ग्राम समाचार, बांका।समाहरणालय सभागार बांका में 25 फरवरी को नए जिला पदाधिकारी सुहर्ष भगत की अध्यक्षता में स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल एवं स्वच्छता, बाल संरक्षण, महिला एवं बाल विकास संबंधी सूचकांकों की समीक्षा हेतु जिला प्रशासन एवं यूनिसेफ द्वारा एक संयुक्त बैठक आयोजित की गई।
इस अवसर पर यूनिसेफ बिहार के प्रमुख असदुर रहमान, पुलिस अधीक्षक बांका, उप विकास आयुक्त बांका, सहायक समाहर्ता, भूमि सुधार उप समाहर्ता, जिला शिक्षा पदाधिकारी, डीपीओ, आईसीडीएस सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं जिला और यूनिसेफ के पदाधिकारी उपस्थित थे। बैठक के दौरान उपरोक्त विषय पर जिले के उपलब्धियों एवं चुनौतियों की ओर ध्यान आकर्षित किया गया।
मातृ शिशु, मृत्यु दर को घटाने के लिए गुणवत्तापूर्ण संस्थागत प्रसव केंद्रों की संख्या बढ़ाने पर भी बल दिया गया। अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित करके उनकी स्थिति में किस प्रकार सुधार हो उस पर चर्चा की गई । राज्य में पेयजल की उपलब्धता एवं गुणवत्ता संबंधित समस्याएं हेतु जल जीवन हरियाली अभियान के अंतर्गत पेयजल स्रोतों के संरक्षण व संवर्धन हेतु समुदायों को जोड़ने पर भी बल दिया गया। अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित करके उसकी स्थिति में सुधार करने हेतु महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई। बाल विकास परियोजना के अंतर्गत कैश एप के द्वारा कुपोषण के इंटिगेटर की समीक्षा पर चर्चा की गई। बांका जिले में 58% सेविकाओं द्वारा कैश एप का उपयोग किया जा रहा है तथा वृद्धि निगरानी एवं पोषण से संबंधित गतिविधियों एवं आंकड़ों को ऐप पर अपलोड किया जा रहा है। ऐप से प्राप्त जानकारी बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाने हेतु किस प्रकार उपयोगी होगी इस पर भी चर्चा की गई ।बाल संरक्षण की दिशा में बालमित्र थानों की स्थापना, बाल विवाह खत्म करने के लिए हस्तक्षेप एवं मुक्त कराए गए बाल श्रमिकों के पुनर्वास संबंधित योजनाओं की भी जानकारी दी गई। बैठक में जन्म पंजीकरण को प्रमुख बाल अधिकार के तौर पर चिन्हित करते हुए इसकी दिशा में किए जाने वाले प्रयासों पर बल दिया गया। यूनिसेफ द्वारा आकांक्षी जिलों में नियमित अनुश्रवण हेतु केपीएनजी संस्थाएं की सेवा ली जा रही है बैठक के अंत में यूनिसेफ के कार्यक्रम प्रबंधन द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया।
इस अवसर पर यूनिसेफ बिहार के प्रमुख असदुर रहमान, पुलिस अधीक्षक बांका, उप विकास आयुक्त बांका, सहायक समाहर्ता, भूमि सुधार उप समाहर्ता, जिला शिक्षा पदाधिकारी, डीपीओ, आईसीडीएस सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं जिला और यूनिसेफ के पदाधिकारी उपस्थित थे। बैठक के दौरान उपरोक्त विषय पर जिले के उपलब्धियों एवं चुनौतियों की ओर ध्यान आकर्षित किया गया।
मातृ शिशु, मृत्यु दर को घटाने के लिए गुणवत्तापूर्ण संस्थागत प्रसव केंद्रों की संख्या बढ़ाने पर भी बल दिया गया। अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित करके उनकी स्थिति में किस प्रकार सुधार हो उस पर चर्चा की गई । राज्य में पेयजल की उपलब्धता एवं गुणवत्ता संबंधित समस्याएं हेतु जल जीवन हरियाली अभियान के अंतर्गत पेयजल स्रोतों के संरक्षण व संवर्धन हेतु समुदायों को जोड़ने पर भी बल दिया गया। अति कुपोषित बच्चों को चिन्हित करके उसकी स्थिति में सुधार करने हेतु महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई। बाल विकास परियोजना के अंतर्गत कैश एप के द्वारा कुपोषण के इंटिगेटर की समीक्षा पर चर्चा की गई। बांका जिले में 58% सेविकाओं द्वारा कैश एप का उपयोग किया जा रहा है तथा वृद्धि निगरानी एवं पोषण से संबंधित गतिविधियों एवं आंकड़ों को ऐप पर अपलोड किया जा रहा है। ऐप से प्राप्त जानकारी बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाने हेतु किस प्रकार उपयोगी होगी इस पर भी चर्चा की गई ।बाल संरक्षण की दिशा में बालमित्र थानों की स्थापना, बाल विवाह खत्म करने के लिए हस्तक्षेप एवं मुक्त कराए गए बाल श्रमिकों के पुनर्वास संबंधित योजनाओं की भी जानकारी दी गई। बैठक में जन्म पंजीकरण को प्रमुख बाल अधिकार के तौर पर चिन्हित करते हुए इसकी दिशा में किए जाने वाले प्रयासों पर बल दिया गया। यूनिसेफ द्वारा आकांक्षी जिलों में नियमित अनुश्रवण हेतु केपीएनजी संस्थाएं की सेवा ली जा रही है बैठक के अंत में यूनिसेफ के कार्यक्रम प्रबंधन द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया।
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