Chandan News: अंतर्राष्ट्रीय मई दिवस के पूर्व" बालश्रम मुक्ति एवं दलित बाल अधिकार संरक्षण विषय पर गोष्ठी का आयोजन

ग्राम समाचार,चांदन,बांका। प्रखंड क्षेत्र के कुसुम जोरी पंचायत अंतर्गत  ज्ञान भवन कड़वामारण में बिहार दलित विकास समिति एवं दलित मुक्ति मिशन के द्वारा गठित अम्बेडकर प्रेरणा दल, अम्बेडकर युवा मंच, माता सावित्री बाई छात्र मंच तथा बिहार लोकमंच के संयुक्त तत्वावधान में "अंतर्राष्ट्रीय मई दिवस के पूर्व" बालश्रम मुक्ति एवं दलित बाल अधिकार का संस्थान के निदेशक महेंद्र कुमार रोशन की अध्यक्षता में रविवार 30 अप्रैल गोष्ठी कार्यक्रम आयोजीत किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत संस्था के निदेशक महेंद्र कुमार रौशन के संबोधन से हुआ। उन्होंने बताया कि मजदूर या मई दिवस  मनाने की शुरुआत 1 मई 1886 से मानी जाती है जब अमेरिका की मज़दूर यूनियनों नें काम का समय 8 घंटे से अधिक न रखे जाने के लिए हड़ताल की थी और 1889 में, 1 मई को श्रमिकों के समर्थन में एक दिन, समाजवादी समूहों और ट्रेड यूनियनों के एक अंतरराष्ट्रीय महासंघ द्वारा हेमार्केट अफेयर की स्मृति में, एक हिंसक टकराव जो 4 मई, 1886 को शिकागो, इलिनोइस में हुआ था, के रूप में नामित किया गया था। बाल मजदूरी के संदर्भ में बताया कि बाल श्रम 

हमारे देश और समाज के लिए बहुत ही गम्भीर समस्या है। आज इस विषय पर न केवल बात करने की जरूरत है, बल्कि अपनी नैतिक जिम्मेदारियों को भी समझने की जरूरत है। बाल श्रम मुक्ति और बाल अधिकार संरक्षण आज एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। क्योंकि बच्चों के माता-पिता ही बच्चों से कार्य करवाने लगे है। इस तरह आज  किसी बच्चे को कठिन कार्य करते हुए देखना आम बात हो गई है। बाल मज़दूरी को बड़े लोगों और माफियाओं ने व्यापार बना लिया है। जिसके कारण दिन-प्रतिदिन हमारे देश में बाल श्रम बढ़ता जा रहा है और बच्चों का बचपन खराब हो रहा है। इस से बच्चों का भविष्य तो खराब होता ही है, साथ में देश में गरीबी फैलती है और देश के विकास में बाधाएँ आती हैं। बाल श्रम भारत के साथ-साथ सभी देशों में गैर कानूनी है। बाल श्रम हमारे समाज के लिए एक कलंक बन चुका है। बाल मज़दूरी की समस्या समय के साथ-साथ बहुत उग्र रूप लेती जा रही है। इस समस्या को अगर समय रहते जड़ से मिटाया नहीं गया, तो इससे पूरे देश का भविष्य संकट में आ सकता है। इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्त्ता रीना देवी, शिक्षक रामू ताती, सौरभ कुमार आदि अन्य वक्ताओं ने बच्चों के अधिकारों का हनन पर चिंता व्यक्त करते बाल श्रम मुक्ति एवं बाल संरक्षण के मुद्दे पर काम करने पर बल दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता रानी शर्मा तथा संचालन लखन मुर्मू ने किया। कार्यक्रम में लगभग 40 बच्चे अभिभावक गण सहित भाग लिया। अंत में मई दिवस जिन्दावाद।  बाल मजदूरी बंद करो, बाल अधिकार जिन्दावाद के नारो के कार्यक्रम का समापन किया गया।

उमाकांत साह,ग्राम समाचार संवाददाता,चांदन। 

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Editor - कुमार चंदन,ब्यूरो चीफ,बाँका,(बिहार)

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