ग्राम समाचार न्यूज : रेवाड़ी- महाराजा हरि सिंह की 26 अक्टूबर 1947 को जम्मू कश्मीर रियासत का भारत राष्ट्र में विलय प्रक्रिया को सुरक्षा कवच प्रदान करने में हरियाणा के रणबांकुरे का उल्लेखनीय योगदान रहा है । 1947-48 के पाक कबीलाई घुसपैठियों से हुई लड़ाई में हरियाणा के मैदानी इलाके के जांबाजों ने अपनी जान पर खेलकर जम्मू कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाए रखने में अपना दमखम दिखाया । इस लड़ाई में प्रदेश के 7 रणबांकुरों को वीरता के सर्वोच्च पदक तालिका की दूसरी पायदान वाले महावीर चक्र से अलंकृत किया गया । अंबाला के लेफ्टिनेंट कर्नल आईजेएस बुटालिया, बामला भिवानी के नायक शीशपाल सिंह को मरणोपरांत तथा लांस नायक हरि सिंह बदनपुर जींद, सिपाही मानसिंह खेड़ा मछरौली रोहतक, लेफ्टिनेंट कर्नल हरबंस सिंह विर्क पीली कोठी कैथल, कैप्टन फतेह सिंह करसोला जींद व कर्नल धर्म सिंह बडेसरा भिवानी को जीते जी उत्कृष्ट बहादुरी के लिए महावीर चक्र प्रदान किया गया । इसी प्रकार 14 हरियाणवी शूरवीरों को वीरता पदक तालिका की तीसरी पायदान वाले वीर चक्र से सम्मानित किया गया । लांस नायक राम सिंह चांदपुरा फतेहाबाद, सिपाही मांगेराम नाहरी सोनीपत, हवलदार यादराम खापरवास रोहतक, नायक सरदार सिंह अचीना भिवानी को मरणोपरांत तथा लेफ्टिनेंट कर्नल गिरधारी सिंह बदरोला बल्लभगढ़, सूबेदार मेजर जुगलाल फतेहगढ़ चरखी दादरी, कप्तान ईश्वर सिंह यादव गुड़ाना चरखी दादरी, मेजर ठंडी राम बिश्नोई कॉलोनी हिसार, लेफ्टिनेंट कर्नल भगवान सिंह नया गांव सादत नगर रेवाड़ी, सूबेदार मेजर लालचंद गोछी झज्जर, सिपाही जयपाल सिंह रिढाण सोनीपत, कर्नल होशियार सिंह डहीना रेवाड़ी, लेफ्टिनेंट कर्नल इंदर सिंह कलान सालावास झझर व सूबेदार शयोचंद राम कलेडी फतेहाबाद को जीते जी उत्कृष्ट बहादुरी के लिए वीर चक्र प्रदान किया गया ।
रेजांगला शौर्य समिति के महासचिव राव नरेश चौहान राष्ट्रपूत ने आजादी के अमृत महोत्सव साल में भारत सरकार से हरियाणा के इन महान योद्धाओं के परिजनों को घाटी में सम्मान स्वरूप जमीन के मुरब्बे अलॉट करने का पुरजोर आग्रह किया है । संविधान की धारा 370 की समाप्ति से सरकार की यह कार्रवाई घाटी में स्थाई रूप से अमन-चैन स्थापित करने हेतु भी कारगर साबित होगी ।
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