ग्राम समाचार, भागलपुर। बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में शनिवार को एग्री हेक्थॉन के उद्घाटन के साथ ही सबौर एग्री हेक्थॉन का अयोजन करने वाला देश का पहला कृषि विश्वविद्यालय बन गया। कार्यक्रम का उद्घाटन उद्घाटन डॉ. एन. सरवण कुमार सचिव कृषि विभाग बिहार सरकार के द्वारा वर्चुअल मोड के माध्यम से किया गया। इस अवसर पर डॉ. पी. एस. पाण्डेय ए.डी.जी. (शिक्षा, योजना व गृह विज्ञान) नई दिल्ली एवं डॉ. ए. के. श्रीवास्तव, सदस्य ए.एस.आर.बी. नई दिल्ली, बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के कुलपति डॉ. आर. के. सोहाने, निदेशक छात्र कल्याण, डॉ. राजेश कुमार एवं अधिष्ठाता (कृषि), डॉ. आर. आर. सिंह उपस्थित थे। इस ऐतिहासिक आयोजन के साथ ही बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर का नाम कृषि विकास के इतिहास में सुनहरे अक्षरों से दर्ज हो गया, क्योंकि बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर एग्री हेक्थॉन का अयोजन करने वाला देश का पहला कृषि विश्वविद्यालय है। इस अवसर पर डा. एन. सरवण कुमार ने कहा कि हेक्थॉन माइन्ड का मीटिंग है एवं तकनीकी उन्मुखी विचार का सृजन है। जब प्रतिभाशाली विचार को सही परिस्थिति में सही समय पर लागू किया जाय तभी वह सफल होगा। अब पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने की आवश्यकता है। जहाँ कि विद्यार्थी एवं वैज्ञानिक/शिक्षक कार्य करने के रूप में हो। उन्नत भारत अभियान मॉडल के जैसा हेक्थॉन कार्यक्रम होना चाहिए। साथ ही विजेता एवं असफल का कोई माप नहीं होना चाहिए बल्कि न्मोन्वेषी आईडिया के साथ भाग लेना ही काफी है । उन्होंने कहा कि बिहार के परिवेश में जीरो टीलेज, कृषि यांत्रिकरण, डिजिटल कृषि सेवा मौसम सलाहकार सेवा, आवश्यकता आधारित सेवा, मौसम अनुकूल कृषि क्रियाकलाप, फसल अवशेष प्रबंधन के क्षेत्र में कार्य करने की आवश्यकता है। डॉ. आर. के. सोहाने ने इस अवसर पर अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि हमारे बच्चों में नवोन्मेषी रचनात्मक विचार भरा पड़ा है। उसे बाहर निकालकर उनके आइडिया को कृषि से जुड़ी समस्याओं के समाधान एवं कृषि आधारित क्षेत्र में अमल करने की आवश्यकता है। उन्होनें इस तरह के नवोन्मेषी कार्यक्रम को लागू करनेएवं निष्पादित करने के एप्रोच को सराहा। उन्होनें नवोन्मेषी विचार के गुजांइश, लक्ष्यों और भविष्य की रणनीति पर फोकस डालते हुए कहा कि हमारे देश में जहाँ कि प्रतिभा की कमी नहीं है इस एग्री हैकथॉन के उत्साहवर्द्धक आइडिया निकलकर आयेगा जो कि कृषि की समस्याओं एवं कृषि विकास की भविष्य की योजनाओं को बनाने में सहायक साबित होगा। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ पी. एस. पाण्डेय ने इस अवसर पर कहा कि इस कार्यक्रम में कैश प्राइज देकर हम बच्चों को अपने नवोन्मेषी विचार को प्रकट करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। यह एक टीम आधारित समस्या का समाधान है। इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए उन्होंने बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन को बढ़ावा देकर हमारा देश वैश्विक नवोन्मेषी सूचकांक की सूची में 25वें स्थान के अंदर आ सकता है। हमारे प्रधानमंत्री का नया भारत-स्मार्ट भारत बनाने का सपना बिना नवोन्मेषी