ग्राम समाचार, भागलपुर। बिहार के मुख्यमंत्री की महात्वाकांक्षी योजना जल- जीवन- हरियाली को प्रत्येक माह के प्रथम मंगलवार को जल-जीवन-हरियाली उत्सव के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। इसी के दृष्टिगत आज मंगलवार को कृषि विज्ञान केन्द्र सबौर के द्वारा जिले के गोराडीह प्रखण्ड के तरछा ग्राम में जलवायु के अनुकूल कृषि प्रक्षेत्र दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन राजेश कुमार झा प्रभारी जिलाधिकारी के द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस अवसर पर डॉ पी. के. सिंह निदेशक बीज एवं प्रक्षेत्र, डॉ. आर.एन. सिंह सह निदेशक प्रसार शिक्षा बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, अरूण कुमार, संयुक्त कृषि निदेशक, प्रभात कुमार सिंह उप परियोजना निदेशक आत्मा, शंभु मंडल प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी गोराडीह, उमाशंकर रजक मुखिया तरछा ग्राम पंचायत, वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ. विनोद कुमार सहित केन्द्र के अन्य वैज्ञानिक अनिता कुमारी, ई. पंकज कुमार, डॉ. ममता कुमारी डॉ. एम.जेड. होदा उपस्थित थे। इस अवसर पर प्रभारी जिलाधिकारी ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली कार्यक्रम अन्तर्गत मौसम अनुकूल कृषि कार्य किसानों के लिए बहुत लाभप्रद है। उन्होंने कहा कि मौसम अनुकूल कृषि कार्य से किसानों के लागत में कमी एवं उत्पादन में बढ़ोत्तरी होगी। जिससे किसानों को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा आज के परिवेश में ऐसी तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता है जिससे जल संचय/ प्रबंधन हो सके। जल संकट को देखते हुए उनका बूँद-बूँद संरक्षण अति आवश्यक है। इस अवसर पर डॉ. पी.के. सिंह, निदेशक बीज एवं प्रक्षेत्र ने विभिन्न तरह के प्रभेदों के साथ-साथ बीज उत्पादन कार्यक्रम के बारे में बारीकी से विस्तारपूर्वक समझाया तथा विशेष रूप जल संरक्षण में भूमि के समतलीकरण का योगदान पर चर्चा की। डॉ. आर.एन. सिंह सह निदेशक प्रसार शिक्षा ने कहा कि जल जीवन हरियाली अन्तर्गत प्रत्येक माह के प्रथम मंगलवार को खेत पाठाशाला का आयोजन किया जाना है। उन्होंने भूमि का समतलीकरण एवं शून्य जुताई तकनीक से कृषि उत्पादन बढ़ाने पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ. विनोद कुमार ने जल-जीवन- हरियाली अन्तर्गत मौसम अनुकूल कृषि का उद्देश्य बदलते जलवायु के अनुकूल कैसे कृषि किया जाय जिससे किसानों को अधिक लाभ के साथ ही किसानों की आय दुगनी हो सके। इसके लिए आवश्यक है कि नये तकनीक एवं नये प्रभेदों को अपनाते हुए वैज्ञानिक विधि से कृषि कार्य किया जाय। इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों एवं किसानों ने मौसम अनुकूल कृषि अन्तर्गत किसान के खेत पर प्रदर्शित विभिन्न तकनीकों भ्रमण किया गया एवं जल-जीवन-हरियाली अन्तर्गत इस तरह के कार्यक्रम के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र को सराहा। इस कार्यक्रम में गोराडीह प्रखण्ड के तरछा एवं आसपास के गाँवों के रंजन कुमार सुमन, फुलबती शर्मा, फजीरा, बीबी गुलशन, राहुल कुमार, मिथुन कुमार, चमक लाल सहित 300 किसानों ने भाग लिया।
Bhagalpur News:जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम आयोजित
ग्राम समाचार, भागलपुर। बिहार के मुख्यमंत्री की महात्वाकांक्षी योजना जल- जीवन- हरियाली को प्रत्येक माह के प्रथम मंगलवार को जल-जीवन-हरियाली उत्सव के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। इसी के दृष्टिगत आज मंगलवार को कृषि विज्ञान केन्द्र सबौर के द्वारा जिले के गोराडीह प्रखण्ड के तरछा ग्राम में जलवायु के अनुकूल कृषि प्रक्षेत्र दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन राजेश कुमार झा प्रभारी जिलाधिकारी के द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। इस अवसर पर डॉ पी. के. सिंह निदेशक बीज एवं प्रक्षेत्र, डॉ. आर.एन. सिंह सह निदेशक प्रसार शिक्षा बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, अरूण कुमार, संयुक्त कृषि निदेशक, प्रभात कुमार सिंह उप परियोजना निदेशक आत्मा, शंभु मंडल प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी गोराडीह, उमाशंकर रजक मुखिया तरछा ग्राम पंचायत, वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ. विनोद कुमार सहित केन्द्र के अन्य वैज्ञानिक अनिता कुमारी, ई. पंकज कुमार, डॉ. ममता कुमारी डॉ. एम.जेड. होदा उपस्थित थे। इस अवसर पर प्रभारी जिलाधिकारी ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली कार्यक्रम अन्तर्गत मौसम अनुकूल कृषि कार्य किसानों के लिए बहुत लाभप्रद है। उन्होंने कहा कि मौसम अनुकूल कृषि कार्य से किसानों के लागत में कमी एवं उत्पादन में बढ़ोत्तरी होगी। जिससे किसानों को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा आज के परिवेश में ऐसी तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता है जिससे जल संचय/ प्रबंधन हो सके। जल संकट को देखते हुए उनका बूँद-बूँद संरक्षण अति आवश्यक है। इस अवसर पर डॉ. पी.के. सिंह, निदेशक बीज एवं प्रक्षेत्र ने विभिन्न तरह के प्रभेदों के साथ-साथ बीज उत्पादन कार्यक्रम के बारे में बारीकी से विस्तारपूर्वक समझाया तथा विशेष रूप जल संरक्षण में भूमि के समतलीकरण का योगदान पर चर्चा की। डॉ. आर.एन. सिंह सह निदेशक प्रसार शिक्षा ने कहा कि जल जीवन हरियाली अन्तर्गत प्रत्येक माह के प्रथम मंगलवार को खेत पाठाशाला का आयोजन किया जाना है। उन्होंने भूमि का समतलीकरण एवं शून्य जुताई तकनीक से कृषि उत्पादन बढ़ाने पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ. विनोद कुमार ने जल-जीवन- हरियाली अन्तर्गत मौसम अनुकूल कृषि का उद्देश्य बदलते जलवायु के अनुकूल कैसे कृषि किया जाय जिससे किसानों को अधिक लाभ के साथ ही किसानों की आय दुगनी हो सके। इसके लिए आवश्यक है कि नये तकनीक एवं नये प्रभेदों को अपनाते हुए वैज्ञानिक विधि से कृषि कार्य किया जाय। इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों एवं किसानों ने मौसम अनुकूल कृषि अन्तर्गत किसान के खेत पर प्रदर्शित विभिन्न तकनीकों भ्रमण किया गया एवं जल-जीवन-हरियाली अन्तर्गत इस तरह के कार्यक्रम के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र को सराहा। इस कार्यक्रम में गोराडीह प्रखण्ड के तरछा एवं आसपास के गाँवों के रंजन कुमार सुमन, फुलबती शर्मा, फजीरा, बीबी गुलशन, राहुल कुमार, मिथुन कुमार, चमक लाल सहित 300 किसानों ने भाग लिया।
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