ग्राम समाचार, गोड्डा ब्यूरो रिपोर्ट:- ग्रामीण विकास ट्रस्ट-कृषि विज्ञान केंद्र के तत्वावधान में पोड़ैयाहाट प्रखंड के ग्राम धारोफट्टा में प्रगतिशील किसानों का एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम, जल शक्ति अभियान तथा स्वच्छ भारत अभियान कार्यक्रम आयोजित किया गया। पौधा सुरक्षा वैज्ञानिक डाॅ0 सूर्यभूषण ने बताया कि धान की रोपाई करने से पहले बिचड़े का ऊपरी भाग काट देना चाहिए जिससे कि बिचड़े का रोग ग्रस्त एवं कीटों द्वारा अंडे दिये जाने वाला भाग अलग हो जायेगा और स्वस्थ बिचड़े को बचाया जा सकेगा। उद्यान वैज्ञानिक डाॅ.हेमन्त कुमार चौरसिया ने अमरूद की प्रजाति ललित और लखनऊ-49 की विशेषताओं पर प्रकाश डाला और अमरूद की बागवानी करने के लिए प्रेरित किया। सस्य वैज्ञानिक डाॅ.अमितेश कुमार सिंह ने श्री विधि से धान की खेती करने के तरीके बताए। उन्होंने कहा कि धान की रोपाई श्री विधि से करने के लिए धान के दो बिचड़ों को 25 सेमी. की दूरी लाईन से लगायें। इससे धान की फसल को पर्याप्त मात्रा में सूर्य का प्रकाश मिलेगा। कोनोवीडर की सहायता से खर-पतवार निकालने तथा खाद-उर्वरक का छिड़काव करने में आसानी होगी साथ ही साथ धान में कल्ले भी अधिक निकलेंगे। कृषि प्रसार वैज्ञानिक डाॅ0 रितेश दुबे ने कहा कि जल संरक्षण करने हेतु खेत में तालाब, डोभा तथा छोटे गड्ढे बनाकर वर्षा जल को संचित किया जा सकता है जोकि खेतों की सिंचाई करने में काम आयेगा। स्वच्छ भारत अभियान के तहत किसान के खेत पर बने कम्पोस्ट खाद की यूनिट का निरीक्षण वैज्ञानिकों द्वारा किया गया। किसानों को वैज्ञानिक तरीके से कम्पोस्ट खाद की पहली यूनिट में गोबर के साथ खर-पतवार, पीएसबी, एजोटोबैक्टर, ट्राईकोडर्मा का प्रयोग करते हुए जैविक खाद तथा दूसरी यूनिट में गोबर, खर-पतवार के साथ केंचुए डालकर केंचुआ खाद तैयार करने की विस्तृत जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के अन्त में किसानों के बीच इमामेक्टिन दवाई के पैकेट, कुल्थी के बीज तथा अमरूद के पौधे वितरित किया गया। मौके पर मैनेजर हेम्ब्रम, बबलू हाँसदा, नरेन्द्र हाँसदा, नीरज हाँसदा, सुषमा मुर्मू, तालामय किस्कू, तालको मरांडी, दुलड़ सोरेन आदि प्रगतिशील किसान प्रशिक्षण में सम्मिलित हुए।
Godda News: प्रगतिशील किसानों का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम किया गया
ग्राम समाचार, गोड्डा ब्यूरो रिपोर्ट:- ग्रामीण विकास ट्रस्ट-कृषि विज्ञान केंद्र के तत्वावधान में पोड़ैयाहाट प्रखंड के ग्राम धारोफट्टा में प्रगतिशील किसानों का एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम, जल शक्ति अभियान तथा स्वच्छ भारत अभियान कार्यक्रम आयोजित किया गया। पौधा सुरक्षा वैज्ञानिक डाॅ0 सूर्यभूषण ने बताया कि धान की रोपाई करने से पहले बिचड़े का ऊपरी भाग काट देना चाहिए जिससे कि बिचड़े का रोग ग्रस्त एवं कीटों द्वारा अंडे दिये जाने वाला भाग अलग हो जायेगा और स्वस्थ बिचड़े को बचाया जा सकेगा। उद्यान वैज्ञानिक डाॅ.हेमन्त कुमार चौरसिया ने अमरूद की प्रजाति ललित और लखनऊ-49 की विशेषताओं पर प्रकाश डाला और अमरूद की बागवानी करने के लिए प्रेरित किया। सस्य वैज्ञानिक डाॅ.अमितेश कुमार सिंह ने श्री विधि से धान की खेती करने के तरीके बताए। उन्होंने कहा कि धान की रोपाई श्री विधि से करने के लिए धान के दो बिचड़ों को 25 सेमी. की दूरी लाईन से लगायें। इससे धान की फसल को पर्याप्त मात्रा में सूर्य का प्रकाश मिलेगा। कोनोवीडर की सहायता से खर-पतवार निकालने तथा खाद-उर्वरक का छिड़काव करने में आसानी होगी साथ ही साथ धान में कल्ले भी अधिक निकलेंगे। कृषि प्रसार वैज्ञानिक डाॅ0 रितेश दुबे ने कहा कि जल संरक्षण करने हेतु खेत में तालाब, डोभा तथा छोटे गड्ढे बनाकर वर्षा जल को संचित किया जा सकता है जोकि खेतों की सिंचाई करने में काम आयेगा। स्वच्छ भारत अभियान के तहत किसान के खेत पर बने कम्पोस्ट खाद की यूनिट का निरीक्षण वैज्ञानिकों द्वारा किया गया। किसानों को वैज्ञानिक तरीके से कम्पोस्ट खाद की पहली यूनिट में गोबर के साथ खर-पतवार, पीएसबी, एजोटोबैक्टर, ट्राईकोडर्मा का प्रयोग करते हुए जैविक खाद तथा दूसरी यूनिट में गोबर, खर-पतवार के साथ केंचुए डालकर केंचुआ खाद तैयार करने की विस्तृत जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के अन्त में किसानों के बीच इमामेक्टिन दवाई के पैकेट, कुल्थी के बीज तथा अमरूद के पौधे वितरित किया गया। मौके पर मैनेजर हेम्ब्रम, बबलू हाँसदा, नरेन्द्र हाँसदा, नीरज हाँसदा, सुषमा मुर्मू, तालामय किस्कू, तालको मरांडी, दुलड़ सोरेन आदि प्रगतिशील किसान प्रशिक्षण में सम्मिलित हुए।
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