Bhagalpur News:बिहार में मक्का उत्पादन, भंडारण एवं प्रसंस्करण के लिए बीएयू ने की पहल


ग्राम समाचार, भागलपुर। बिहार में मक्के की खेती कोसी क्या सीमांचल में बड़े पैमाने पर होती है। लेकिन मूलभूत सुविधा के अभाव में किसानों को इस खेती का समुचित लाभ नहीं मिल पाता है। वहीं प्रति वर्ष बाढ़ तथा सुखाड़ की वजह से मक्का किसानों के बीच आर्थिक संकट की स्थिति बनी रहती है। अत: मक्का किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने तथा बिहार में मक्का उत्पादन एवं मक्का प्रोसेसिंग उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रवीन्द्र कुमार सोहाने ने देश के प्रख्यात वैज्ञानिकों के साथ एक रविवार को ऑनलाइन बैठक की। बैठक में भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ सुजय रक्षित, प्रमुख वैज्ञानिक डा० रमेश कुमार, बिहार कृषि विश्वविद्यालय के मक्का अनुसंधान वैज्ञानिक गण, उप निदेशक शोध डॉ फिजा अहमद, निदेशक बीज डॉ पी० के सिंह तथा प्राचार्य डॉ आर० पी० शर्मा ने भाग लिया। इस दौरान मक्का उत्पादन को रबी तथा खरीफ मौसम में बढ़ाने तथा इसके भंडारण की समस्या पर परिचर्चा हुई। खरीफ मौसम के लिए अल्प अवधि एवं जल सहिष्णु प्रभेद विकसित करने की बात पर चर्चा हुई। साथ ही रबी मौसम के लिए अत्यधिक उपज वाली प्रभेद विकसित करने की सलाह दी गई। बिहार में जलवायु अनुकूल कृषि के तहत नये प्रभेदों को विभिन्न कृषि विज्ञान केंद्रों तथा अनुसंधान संस्थानों पर लगाने का सुझाव दिया गया। जिससे नये प्रभेदों की गुणवत्ता आँकी जा सके। बिहार में मक्के की उपज तो अच्छी होती है पर खपत कम होती है। बिहार का मक्का बाहर जाकर प्रोसेस होता है तथा इसके स्थानीय मक्का दूसरे प्रदेशों में मूल्य वर्धित उत्पाद बनते हैं। मक्का भंडारण की समस्या बिहार के किसानों की बड़ी समस्या है। जिसकी वजह से वे अपनी फसल को कम दामों पर बेचने को मजबूर रहते हैं। मक्के के भंडारण तथा प्रोसेसिंग पर परिचर्चा हुई। भंडारण तथा मक्का प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने के लिए विश्वविद्यालय तथा राज्य सरकार की साझेदारी में कार्य शुरू करने का निर्णय लिया गया। डॉ सुजय रक्षित ने बीज उत्पादन के 2 नये प्रभेदों के प्रदर्शन तथा बिहार कृषि विश्वविद्यालय की तरफ से शैक्षिक आदान-प्रदान के विश्वविद्यालय से आग्रह किया। डॉ आर के सोहाने ने उनके विचारों के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता जताई। इस कार्यक्रम का समापन उप निदेशक शोध डॉ फिजा अहमद ने धन्यवाद ज्ञापन कर किया।

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Editor - Bijay shankar

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