ग्राम समाचार, पाकुड़। झारखंड सरकार पुनः बाजार समिति शुल्क लगाने का निर्णय लेने वाली है।जानकारी के अनुसार इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिए गए हैं। इसकी जानकारी चेंबर ऑफ कॉमर्स पाकुड़ के सचिव संजीव कुमार खत्री ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दी ।उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिला चेंबर एवं व्यवसायिक संगठनों के लंबे संघर्ष के बाद 2015 में तत्कालीन सरकार ने इस टैक्स को समाप्त किया था।जुलाई 2017 में जीएसटी लाया गया । जिसमें सरकारों ने दावा किया था कि सारी टैक्स जीएसटी में समाहित है।बाजार समिति शुल्क हमारे पड़ोसी राज्य बिहार एवं बंगाल आदि में नहीं लगता है। अगर झारखंड में इसे पुनः लागू किया जाता है तो सरकार की बहुत किरकिरी होगी ओर इससे कोई विशेष राजस्व की प्राप्ति भी नहीं होगी।राज्य में कमजोर आदिवासियों एवं किसानों का भयादोहन होगा। कीमत में भी इजाफा होगा। जिससे सरकार की छवि खराब होगी।पाकुड़ चेंबर ऑफ कॉमर्स सरकार से आग्रह करता है कि बाजार समिति पुनः लगने का प्रस्ताव को निरस्त करे। शुल्क नहीं लगने दिया जाए। राज्य की जनता पिछले 2 वर्ष से कोविड-19 के चलते परेशान है। लोगों को भोजन के लिए मुश्किल हो रहा है ।ऐसे में यदि बाजार समिति की प्रस्ताव लिया जाता है, तो यहां के गरीब जनता , मजदूर के लिए उचित नहीं होगा।
ग्राम समाचार, पाकुड़ राजकुमार भगत की रिपोर्ट।
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