Bharat Bandh Updates : भारत बंद का कहां, कैसा रहा असर, जानें दिल्ली से प. बंगाल तक का हाल


ग्राम समाचार, नई दिल्ली।  किसानों के भारत बंद का देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग असर पड़ा है। कहीं यातायात बाधित हुई तो कहीं प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच छोटी-छोटी झड़पें भी हुईं। किसान नेताओं ने कहा था कि सुबह 11 बजे से शाम 3 बजे तक चक्का जाम का मकसद है कि आम व्यक्ति को परेशानी नहीं है। आइए जानते हैं कहां, कैसा रहा माहौल...


दिल्ली-एनसीआर में यातायात कुछ हद तक प्रभावित

भारत बंद में मंगलवार को कुछ ऑटो और टैक्सी संघों ने भी भाग लिया और सड़कों पर वाहनों को नहीं उतारने का फैसला किया, वहीं कुछ ने हड़ताल से दूरी बनाई। दिल्ली सर्वोदय चालक संघ के अध्यक्ष कमलजीत गिल ने दावा किया कि उसके अधिकतर सदस्य हड़ताल पर हैं। यह संगठन ओला और ऊबर जैसी ऐप आधारित टैक्सी के चालकों का प्रतिनिधित्व करता है। गिल ने कहा, 'दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में करीब चार लाख ऐप आधारित कैब हैं। हमारे अधिकतर सदस्य हड़ताल पर हैं।'


सीएम की नजरबंदी का आरोप लगा आप का ITO पर धरना

आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके आवास से बाहर नहीं आने दिया जा रहा है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री से मुलाकात करने जा रहे लोगों को भी उनके आवास में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है। इसके विरोध में मंगलवार को आम आदमी पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता दिल्ली के सबसे व्यस्त आईटीओ चौराहे के पास धरने पर बैठ गए। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने सीएम आवास के एंट्री गेट की तस्वीर ट्वीट कर कहा कि नजरबंदी का दावा बिल्कुल गलत है। सीएम कहीं भी आने-जाने के लिए स्वतंत्र हैं।


किसानों ने नैशनल हाइवे-24 किया बंद

मंगलवार सुबह 11 बजे गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने गाजियाबाद मेरठ एक्सप्रेस-वे पर धरना दिया, जिसके चलते हाई-वे पर चल रही गाड़ियों को वापस लौटना पड़ा। हालांकि इस दौरान एम्बुलेंस को किसानों ने जगह देकर उन्हें उनके गंतव्य स्थान तक जाने दिया। किसान नेता बी.एम. सिंह गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे जबकि भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत भी बॉर्डर पर मौजूद हैं। बीएम सिंह ने कहा कि किसान मेरा हौसला बढ़ा रहा है, सरकार को कहना चाहूंगा कि ये उत्तप्रदेश के किसानों का सिर्फ एक ट्रेलर है।


भारत बंद में किसानों से ज्यादा सपा सक्रिय, मल्हौर में रोकी ट्रेन

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता सड़कों पर दिख रहे हैं। प्रदेश के कई जिलों में सपा कार्यकतार्ओं ने जमकर प्रदर्शन किया। कार्यकतार्ओं ने प्रयागराज में रेलवे स्टेशन के आउटर पर बुंदेलखंड एक्सप्रेस ट्रेन को रोक दिया। इसी तरह ग्वालियर से मडुवाडीह जाने वाली ट्रेन को भी बीच रास्ते में रोक दिया गया। समाजवादी पार्टी के एमलएसी राजेश यादव ने मल्हौर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रोक दी और वहीं ट्रैक पर कार्यकतार्ओं के साथ लेट गये। इसके बाद ट्रेन को रोकना पड़ा।

बस्ती में भारत बंद आंदोलन के समर्थन में गांधीनगर पक्के बाजार में जुलूस निकालकर दुकान बंद कराने निकले सपाइयों पर पुलिस ने जमकर लाठी बरसाई। लखनऊ में विक्रमादित्य मार्ग पर समाजवादी पार्टी के कार्यालय के पास बैरिकेडिंग लगा दी गई, इसके साथ ही विधानसभा मार्ग और हजरतगंज में अतिरिक्त बल तैनात है। अलीगढ़ में साप्ताहिक बंदी के दिन भारत बंद का बाजारों में कोई असर नहीं दिखा। मुस्लिम इलाकों के भी बाजार खुले हैं।


भारत बंद का गोवा पर बहुत कम असर

'भारत बंद' के आह्वान का गोवा पर कोई असर नहीं पड़ा। निजी और सरकारी दफ्तर, बाजार और सार्वजनिक परिवहन सभी सामान्य रूप से चालू रहे। गोवा सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, राज्य में कहीं भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। हड़ताल का समर्थन करने वाले व्यापारी संघों के प्रमुख और राजनीतिक दलों के प्रमुख पणजी शहर के चौक पर इकट्ठा हुए। यहां उन्होंने इन 'काले कानूनों' को पारित करने के लिए केंद्र सरकार की निंदा की।


मध्य प्रदेशः ग्वालियर में केंद्रीय कृषि मंत्री के आवास पर विरोध प्रदर्शन

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में मंगलवार को भारत बंद के आह्वान के तहत मध्य प्रदेश के अनेक हिस्सों में विरोध प्रदर्शन की कोशिश हुई। उसी क्रम में ग्वालियर में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के आवास पर प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन कर घेराव करने की कोशिश की। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है। ग्वालियर में किसान संगठनों के साथ कांग्रेस व आम आदमी पार्टी ने बंद को सफल बनाने का आह्वान किया था। इसी क्रम में कांग्रेस कार्यकर्ता और किसान नेता सड़कों पर उतरे। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बाजारों में रैली निकाली। वैसे ग्वालियर के बाजार मंगलवार को बंद रहते है, इसलिए अधिकांश बाजार बंद रहे।


