ग्राम समाचार, भागलपुर (बिहार)। देशभर में बुधवार से 21 दिनों का लॉकडाउन शुरू हो गया। एक तरफ जहां प्रशासनिक महकमा इसे सफल बनाने में जुटे हैं, वहीं कई लोगों को इससे फर्क नहीं पड़ रहा। वे अपने लाभ को लेकर सरकारी निर्देश का उल्लंघन करने में लगे हैं। बुधवार को पटना से बस बुक कराकर गोड्डा निवासी मजदूर काफी संख्या में भागलपुर पहुंचकर फंस गए।
- जीरोमाइल चौक के पास मजदूरों ने बताया कि उन्हें बस चालकों ने भागलपुर पहुंचाने की बात कही थी पर नवगछिया में पुलिस ने बस को रोक दिया। वहां से वे पैदल ही भागलपुर पहुंचे हैं।
ढाई लाख में बस बुक कराया
- मजदूरों ने बताया कि पटना में बस ढाई लाख रुपये में बुक कराया था। ढाई सौ यात्रियों ने एक-एक हजार रुपये बस वाले को दिया था। भागलपुर पहुंचे मजदूर गोड्डा के रहने वाले थे। वे इस बात से परेशान थे कि भागलपुर तक आने के बाद वे गोड्डा कैसे जायेंगे। गोड्डा जाने के लिए कोई साधन नहीं होने से वे जीरोमाइल चौक पर ही बैठ गये थे।
गोड्डा कैसे जायेंगे यह नहीं पता
- पटना से बस से पहुंचे यात्री गणेश ने बताया कि पटना से ढाई लाख में बस बुक कराके लोग आये हैं। बस वाला बोला था कि भागलपुर पहुंचायेंगे पर नवगछिया में पुलिस ने रोक लिया। वहां से पैदल ही भागलपुर आये हैं।
- इसी बस से पहुंचे छब्बू ने बताया कि हमें गोड्डा जाना है। बस वाले ने मनमाना पैसा लिया पर भागलपुर नहीं पहुंचाया। पटना से 17 घंटे में भागलपुर पहुंचे हैं। यहां से गोड्डा कैसे जायेंगे यह नहीं पता।
व्यवस्था पर सवाल
- बस यहां तक कैसे आई पीएम मोदी ने मंगलवार रात 12 बजे से पूरे देश में लॉकडाउन का एलान किया था पर बिहार सरकार ने पहले ही 31 मार्च तक लॉकडाउन की घोषणा की थी। ऐसे में सवाल है कि मंगलवार रात पटना से इतने यात्रियों को एक साथ बिठाकर बस भागलपुर तक कैसे पहुंच गई। यात्रियों से मनमाना किराया वसूल कर बस यहां तक पहुंच गयी, जिससे कई सवाल उठ रहे हैं।
- सवाल बस में 50 यात्रियों को बिठाया गया, वे सटकर बैठे और यहां तक आये, उनपर किसी की नजर क्यों नहीं पड़ी उन मजदूरों के हाथ को कहीं भी सेनेटाइज कराने की व्यवस्था नहीं की गयी, ऐसा क्यों इन मजदूरों में कोई संदिग्ध होगा और उससे कोरोना का संक्रमण फैला तो जिम्मेदार कौन होगा। जिस बस को पकड़ा गया उसके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई, मनमाना किराया वसूलने पर क्या किया गया जो मजदूर किसी तरह पटना से भागलपुर पहुंचे, वे अपने घर तक नहीं पहुंचेंगे तो कहां रहेंगे।
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