Rewari News : स्वामी विवेकानंद का "विश्व बंधुत्व" का संदेश देश और दुनिया को शांति के मार्ग पर चलने हेतु प्रेरित करता रहेगा



वेदांत के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिकता के प्रणेता महान संत स्वामी विवेकानंद के 120वें निर्वाण दिवस स्वच्छ भारत मिशन हरियाणा के तत्वाधान में वंदे मातरम और भारत माता की जय के उद्घोष के साथ पर्यावरण व जल संरक्षण,कन्या भ्रूण हत्या, स्वच्छता और सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने के संकल्प सहित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्रांगण में सांयकाल पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया गया| इस अवसर पर स्कूल के प्रांगण में स्वामी विवेकानंद अमर वीर शहीदों और महापुरुषों की याद में पौधारोपण किया गया| छात्राओं द्वारा स्वामी विवेकानंद पर कविताओं और व्याख्यान द्वारा आपने भाव  रखें|  कार्यक्रम में शिक्षा और खेलों के क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियों हेतु काव्या, प्रिया, सिमरन, स्वाति, गीता, ममता, भारती,  विशा, यशिका, अंजलि, वर्षा, अभिलाषा, प्रिया आदि प्रतिभावान छात्राओं को सम्मानित भी किया गया|इस अवसर पर मुख्य वक्ता सामाजिक कार्यकर्ता एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.जया शर्मा ने कहा स्वामी विवेकानंद मैकाले द्वारा प्रतिपादित और उस समय प्रचलित अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था के विरोधी थे| ऐसी शिक्षा व्यवस्था चाहते थे जिससे युवा पीढ़ी का सर्वांगीण विकास के साथ-साथ आत्मनिर्भरता से परिपूर्ण हो| स्वामी विवेकानंद चरित्र निर्माण,कुशल आचरण एवं संस्कारित शिक्षा द्वारा युवा शक्ति को देश निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने  का संदेश दिया| उन्होंने स्वामी रामकृष्ण परमहंस से सीखा कि सभी जीवो में स्वयं परमात्मा का ही अस्तित्व है, इसलिए मानव जाति जरूरतमंद की मदद करना परमात्मा की सेवा करना ही है| इस अवसर पर वरिष्ठ अध्यापिका नीलम द्वारा स्वामी विवेकानंद की जीवनी के बारे विस्तार पूर्वक बताया गया|         


                 

कार्यक्रम के संयोजक सामाजिक कार्यकर्ता डॉ.आर.के. जांगड़ा विश्वकर्मा, सदस्य, स्वच्छ भारत मिशन हरियाणा सरकार एसटीएफ ने कहा भारत की अवंनति के कारणों को इंगित करते हुए उसके उत्थान की परिकल्पना स्वामी विवेकानंद ने प्रस्तुत की|भारत में स्वामी रामकृष्ण परमहंस के शिष्य स्वामी विवेकानंद को एक देशभक्त और सन्यासी के रूप में जाना जाता है| भारत ही स्वामी जी का महानतम भाव था,भारत हीं उनके हृदय में धड़कता था| वे स्वयं ही साक्षात भारत उसकी आध्यात्मिकता, पवित्रता, मेघा, शक्ति, अंतर्दृष्टि तथा उसकी नियति के प्रतीक बन गए थे|उनके अनुसार हमारी सभी प्रकार की शिक्षाओं का उद्देश्य मनुष्य के व्यक्तित्व का निर्माण करना हीं होना चाहिए| अमेरिका स्थित  शिकागो में 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व कर विश्व बंधुत्व का संदेश दिया| उन्होंने अपने संबोधन में अमरीकी भाई बहनों द्वारा प्रथम वाक्य से सभी का दिल जीत लिया था |उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका इंग्लैंड और यूरोप के देशों में हिंदू दर्शन के सिद्धांतों का प्रचार प्रसार किया| स्वामी जी ने भारत को आव्हान किया था कि" है भारत उठो, और अपनी आध्यात्मिकता से विश्व विजयी बनो! क संदेश पर चलते हुए देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 23 विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है| "ग्रीन हरियाणा एंड क्लीन हरियाणा"अभियान के तहत "इंटरनेशनल प्लास्टिक बैग फ्री डे" पर पौधारोपण कर पर्यावरण, जल व प्रकृति का संरक्षण एवं सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न कर कपड़े के थैले इस्तेमाल करने का संदेश भी दिया गया| कार्यक्रम में अध्यापिका नीलम द्वारा स्टेज का कुशल संचालन किया गया| इस अवसर पर सुदेश,नीलम,ईसा गौड़, सत्यवीर सिंह, विजय सिंह,देवसर,सुमन रानी आदि अध्यापक वर्ग के साथ सैकड़ों छात्राएं उपस्थित थी|

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Editor - राजेश शर्मा : रेवाड़ी (हरि.) - 9813263002

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