Bhagalpur News:नरगाकोठी महाविद्यालय में अन्तर्राष्ट्रीय वेबिनार प्रारंभ


ग्राम समाचार, भागलपुर। पूरनमल बाजोरिया शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय नरगाकोठी के प्रांगण में हिन्दुस्थान में राष्ट्रोन्मुख शिक्षाशास्त्र विषय पर अन्तर्राष्ट्रीय वेबिनार का प्रारंभ  ति. मा. भागलपुर विश्वविद्यालय के पूर्व वाणिज्य संकायाध्यक्ष प्रो पवन पोद्दार, मारवाड़ी महाविद्यालय के प्राचार्य गुरूदेव पोद्दार, ति मा भागलपुर विश्वविद्यालय के प्रोक्टर रामसेवक सिंह, महाविद्यालय के सचिव प्रो ब्रजभूषण तिवारी, ति मा भागलपुर विश्वविद्यालय के पूर्व संकायाध्यक्ष एवं महाविद्यालय के सदस्य डॉ मधुसूदन झा, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अजीत कुमार पाण्डेय एवं प्रोअनील सिंह द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर शनिवार को किया गया। विजिटिंग प्रो सोफिया विश्वविद्यालय बुलगारिया के प्रो आनन्द वर्धन शर्मा ने अपना उद्बोधन की शुरुआत भगवान शंकर एवं माता पार्वती को नमन करते हुए किया ।शिक्षाशास्त्र को कैसे राष्ट्रोन्मुख बनायें इस पर चर्चा की ।प्राचीन शिक्षा गुरूकुल शिक्षा पद्धति थी जिसमें छात्र गुरूकुल में रहकर शिक्षा ग्रहण करते थे और छात्र का चरित्र एवं व्यक्तित्व का निर्माण किया जाता था ।गुरु शिष्य परंपरा निरंतर अभ्यास की परंपरा है ।हम क्रमित रूप से आगे बढते हैं ।सीखने की उम्र कभी समाप्त नहीं होती ।शिक्षक को नवीनतम जानकारी रखना जरूरी है ।पहले कहानी के माध्यम से नैतिकता एवं मूल्यों का परिचय कराया जाता था ।साहित्य के माध्यम से राष्ट्रीयता जगाने का प्रयास करना है ।आज का समय कदम मिलाकर चलने का है ।अध्यापक ऐसा होना चाहिए जो बिना मांगे जो देना चाहते हैं दे दे।आज एक ऐसा समाज चाहिए जो मिलजुलकर कार्य करे ।आज छात्र को सिर्फ इंजीनियर या डाँक्टर नहीं बनाना है बल्कि एक ऐसा मानव बनाना है जिसका चरित्र उत्तम हो और समाज एवं देश के कल्याण का कार्य करें। डॉ सुधांशु शुक्ला (आइ सी सी आर हिन्दी चेयर पर्सन वर्षा विश्वविद्यालय पोलेन्ड) ने कहा कि भारतीय शिक्षा पद्धति विश्व में मानी जाती है यहाँ की शिक्षा पद्धति के कारण ही भारत विश्व गुरु रहा है ।भारत ऐसी पावन भूमि है जहाँ देवता भी जन्म लेने के लिए तरसते हैं ।हमें अच्छे नागरिक बनाने का प्रयास करना है ।भारतीय शिक्षा राष्ट्र के प्रति समर्पित है ।शिक्षा के द्वारा छात्रों के अन्दर यह भावना उत्पन्न करनी है कि यह जीवन समाज एवं देश के कार्यों के लिए मिला है ।मन को विकसित एवं गन्दगी से छुटकारा पाने के लिए कार्य करना है ।परिश्रम से कमाया हुआ पैसा सुख प्रदान करेगा। डॉ गुरुदेव पोद्दार (प्राचार्य मारवाड़ी महाविद्यालय भागलपुर)  ने शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला ।शिक्षा का देश के विकास में काफी योगदान है ।शिक्षा चरित्र निर्माण एवं देश निर्माण का सबसे बड़ा हथियार है। प्रो रामसेवक सिंह (प्रोक्टर भागलपुर विश्वविद्यालय)ने कहा कि अपने देश में राष्ट्रवाद की भावना विकसित करने की आवश्यकता है। प्रो पवन पोद्दार ने कहा कि प्रत्येक युवा में एक प्रकार की आंतरिक उर्जा होती है ।हमारी शिक्षण व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए जिसमें हम अपने युवाओं में मूल्यों का निर्माण कर सकें। विषय प्रवेश करते हुए महाविद्यालय के सचिव ब्रजभूषण तिवारी ने कहा कि ब्रिटिश शासकों ने हिन्दुस्तान के शिक्षाशास्त्र को खत्म कर दिया ।हमारी शिक्षा प्रणाली में बच्चों में नैतिक आध्यात्मिक इत्यादि मूल्यों के निर्माण की आवश्यकता है ।हिंदुस्तान में ऐसी शिक्षाशास्त्र की आवश्यकता है जो राष्ट्रोन्मुख हो। प्रो वाई नरसिमहुलू (डायरेक्टर एच आर डी सी हैदराबाद विश्वविद्यालय)ने कहा कि वर्तमान समय में योग्य एवं कुशल शिक्षकों की आवश्यकता है ।इन्होंने वर्तमान शिक्षणशास्त्र के परिवर्तन की बात कही ।आज के शिक्षार्थी पहले के शिक्षार्थी से भिन्न हैं। डॉ रचना वर्मा मोहन (लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ नई दिल्ली) ने कहा कि सुविधा से वंचित या शोषित बच्चों के लिए कक्षा कक्ष और उनके लिए आवश्यक शिक्षाशास्त्र पर चर्चा की गई। उन्होंने आर्थिक रूप से पिछड़े और सामाजिक रूप से पिछड़े बच्चों के विषय में विस्तार पूर्वक चर्चा की ।समाज के प्रत्येक वर्ग के बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु हमेशा प्रयत्नशील रहना है। महाविद्यालय के सदस्य डॉ मधुसूदन झा ने कहा कि राष्ट्र के निर्माण में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका है ।शिक्षा का कोई अर्थ नहीं है जो जीवन को प्रकाशमय न बनाये ।शिक्षा ज्ञान के प्रसार का माध्यम है ।यह आनेवाली पीढ़ी को सही मार्गदर्शन करने में सहायता प्रदान करती है। अतिथि परिचय प्राचार्य डॉ अजीत कुमार पाण्डेय द्वारा एवं संचालन अध्यापिका सरिता कुमारी द्वारा किया गया ।धन्यवाद ज्ञापन प्रथम सत्र में डॉ दीप्तांशु भास्कर द्वारा एवं द्वितीय सत्र में डॉ रामकेश पांडे द्वारा किया गया। इस अवसर पर विद्या भारती उच्च शिक्षा के संयोजक प्रकाश चन्द्र, संगठन मंत्री ख्याली रामजी, क्षेत्रीय सचिव दिलीप कुमार झा, प्रदेश सचिव गोपेश कुमार घोष, प्रदेश सह सचिव प्रकाश चन्द्र जायसवाल,राजकुमार ठाकुर, हरेन्द्रनाथ पांडे, गौरी शंकर मिश्र, शशि भूषण मिश्र, रौशन सिन्हा, राजीव शुक्ला, धनंजय कुमार, रामजी पोद्दार एवं देश और विदेश से लगभग 500 प्रतिभागी उपस्थित थे।
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Editor - Bijay shankar

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- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)

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