आइडिया के संभव नहीं है। अतः हेक्थॉन का आयोजन काफी महत्वपूर्ण है। हेक्थॉन के आइडिया पर नये स्टार्टअप आयेंगे। इस अवसर पर डॉ. ए. के. श्रीवास्तव ने कहा कि 1951 से 2021 तक हमने लम्बा सफर तय किया है एवं हम भोजन की कमी से तथा वर्तमान में भोजन की अधिशेष की स्थिति में है। नवोन्मेषी विचार को अमल करने के लिए 600 मिलियन मध्यम वर्गीय परिवार तैयार है। क्योंकि यह जनसंख्या का वह हिस्सा है जो कि गुणवत्तायुक्त खाद्य पदार्थ के लिए निवेश करने को तैयार है। अतः नवोन्मेषी आइडिया को बढ़ावा देने के लिए इस दिशा में नीति निर्धारक को निवेश करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर डॉ. आर. आर. सिंह ने कहा कि एग्री हेक्थॉन के अवश्य ही कोई विशेष आइडिया निकलकर आयेगा जिसे कि कृषि के क्षेत्र में उपयोग किया जायेगा। डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि इस कार्यक्रम से छात्र-छात्राओं को नवोन्मेषी आइडिया की पहचान एवं प्लेटफार्म मिलेगा। डॉ आदित्या आयोजक सचिव ने स्वागत भाषण एवं कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होनें बताया कि हैकथॉन का आयोजन चार थीम में किया गया है। प्रत्येक थीम से तीन विजेता को चुना जायेगा। प्रथम विजेता को 10,000/- रूपये, द्वितीय विजेता को 5,000/- रूपये तथा तृतीय विजेता को 3,000/- रूपये की प्रोत्साहन राशि पुरस्कार के रूप में दिया जायेगा। कुल 12 विजेता होंगे। मंच संचालन डॉ. चंदन कुमार पाण्डा तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सुबरना रॉय चौधरी ने किया।
Bhagalpur News:एग्री हेक्थॉन का अयोजन करने वाला देश का पहला कृषि विश्वविद्यालय बना सबौर
ग्राम समाचार, भागलपुर। बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में शनिवार को एग्री हेक्थॉन के उद्घाटन के साथ ही सबौर एग्री हेक्थॉन का अयोजन करने वाला देश का पहला कृषि विश्वविद्यालय बन गया। कार्यक्रम का उद्घाटन उद्घाटन डॉ. एन. सरवण कुमार सचिव कृषि विभाग बिहार सरकार के द्वारा वर्चुअल मोड के माध्यम से किया गया। इस अवसर पर डॉ. पी. एस. पाण्डेय ए.डी.जी. (शिक्षा, योजना व गृह विज्ञान) नई दिल्ली एवं डॉ. ए. के. श्रीवास्तव, सदस्य ए.एस.आर.बी. नई दिल्ली, बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के कुलपति डॉ. आर. के. सोहाने, निदेशक छात्र कल्याण, डॉ. राजेश कुमार एवं अधिष्ठाता (कृषि), डॉ. आर. आर. सिंह उपस्थित थे। इस ऐतिहासिक आयोजन के साथ ही बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर का नाम कृषि विकास के इतिहास में सुनहरे अक्षरों से दर्ज हो गया, क्योंकि बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर एग्री हेक्थॉन का अयोजन करने वाला देश का पहला कृषि विश्वविद्यालय है। इस अवसर पर डा. एन. सरवण कुमार ने कहा कि हेक्थॉन माइन्ड का मीटिंग है एवं तकनीकी उन्मुखी विचार का सृजन है। जब प्रतिभाशाली विचार को सही परिस्थिति में सही समय पर लागू किया जाय तभी वह सफल होगा। अब पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने की आवश्यकता है। जहाँ कि विद्यार्थी एवं वैज्ञानिक/शिक्षक कार्य करने के रूप में हो। उन्नत भारत अभियान मॉडल के जैसा हेक्थॉन कार्यक्रम होना चाहिए। साथ ही विजेता एवं असफल का कोई माप नहीं होना चाहिए बल्कि न्मोन्वेषी आईडिया के