Chandan News: ग्रामीणों को जल संकट जल मीनार कागज पर खानापूर्ति, विभागीय लूट

 ग्राम समाचार, चांदन, बांका। चांदन प्रखंड क्षेत्र के गौरीपुर पंचायत स्थित गौरीपुर गांव में मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट कहे जाने वाले सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल जल योजना का कार्य धरातल पर नहीं उतर सका है। यह हाल तब है जब एक साल पूर्व बोरिंग कराया गया और पानी नहीं निकला फिर भी कागज पर खानापूर्ति कर, गौरीपुर वार्ड नंबर 2 के नाम से  पीएचडी विभाग द्वारा पैसा निकाल कर बंदरबांट कर लिया गया। जिस कारण धरातल पर जल मीनार बनकर आज शोभा की वस्तु बन कर रह गई है। इस दौरान गांव में कई जगह स्टैंड पोस्ट व कई घरों में पानी के लिए कनेक्शन भी दिया गया है। परंतु इसे विभागीय लापरवाही से  उक्त बोरिंग से पानी आपूर्ति आज तक की गई। 



गौरीपुर गांव में पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण ग्रामीणों में आक्रोष भी देखा जा रहा है। इस संबंध में गौरीपुर के वार्ड  सदस्य सह उप मुखिया राकेश कुमार मेहता ने बताया  कि, ग्रामीणों की समस्या को लेकर बांका एसडीओ को लिखित शिकायत भी किया गया।लेकिन विभागीय खानापूर्ति दृष्टिकोण से हम सबों की शिकायत दरकिनार कर दिया गया। इस संबंध में ग्रामीण पवन मंडल ने बताया कि इसी तरह विगत कई वर्षों पहले चांदन के गणमान्य व्यक्ति के द्वारा मानसिंह के पिछुआरी में पेयजल के लिए कुआं बनाया गया था जहां आज तक पीने का पानी नसीब हम ग्रामीणों को नहीं मिला। इसी तरह एक साल गुजर चुके हैं लेकर ग्रामीणों को आज तक इस जल मीनार से शुद्ध पानी नसीब नहीं हुआ है। मौके पर गौरीपुर निवासी भगवान सिंह, वीरेंद्र पासवान, पवन कुमार मंडल, मीना देवी, राधा देवी, कौशल्या देवी, सैकड़ों ग्रामीणों का कहना है कि यह जल मीनार शोभा की वस्तु बन कर गई है। हम ग्रामीणों को संदेह है कि इस जल मीनार की जो भी शेष प्राक्कलन राशि है उसे विभागीय संवेदक द्वारा बंदरबांट कर निकासी कर लेंगे जिससे हम ग्रामीण को पानी मिलने से वंचित रह जाएंगे।

उमाकांत साह, ग्राम समाचार संवाददाता, चांदन, बांका।

Share on Google Plus

Editor - सुनील कुमार

ग्राम समाचार से आप सीधे जुड़ सकते हैं-
Whatsaap Number -8800256688
E-mail - gramsamachar@gmail.com

* ग्राम समाचार से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें

* ग्राम समाचार के "खबर से असर तक" के राष्ट्र निर्माण अभियान में सहयोग करें। ग्राम समाचार एक गैर-लाभकारी संगठन है, हमारी पत्रकारिता को सरकार और कॉरपोरेट दबाव से मुक्त रखने के लिए आर्थिक मदद करें।
- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें