Bhagalpur News:अर्थव्यवस्था और समाज की प्रगति और समृद्धि में सहायक हो रहा इनक्यूबेटर्स उद्यमी परियोजना – कुलपति बीएयू
ग्राम समाचार, भागलपुर। बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के कुलपति डॉ आर के सोहाने ने बताया कि कृषि विश्वविद्यालय सबौर इनक्यूबेटर्स (सबएग्रीस) उद्यमी अर्थव्यवस्था और समाज को प्रगति और समृद्धि में सहायक हो रहे हैं। यह कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना - रफ्तार अन्तर्गत वित्त पोषित परियोजना है। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, उद्यमी सामग्री की आपूर्ति संचालित करने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो आधुनिक उपभोक्ता समाज को संचालित करता है। इसमें मुख्य रूप से वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन और आपूर्ति, बाहरी अर्थव्यवस्थाओं पर निर्भरता कम करना, रोजगार पैदा करना, जीवन स्तर में सुधार, विदेशी मुद्रा अर्जित करना, देश में अव्यक्त क्षमता का विकास और पोषण करना है। इस संदर्भ में नये उद्यमियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती उद्यमशील संस्कृति की पहचान के लिए समावेशी वातावरण की कमी है। बिहार राज्य में इसकी अधिक आवश्यकता है। कोई भी व्यक्ति अपने व्यवसाय के बारे में सब जान सकता है, लेकिन एक साधारण, लागत प्रभावी और व्यवस्थित तरीके से निगमन, अनुपालन, लेखा, कानूनी कर मुद्दों आदि जैसे प्रबंधन कार्यों के निष्पादन हेतु नियामक बाधाओं को नहीं समझ सकता है। साथ ही उच्च विपणन बजट तक पहुंच के बिना ब्रांड पहचान बनाना एक निरंतर समस्या है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना - रफ्तार अन्तर्गत वित्त पोषित परियोजना सबौर एग्री इनक्यूबेटर्स (सबएग्रीस) का संचालन बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के द्वारा किया जा है। यह परियोजना राज्य में एग्रीप्रेन्योरियल इकोसिस्टम के पोषण और एग्री-स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए संचालित की जा रही है। इस परियोजना के माध्यम से उद्यमी अपने नवाचारी एवं अभिनव विचारों को मूर्तरूप प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण सहित अन्य प्रकार का कौशल विकास प्राप्त करते हैं। कुलपति ने बताया कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य है कि कृषि क्षेत्र में उद्यमिता विकास हेतु सकारात्मक वातावरण का सृजन करना, राज्य के युवाओं को जॉब प्रोवाइडर बनाना, परम्परागत खेती को बाजारोन्मुखी बनाना और प्रौद्योगिकी व्यवसायीकरण को बढ़ावा देना है।
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