साथ भाग लेना ही काफी है । उन्होंने कहा कि बिहार के परिवेश में जीरो टीलेज, कृषि यांत्रिकरण, डिजिटल कृषि सेवा मौसम सलाहकार सेवा, आवश्यकता आधारित सेवा, मौसम अनुकूल कृषि क्रियाकलाप, फसल अवशेष प्रबंधन के क्षेत्र में कार्य करने की आवश्यकता है। डॉ. आर. के. सोहाने ने इस अवसर पर अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि हमारे बच्चों में नवोन्मेषी रचनात्मक विचार भरा पड़ा है। उसे बाहर निकालकर उनके आइडिया को कृषि से जुड़ी समस्याओं के समाधान एवं कृषि आधारित क्षेत्र में अमल करने की आवश्यकता है। उन्होनें इस तरह के नवोन्मेषी कार्यक्रम को लागू करनेएवं निष्पादित करने के एप्रोच को सराहा। उन्होनें नवोन्मेषी विचार के गुजांइश, लक्ष्यों और भविष्य की रणनीति पर फोकस डालते हुए कहा कि हमारे देश में जहाँ कि प्रतिभा की कमी नहीं है इस एग्री हैकथॉन के उत्साहवर्द्धक आइडिया निकलकर आयेगा जो कि कृषि की समस्याओं एवं कृषि विकास की भविष्य की योजनाओं को बनाने में सहायक साबित होगा। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ पी. एस. पाण्डेय ने इस अवसर पर कहा कि इस कार्यक्रम में कैश प्राइज देकर हम बच्चों को अपने नवोन्मेषी विचार को प्रकट करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। यह एक टीम आधारित समस्या का समाधान है। इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए उन्होंने बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन को बढ़ावा देकर हमारा देश वैश्विक नवोन्मेषी सूचकांक की सूची में 25वें स्थान के अंदर आ सकता है। हमारे प्रधानमंत्री का नया भारत-स्मार्ट भारत बनाने का सपना बिना नवोन्मेषी आइडिया के संभव नहीं है। अतः हेक्थॉन का आयोजन काफी महत्वपूर्ण है। हेक्थॉन के आइडिया पर नये स्टार्टअप आयेंगे। इस अवसर पर डॉ. ए. के. श्रीवास्तव ने कहा कि 1951 से 2021 तक हमने लम्बा सफर तय किया है एवं हम भोजन की कमी से तथा वर्तमान में भोजन की अधिशेष की स्थिति में है। नवोन्मेषी विचार को अमल करने के लिए 600 मिलियन मध्यम वर्गीय परिवार तैयार है। क्योंकि यह जनसंख्या का वह हिस्सा है जो कि गुणवत्तायुक्त खाद्य पदार्थ के लिए निवेश करने को तैयार है। अतः नवोन्मेषी आइडिया को बढ़ावा देने के लिए इस दिशा में नीति निर्धारक को निवेश करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर डॉ. आर. आर. सिंह ने कहा कि एग्री हेक्थॉन के अवश्य ही कोई विशेष आइडिया निकलकर आयेगा जिसे कि कृषि के क्षेत्र में उपयोग किया जायेगा। डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि इस कार्यक्रम से छात्र-छात्राओं को नवोन्मेषी आइडिया की पहचान एवं प्लेटफार्म मिलेगा। डॉ आदित्या आयोजक सचिव ने स्वागत भाषण एवं कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होनें बताया कि हैकथॉन का आयोजन चार थीम में किया गया है। प्रत्येक थीम से तीन विजेता को चुना जायेगा। प्रथम विजेता को 10,000/- रूपये, द्वितीय विजेता को 5,000/- रूपये तथा तृतीय विजेता को 3,000/- रूपये की प्रोत्साहन राशि पुरस्कार के रूप में दिया जायेगा। कुल 12 विजेता होंगे। मंच संचालन डॉ. चंदन कुमार पाण्डा तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सुबरना रॉय चौधरी ने किया।
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