ग्राम समाचार, गोड्डा ब्यूरो रिपोर्ट:- जिला बाल संरक्षण इकाई, गोड्डा द्वारा पोड़ैयाहाट प्रखंड के रतनपुर पंचायत के एक दिव्यांग के परिवार को संकट से उबारने की पहल की गयी है। इस निमित्त संरक्षण पदाधिकारी विकास चंद्र एवं सामाजिक कार्यकर्ता मुजफ्फर आलम दिव्यांग के घर पहुँच कर, जरूरतमंद परिवार और ग्रामीणों से मुलाकात की, पारिवारिक, सामाजिक, आर्थिक स्थिति का आकलन किया एवं आवासिक सुविधा, खाद्यान्न, आजीविका, शैक्षणिक स्थिति, कल्याणकारी योजनाओं की पहुँच आदि विषयों की जानकारी ली। महिला ने बताया है कि घर की आर्थिक तंगी की वजह से उनकी शादी एक मूकबधिर दिव्यांग से कर दी गयी। विवाहोपरान्त, एक दुर्घटना में उनके दिव्यांग पति की दोनों आँखों की रौशनी भी चली गयी, परिवार में उनके अलावा, वृद्ध सास एवं ससुर हैं एवं एक नाबालिग संतान भी है| उनके अलावा ननद की दो नाबालिग पुत्री भी साथ रहती हैं। सास-ससुर वृधावस्था के कारण कोई काम नहीं कर सकते, वे अक्सर बीमार रहते हैं| बताया कि परिवार के भरण-पोषण में उन्हें अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है| जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा कन्वर्जेन्स के माध्यम से जरूरतमंद परिवार के सशक्तिकरण के लिए शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी एवं संबंधित विभाग एवं पदाधिकारी से समन्वय किया गया। संरक्षण पदाधिकारी विकास चंद्र ने इस महती कार्य में सराहनीय भूमिका निभाते हुए जरूरतमंद परिवार एवं सदस्यों को सभी आवश्यक प्रमाण पत्र यथा- निवासी, आय, उम्र, मेडिकल, विद्यालय आदि प्रमाण पत्र बनवाया, बैंक खाता खुलवाया एवं अन्य सहायता प्रदान की।तदोपरान्त, जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा उक्त परिवार को स्पॉन्सरशिप योजना से जोड़कर लाभान्वित किया गया।
Godda News: दिव्यांग के घर पहुंचा बाल संरक्षण इकाई
ग्राम समाचार, गोड्डा ब्यूरो रिपोर्ट:- जिला बाल संरक्षण इकाई, गोड्डा द्वारा पोड़ैयाहाट प्रखंड के रतनपुर पंचायत के एक दिव्यांग के परिवार को संकट से उबारने की पहल की गयी है। इस निमित्त संरक्षण पदाधिकारी विकास चंद्र एवं सामाजिक कार्यकर्ता मुजफ्फर आलम दिव्यांग के घर पहुँच कर, जरूरतमंद परिवार और ग्रामीणों से मुलाकात की, पारिवारिक, सामाजिक, आर्थिक स्थिति का आकलन किया एवं आवासिक सुविधा, खाद्यान्न, आजीविका, शैक्षणिक स्थिति, कल्याणकारी योजनाओं की पहुँच आदि विषयों की जानकारी ली। महिला ने बताया है कि घर की आर्थिक तंगी की वजह से उनकी शादी एक मूकबधिर दिव्यांग से कर दी गयी। विवाहोपरान्त, एक दुर्घटना में उनके दिव्यांग पति की दोनों आँखों की रौशनी भी चली गयी, परिवार में उनके अलावा, वृद्ध सास एवं ससुर हैं एवं एक नाबालिग संतान भी है| उनके अलावा ननद की दो नाबालिग पुत्री भी साथ रहती हैं। सास-ससुर वृधावस्था के कारण कोई काम नहीं कर सकते, वे अक्सर बीमार रहते हैं| बताया कि परिवार के भरण-पोषण में उन्हें अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है| जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा कन्वर्जेन्स के माध्यम से जरूरतमंद परिवार के सशक्तिकरण के लिए शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी एवं संबंधित विभाग एवं पदाधिकारी से समन्वय किया गया। संरक्षण पदाधिकारी विकास चंद्र ने इस महती कार्य में सराहनीय भूमिका निभाते हुए जरूरतमंद परिवार एवं सदस्यों को सभी आवश्यक प्रमाण पत्र यथा- निवासी, आय, उम्र, मेडिकल, विद्यालय आदि प्रमाण पत्र बनवाया, बैंक खाता खुलवाया एवं अन्य सहायता प्रदान की।तदोपरान्त, जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा उक्त परिवार को स्पॉन्सरशिप योजना से जोड़कर लाभान्वित किया गया।
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