ग्राम समाचार,बौंसी,बांका।
एक समय था। जब किसी भी त्यौहार के अवसर पर ग्रामीण भजन कीर्तन करते थे। यथा:- दुर्गा पूजा, सरस्वती पूजा, लक्ष्मी पूजा इत्यादि त्योहारों पर ग्रामीण भजन कीर्तन कर, मां की स्तुति एवं आराधना करते थे। वहीं दूसरी ओर लॉडीस्पीकर का जमाना आया, तो ग्रामीण क्षेत्र में लॉडीस्पीकर को छप्पर पर लगाया जाता था और उसमें भक्ति गीत एवं पुरानी फिल्मों के गीत बजाए जाते थे। परंतु, आज जबसे डीजे का जमाना आया है, तब से लॉडीस्पीकर का प्रचलन समाप्त हो गया। साथ-साथ सामाजिक गीतों का भी प्रचलन समाप्त हो गया। अक्सर देखा जाता है कि, डीजे पर अब अश्लील गीत, भोजपुरी गीत ही बजाए जाते हैं। चाहे वह मां दुर्गा की पूजा हो या मां सरस्वती की पूजा हो। लेकिन उन्हें सामाजिक परिवेश से और भक्ति से कुछ लेना देना नहीं है। उन्हें तो सिर्फ फूहर गीत ही बजाना होता
है। इस डीजे के चलते कई जगहों पर ग्रामीणों में आपस में झड़प हो जाती है। इसका मुख्य कारण है शराब पीकर डीजे के अश्लील भोजपुरी गीतों के धुन पर अश्लील नृत्य करना ही आज के समाज का परिवेश बनता जा रहा है। जिसका असर आज के युवा वर्ग पर गलत पड़ रहा है। वहीं जो पढ़ने वाले बच्चे हैं, उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जो दिल के मरीज हैं, वह डीजे की धमक से इनके जान को खतरा रहता है। ग्रामीण क्षेत्र में जो महिलाएं एवं जो समाज के सभ्य लोग हैं एवं आमजन को अश्लील गीतों को सुनकर शर्मिंदगी महसूस होती है और अपने आप को बाल बच्चों के सामने काफी शर्मिंदा होकर उन को समझाने का प्रयास करते हैं, परंतु वे नहीं मानते हैं। वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन ने इस बार सरस्वती पूजा पर डीजे पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। प्रशासन के इस फैसले से स्थानीय बुद्धिजीवीयों ने साधुवाद दिया है। मालूम हो कि सरस्वती पूजा को लेकर बौंसी प्रशासन के द्वारा शांति समिति की बैठक सोमवार को आयोजित की गई थी। इस बैठक में बताया गया था कि, इस
बार सरस्वती पूजा में डीजे पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा। साथ ही यह भी कहा गया था कि, थाना क्षेत्र में प्रतिमा बैठने वाले समितियों को थाना में सूचना देकर परिचय पत्र जमा करना होगा एवं इस बार कोविड-19 गाइडलाइन के तहत ही पूजा अर्चना की जाएगी। साथ में यह भी बताया गया कि, पूजा पंडाल में भीड़ नहीं लगाना है। साथ ही विसर्जन में 25 लोग से ज्यादा नहीं रहने की अनुमति दी गई है और हर हाल में 17 फरवरी को ही प्रतिमा का विसर्जन कर लेने का निर्देश दिया गया। साथ ही बताया गया कि, हुड़दंग करने वालों पर कड़ी नजर रखी जाएगी। हुड़दंग करने वालों की सूचना थाना को देने की बात कही गई है। ताकि समय पर प्रशासन पहुंच कर आवश्यक पहल कर सके। साथ ही बैठक में आए हुए डीजे वाले को भी निर्देश दिया गया कि, किसी भी सूरत में डीजे नहीं बजाया जाएगा। डीजे पकड़े जाने पर उसे जप्त कर लिया जाएगा और संबंधित व्यक्तियों पर एपीडीमिक एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन के इस फैसले ने तो तनिक सुख दे दिया परंतु बिहार सरकार अगर डीजे पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दे तभी सामाजिक परिवेश में बदलाव आएगा।
कुमार चंदन,ग्राम समाचार संवाददाता,बौंसी।
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