Pakur News: डॉ•श्यामा प्रसाद मुखर्जी का विजन आज भी हमारे लिए प्रेरणा स्रोत-सम्पा साहा

ग्राम समाचार, पाकुड़। भारतीय इतिहास में दर्ज डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की आज 67 वाँ पुण्यतिथि है,जिसे आज भाजपा कार्यकर्ता बलिदान दिवस के रूप में मना रहे हैं। आज डॉक्टर मुखर्जी के बलिदान दिवस पर पाकुङ नगर परिषद स्थित डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी मार्केट कंपलेक्स में स्थापित डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जीके आदम कद प्रतिमा पर नगर परिषद की अध्यक्षा श्रीमती सम्पा साहा के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने माल्यार्पण किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य अनुग्राहित प्रसाद साह,पूर्व जिलाध्यक्ष विवेकानंद तिवारी,जिला उपाध्यक्ष दुर्गा मरांडी हिसाबी राय सहित दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित थे।सभी ने बारी-बारी से डॉक्टर मुखर्जी की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए अपनी अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित किया और श्रद्धांजलि दिया इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने भारत माता की जय,वंदे मातरम,डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी अमर रहे का जयघोष किया। बलिदान दिवस को पर संबोधित करते हुए भाजपा नेता अनुग्राहित प्रसाद साह ने कहा कि भारतीय इतिहास में दर्ज डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी वह नेता थे, जिन्होंने भारतीय जनसंघ की स्थापना की जनसंघ ही आज भाजपा के नाम से जाना जाता है।उन्हें आज भी एक प्रखर राष्ट्रवादी और कट्टर देशभक्त के रूप में याद किया जाता है। 6 जुलाई 1901 ईसवी को कोलकाता में जन्मे डॉ• मुखर्जी का व्यक्तित्व ऐसा था कि वह मृत्यु के बाद भी अपने सिद्धांतों के लिए याद किए जाते हैं। उनका एक नारा सबसे प्रबल माना जाता था "एक देश में दो विधान,दो निशान,दो प्रधान नहीं चलेगा" अनुच्छेद 370 जब जम्मू कश्मीर में लागू होने वाला था तब डॉक्टर मुखर्जी ने उसका विरोध किया था इस अनुच्छेद के तहत भारत सरकार से बिना परमिट लिए कोई जम्मू कश्मीर में प्रवेश नहीं कर सकता था। डॉक्टर मुखर्जी इस प्रावधान का हमेशा खिलाफ रहे।वह जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर हमेशा अडिग रहे।उनका मानना था कि जम्मू-कश्मीर भारत का एक अविभाज्य हिस्सा है। डॉक्टर श्याम प्रसाद मुखर्जी तत्कालीन सरकार के इस फैसले के खिलाफ थे वह जम्मू-कश्मीर में जाने के लिए परमिट होना जरूरी है। 11 मई  1953 को सरकार के विरोध करते हुए हुए जम्मू कश्मीर में प्रवेश करने लगे इस पर शेख अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार ने उन्हें हिरासत में ले लिया।उन्हें हिरासत में लेकर नजर बंद कर दिया और गिरफ्तार के कुछ दिनों के बाद 23 जून 1953 को रहस्यमय परिस्थिति में उनकी मृत्यु हो गई।उनकी मृत्यु का खुलासा आज तक नहीं हो पाया।डॉ• मुखर्जी के बलिदान के वजह से धारा 370 के बावजूद कश्मीर आज तक भारत का अभिन्न अंग बना हुआ है।जम्मू कश्मीर को लेकर पहले जो नियम बने हुए थे अगर वह आज लागू हो गए होते तो आज जम्मू कश्मीर की परिस्थिति एकदम अलग होती। इस अवसर पर नगर परिषद अध्यक्ष श्रीमती सम्पा साहा ने कहा कि भारतीय जनसंघ से भाजपा तक लगातार संघर्ष के उपरांत आज भारत के में पूर्ण बहुमत की सरकार बनी और मां भारती के सपूत प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने डॉ• मुखर्जी के सपनों को साकार किया और जम्मू कश्मीर से धारा 370 एवं 35A को हटाया  तथा जम्मू कश्मीर का पूर्ण विलय का सपना साकार किया।ऐसे में इस वर्ष 23 जून को हम अमर बलिदानी डॉ• श्यामा प्रसाद मुखर्जी के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं।डॉक्टर मुखर्जी का विजन आज भी हमारे लिए प्रेरणास्रोत है। आज के कार्यक्रम में सोहन मंडल, वार्ड पार्षद अशोक प्रसाद,मनीष कुमार पांडे, राजेश कुमार डोकानियां,अनिकेत गोस्वामी,मनोरमा देवी,साधना ओझा, पार्वती देवी,मंजूर आलम,भास्कर पांडे,दिलीप सिंह,सादेकुल आलम,बहादुर मंडल, सुनील सिंह चंद्रवंशी,मोनू जयसवाल डालिम शेख,रूपेश भगत,गोपी दुबे,मधुसूदन साहा,सादेकुल शेख,रंजू सरदार रंजू सिंह, प्रवीण मंडल इत्यादि मौजूद थे।

ग्राम समाचार, बिक्की भगत पाकुड़।

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