ग्राम समाचार, भागलपुर। भाकपा-माले व ऐक्टू ने बैंकों का निजीकरण किए जाने की घोषणा पर गहरी आपत्ति जाहिर की है। अपने औद्योगिक आकाओं को लाभ पहुंचाने के लिए मोदी सरकार द्वारा देश के अर्थव्यवस्था की रीढ़ पर किए गए घातक प्रहार का विरोध करते हुए भाकपा-माले के नगर प्रभारी व ऐक्टू के राज्य सचिव मुकेश मुक्त ने कहा कि रेलवे, हवाई-जहाज, बीमा, चिकित्सा, शिक्षा आदि को निजीकरण की प्रक्रिया में धकेलने के बाद मोदी सरकार अब खेती व बैंकों को निशाना बना रही है। निजीकरण की पूरी प्रक्रिया देश की जनता के लिए एक बड़ा हादसा है। देश के विकास में सार्वजनिक बैंकों की महत्पूर्ण भूमिका से कोई इंकार नहीं कर सकता। यह हमारे देश के अर्थव्यस्था की रीढ़ हैं। लेकिन इसे भी सरकार अब बेचने पर आमदा है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा मौजूदा बजट सत्र में देशी-विदेशी कंपनियों व औद्योगिक घरानों के हित में बैंकों के निजीकरण के विधिवत घोषणा के खिलाफ आगामी 15 -16 मार्च 2021 को यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स के आह्वान पर दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल का भाकपा-माले व ऐक्टू समर्थन करती है, उनके आंदोलन के साथ एकजुटता प्रदर्शित करती है और बैंको के निजीकरण पर रोक लगाने की मांग करती है।
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Bhagalpur News:बैंकों को निजी हाथों में सौंपे जाने की घोषणा का भाकपा-माले व ऐक्टू ने किया विरोध
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