगा बल्कि नासूर बन चुका जाम से भी लोगों को राहत मिलेगी। समानांतर पुल निर्माण से खगड़िया, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार, भागलपुर, बांका सहित झारखंड और बंगाल के रास्ते आने जाने वाले लोगों को सुविधा मिलेगी। डीपीआर में समानांतर पुल का सेप एंड साइज के साथ जाम से निजात दिलाने के लिए अंडरपास और सेपरेटर समेत कई बिंदुओं को शामिल किया गया है। पुल के बन जाने से सीमांचल और झारखंड के लोगों का सड़क संपर्क सुगम होगा और पश्चिम बंगाल समेत नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों से इनकी कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
68 पाये वाले इस पुल निर्माण में 21.3 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी, जिसमें 2.2 हेक्टेयर सरकारी भूखंड है जबकि 19.1 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण राज्य सरकार अपने कोष से करेगी। इसके लिए जिला प्रशासन को 51 करोड़ रुपये आवंटित कर दिया गया है। पुल के नीचे से पानी का जहाज निकल जा इसके लिए इनलैंड वाटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया की आवश्यकता के अनुसार पुल के नीचे के पाये के बीच में स्पेस और ऊंचाई प्रदान किया जायेगा। पुल निर्माण के लिए 21.3 हेक्टेयर आवश्यकता वाले जमीन के लिए 70 रैयतों की जमीन को अधिग्रहित किया जायेगा। जमीन के दावा आपत्ति की प्रक्रिया को पूरी कर ली गयी है वहीं सरकारी जमीन के लिए जगदीशपुर, खरीक और सबौर के सीओ ने रिकार्ड को जिला प्रशासन को उपलब्ध करा दिया है। प्रस्तावित फोर लेन पुल वर्तमान विक्रमशिला सेतु के पूरब दिशा में बनेगा और इसके लिए नवगछिया से भागलपुर सड़क का भारत सरकार द्वारा नया नेशनल हाईवे संख्या-131(बी) के रूप में अधिसूचित किया गया है। समानांतर पुल बनने से न केवल गाड़ियों का दबाब कम होगा बल्कि नासूर बन चुका जाम से भी लोगों को राहत मिलेगी। समानांतर पुल निर्माण से खगड़िया, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार, भागलपुर, बांका सहित झारखंड और बंगाल के रास्ते आने जाने वाले लोगों को सुविधा मिलेगी। डीपीआर में समानांतर पुल का सेप एंड साइज के साथ जाम से निजात दिलाने के लिए अंडरपास और सेपरेटर समेत कई बिंदुओं को शामिल किया गया है। पुल के बन जाने से सीमांचल और झारखंड के लोगों का सड़क संपर्क सुगम होगा और पश्चिम बंगाल समेत नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों से इनकी कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
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