ग्राम समाचार गोड्डा ब्यूरो रिपोर्ट:- उपायुक्त भोर सिंह यादव ने विश्व जल दिवस को लेकर जिलावासियों से अपील करते हुए कहा कि वर्तमान में जल की महत्ता और आवश्यक को देखते हुए हर घर में वर्षा जल संचयन तकनीक और सोख्ता का निर्माण महत्वपूर्ण है, ताकि गिरते भूजल स्तर को पुनः रिचार्ज किया जा सके। जल के बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। इसलिए पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने के लिए पानी का संरक्षण जरूरी है। इस हेतु वर्षा जल संचयन करना सबसे आसान व कारगर तरीका माना जाता है। ऐसे में आवश्यक है कि जल की एक-एक बूंद के महत्व के प्रति एक दूसरे को जागरूक करें और वर्षा जल संचयन को घरों में संग्रहित करने की व्यवस्था को सुदृढ़ करें। उपायुक्त ने कहा कि पृथ्वी का 71 प्रतिशत हिस्सा पानी से भरा हुआ है लेकिन स्वच्छ जल की बात करें तो उसका प्रतिशत बहुत ही कम है। कई सारे देश ऐसे हैं जहां के रहवासी गंदा पानी पीकर अपना जीवन काट रहे हैं। ऐसे में आवश्यक है कि जल का संरक्षण किया जाए ताकि हमारे साथ हमारे आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ पानी मिले। ज्ञात हो कि विश्व जल दिवस मनाने की अंतरराष्ट्रीय पहल ब्राजील में रियो डि जेनेरियो में 22 मार्च 1992 में आयोजित पर्यावरण तथा विकास का संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में की गई। साल 1993 में संयुक्त राष्ट्र ने अपने सामान्य सभा में निर्णय लेकर इस दिन को वार्षिक कार्यक्रम के रूप में मनाने का निर्णय लिया। दरअसल हर वर्ष विश्व जल दिवस के लिए एक थीम तय की जाती है। इस बार की थीम है 'जल संसाधनों पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव' यानी लोगों को यह जागरूक करना है कि, जलवायु परिवर्तन का किस तरह से जल संसाधनों पर प्रभाव पड़ रहा है। पिछले साल यानी विश्व जल दिवस 2019 की थीम थी, 'किसी को पीछे नहीं छोड़ना'। पानी हमारे जीवन का एक बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। पानी की आपूर्ति में परिवर्तन खाद्य सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में जल संकट को खाद्य आपूर्ति से जोड़कर भी देखा जा सकता हैl
Godda News:- वर्षा जल का संरक्षण करें- उपायुक्त
ग्राम समाचार गोड्डा ब्यूरो रिपोर्ट:- उपायुक्त भोर सिंह यादव ने विश्व जल दिवस को लेकर जिलावासियों से अपील करते हुए कहा कि वर्तमान में जल की महत्ता और आवश्यक को देखते हुए हर घर में वर्षा जल संचयन तकनीक और सोख्ता का निर्माण महत्वपूर्ण है, ताकि गिरते भूजल स्तर को पुनः रिचार्ज किया जा सके। जल के बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। इसलिए पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने के लिए पानी का संरक्षण जरूरी है। इस हेतु वर्षा जल संचयन करना सबसे आसान व कारगर तरीका माना जाता है। ऐसे में आवश्यक है कि जल की एक-एक बूंद के महत्व के प्रति एक दूसरे को जागरूक करें और वर्षा जल संचयन को घरों में संग्रहित करने की व्यवस्था को सुदृढ़ करें। उपायुक्त ने कहा कि पृथ्वी का 71 प्रतिशत हिस्सा पानी से भरा हुआ है लेकिन स्वच्छ जल की बात करें तो उसका प्रतिशत बहुत ही कम है। कई सारे देश ऐसे हैं जहां के रहवासी गंदा पानी पीकर अपना जीवन काट रहे हैं। ऐसे में आवश्यक है कि जल का संरक्षण किया जाए ताकि हमारे साथ हमारे आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ पानी मिले। ज्ञात हो कि विश्व जल दिवस मनाने की अंतरराष्ट्रीय पहल ब्राजील में रियो डि जेनेरियो में 22 मार्च 1992 में आयोजित पर्यावरण तथा विकास का संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में की गई। साल 1993 में संयुक्त राष्ट्र ने अपने सामान्य सभा में निर्णय लेकर इस दिन को वार्षिक कार्यक्रम के रूप में मनाने का निर्णय लिया। दरअसल हर वर्ष विश्व जल दिवस के लिए एक थीम तय की जाती है। इस बार की थीम है 'जल संसाधनों पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव' यानी लोगों को यह जागरूक करना है कि, जलवायु परिवर्तन का किस तरह से जल संसाधनों पर प्रभाव पड़ रहा है। पिछले साल यानी विश्व जल दिवस 2019 की थीम थी, 'किसी को पीछे नहीं छोड़ना'। पानी हमारे जीवन का एक बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। पानी की आपूर्ति में परिवर्तन खाद्य सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में जल संकट को खाद्य आपूर्ति से जोड़कर भी देखा जा सकता हैl
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