इस अवसर पर उन्होंने ने कहा कि 'युवा भारत नया भारत' की संकल्पना महाविद्यालय के विद्यार्थियों के बौद्धिक विकास,आत्मबल,चरित्र निर्माण,स्वाबलंबन,उत्थान में अपनी अद्वितीय भूमिका निर्वहन कर सकती है।वहीं एन एस एस के डॉ रणजीत सिंह ने कहा कि सृजनात्मकता,सकारात्मक चिंतन,बौद्धिक अभिव्यक्ति,निर्णय योग्यता,विषय का अद्यतन ज्ञान,दूरदर्शी एवं अच्छे विचार के लिये महाविद्यालय / विश्व विद्यालय से बेहतर कोई स्थान नहीं हो सकता।स्वामी विवेकानंद के शब्दों में'युवा शक्ति ही विश्व की सबसे बड़ी शक्ति है'। जिसका समग्र उपयोग राष्ट्र में वैचारिक क्रांति का सूत्रपात कर सकती है।
डॉ सतीश कुमार (पूर्व एन एस एस सलाहकार दिल्ली)ने कहा कि आज युवा शक्ति को प्रबल,संगठित किये जाने की जरूरत है ताकि सहनशीलता,सृजनात्मक कार्यों,सार्वभौमिक सिद्धांतो को बल दी जा सके।बी एस के कॉलेज बरहरवा के डॉ महलान्त झा ने कहा कि युवाओं को शिक्षा की नीति एवं प्रासंगिकता पर बल दिये जाने की जरूरत है।
शिबू सोरेन जनजातीय कॉलेज बोरियो से डॉ मैरी सोरेन प्रो रमेश यादव ने कहा कि विश्व विद्यालय स्तर पर युवाओं का विकास कर प्रखर व्यक्तित्व का निर्माण किया जा सकता है।अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस के इस कार्यक्रम में नेहा झा तनवीर आलम,नामिता,शाहबाज आदि दर्ज़नो एन एस एस वोलेंटियर्स ने जुड़कर भाग लिया।
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