गुजरात में हिरासत में लिए गए कांग्रेसी विधायक, लॉक-अप में गाने लगे 'राम धुन'

कांग्रेस विधायक जशुभाई पटेल और उनके समर्थकों को मंगलवार को गुजरात के अरावली जिले में पुलिस ने निषेधाज्ञा आदेशों का उल्लंघन करने के कारण हिरासत में लिया गया है। इसके बाद वे पुलिस लॉक-अप में 'राम धुन' का जाप करने लगे। दिल्ली में आंदोलनरत किसानों द्वारा बुलाए गए 'भारत बंद' के कारण गुजरात में लगाई गई 144 धारा के तहत बायद के विधायक और लगभग दो दर्जन उनके समर्थकों को मालपुर कस्बे के पुलिस थाने की हवालात में बंद कर दिया गया है। लॉक-अप में उन्होंने भगवान राम का लोकप्रिय भक्ति गीत राम-धुन गाना शुरू कर दिया।

पश्चिम बंगाल में भारत बंद का दिखा असर

पश्चिम बंगाल में 'भारत बंद' का आंशिक असर 'भारत बंद' को पश्चिम बंगाल में आंशिक असर देखने को मिला है। प्रदर्शनकारियों ने यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बड़े व्यवसायियों मुकेश अंबानी और गौतम अडानी का पुतला जलाया। प्रदर्शनकारियों ने लेक टाउन और बांगुर के पास एक सड़क को अवरुद्ध कर दिया। पश्चिम बंगाल के वाम मोर्चा समर्थित संगठन भी मंगलवार को बंद के समर्थन में कोलकाता के जादवपुर 8-बी बस स्टैंड क्षेत्र में एकत्र हुए। कोलकाता के कॉलेज स्ट्रीट इलाके में ट्राम और बस सेवाओं को भी बाधित कर दिया गया क्योंकि आंदोलनकारियों ने मंगलवार सुबह विरोध प्रदर्शन किया।


भारत बंद : तमिलनाडु, पुडुचेरी में द्रमुक, कांग्रेस का प्रदर्शन बंद तमिलनाडु

तमिलनाडु में द्रमुक और कांग्रेस समेत उसके सहयोगी दलों ने मंगलवार को भारत बंद में हिस्सा लिया। पुदुचेरी में भी द्रमुक, कांग्रेस ने प्रदर्शन किया। तमिलनाडु में सार्वजनिक एवं निजी परिवहन पर असर कम दिखा और जनजीवन भी सामान्य रहा। हालांकि प्रदर्शन स्थलों के आस पास यातायात जाम दिखा। चेन्नै, तिरुचिरापल्ली, तंजावुर, कुड्डालूर समेत कई जगहों पर प्रदर्शन हुए। पुडुचेरी में भी प्रदर्शन का असर दिखा। किसान संगठनों, द्रमुक, कांग्रेस, वाम दल समेत अन्य सहयोगी दलों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया। किसान नेता पी आर पांडियन ने चेन्नै में प्रदर्शन में हिस्सा लिया और कहा कि समूचे राज्य में किसान प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे हैं।

कांग्रेस के शासन वाले केंद्र शासित प्रदेश पुदुचेरी में बंद का असर दिखा। बसें, टैक्सियां और ऑटो सड़कों पर नहीं दिखे। बंद के समर्थन में दुकानें और कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे और राज्य सरकार के कार्यालयों में भी कर्मचारियों की उपस्थिति कम रही। पुदुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी बंद को समर्थन देते हुए पुदुचेरी के कई प्रदर्शन स्थलों पर गए। उन्होंने कहा कि केंद्र को तुरंत बिना शर्त तीनों कानूनों को वापस लेना चाहिए।

त्रिपुरा में भारत बंद का कोई असर नहीं

केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों की ओर से मंगलवार को बुलाए गए बंद का त्रिपुरा में कोई असर नहीं दिखा। सड़कों पर रोज की तरह वाहन चलते रहे और राज्य में बाजार व दुकानें खुली रहीं। सरकारी कार्यालय, बैंक और वित्तीय संस्थानों में कर्मचारियों की मौजूदगी देखी गई। पुलिस ने कहा कि अभी तक राज्य के किसी भी हिस्से से हिंसा की कोई खबर नहीं मिली है।

मेघालय में जनजीवन सामान्य

मेघालय में मंगलवार को जनजीवन सामान्य रहा और केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद का कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा। राज्य में दुकानें और बाजार खुले रहे तथा निजी और सार्वजनिक वाहन चलते रहे। अधिकारियों ने बताया कि सरकारी कार्यालय, बैंक और डाकखाने खुले रहे तथा कर्मचारियों की मौजूदगी देखी गई। 'मेघालय जॉइंट कॉउन्सिल ट्रेड यूनियन एंड एसोसिएशन' ने कहा कि वह बंद का नैतिक आधार पर समर्थन करते हैं लेकिन कोविड-19 के चलते उन्होंने शहर में कोई विरोध प्रदर्शन नहीं करने का निर्णय लिया है। हिल्स किसान संघ के अध्यक्ष कमांड शंगप्लीयांग ने कहा कि उनके संगठन ने भी किसानों को नैतिक आधार पर समर्थन दिया है।


(भाषा, आईएएनएस के इनपुट के साथ,NBT Report)

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Editor - न्यूज डेस्क, नई दिल्ली.

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