वैश्विक बीमारी कोविड के दौर में जहां सभी लोग एक दूसरे का सहयोग कर रहे हैं और मुख्यमंत्री जी लगातार धरातल पर उतर कर सभी चीजों को व्यवस्थित करने में जुटे हुए हैं प्रत्येक जिले में जाकर अधिकारियों से मिल रहे हैं और खुद जमीनी स्तर पर चीजों को जांच रहे हैं इसी कड़ी में हिसार में 500 बेड के हॉस्पिटल के उद्घाटन तथा व्यवस्था को देखने के लिए हिसार पहुंचने पर उनका विरोध किया गया है उसने कहीं ना कहीं विपक्षियों की मानसिकता को सामने ला दिया है।
पूरे देश और प्रदेश ने देख लिया है कि कुछ जत्थेबंदियों के नेताओँ को ना किसानों से कुछ लेना देना ना ही इनको आंदोलन से कुछ मतलब है ना ही जो बीमार लोग हैं उनसे कुछ मतलब है इनको अपने विरोध से मतलब है। 500 लोगों के इलाज के लिए व्यवस्था को रोकने के लिए, राजनीतिक मंशा से विरोध किया गया यह किसानों की मानसिकता नहीं हो सकती यह सिर्फ विपक्षियों की मानसिकता है आज बॉर्डर से खेतों में करोना पहुंच रहा है उसके बावजूद भी कुछ जत्थेबंदियों के नेताओं को अपनी राजनीति की पड़ी है जिनके पीठ पर विपक्षी दलों का हाथ है। इस तरह का विरोध प्रदर्शन करने के लिए जिस प्रकार से नेताओं ने लोगों को आगे किया है उससे यह भी समझ आता है कि इनको प्रदर्शनकारियों की सेहत से भी कोई मतलब नहीं है कि वह उनको भड़काकर किस प्रकार से खतरे में डाल रहे हैं उनसे भी इनको कोई मतलब नहीं है इनको सिर्फ अपनी राजनीति चमकानी है
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें