ग्राम समाचार, भागलपुर । खानकाह-ए-पीर दमड़िया शाह के 15वें सज्जादानशीं सैयद शाह फखरे आलम हसन ने यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी द्वारा कुरान-ए-पाक पर दिए गए विवादित बयान की कड़ी शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में अक्ल, दीन और इंसानियत से पैदल वसीम रिजवी जिसका काम सिर्फ समाज में नफरत फैलाना और अपने मुंह से जहर उगल कर मानवता को शर्मसार करने और उसे डसने का हमेशा प्रयास करना इस लईन का वतीरा बन गया है। कुरान-ए-पाक जो अल्लाह की आखिरी किताब मानवता के लिए गाईड बुक के तौर पर अंतिम रसूल जनाब मोहम्मद सल्लाहो अलैह वसल्लम पर अवतरित की गई है। जिसमें अल्लाह की इबादत का पैगाम दिया गया है और मानवता से प्रेम करना सिखाया गया है। ऐसी मुबारक और पवित्र ग्रंथ कुरान-ए-पाक के बारे में वसीम रिज़वी जैसे नापाक जुबान रखने वाले इस पाक किताब की आयतों पर उंगली उठाए यह किसी किमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वसीम रिज़वी अगर अपनी बातों को वापस नहीं लेता है और क्षमा नहीं मांगता है तो पूरी मिल्लत-ए-इस्लामियां को चाहिए कि वसीम रिज़वी जैसी सोच रखने वाला जो अपनी हरकतों से इस्लाम धर्म से मुरत्तद हो गया है। मुसलमानों को चाहिए कि ना इसकी नमाज-ए-जनाजा में शामिल हो और न ही मुसलमानों की कब्रिस्तान की धरती पर इसे दफन किया जाए। कुरान-ए-पाक का हर-हर शब्द इंसानियत के लिए रहमत का पैगाम लाया है। सैयद हसन ने कहा कि वसीम रिज़वी जैसा जहर आलूद दिमाग रखने वाला व्यक्ति ही इस मुबारक किताब को आतंकवाद से जोड़ने का दुस्साहस कर सकता है। सज्जादानशीं सैयद शाह फखरे आलम हसन ने सरकार से अपील की है कि वसीम रिज़वी जैसे समाज में नफरत का बीज बो कर आरजकता फैलाने वाले पर न्याय संगत कठोरत्तम कार्रवाई की जाए ताकि आइंदा कोई दुस्साहस ना कर सके।
Bhagalpur News:सज्जादानशीं ने वसीम रिज़वी के दिए विवादित बयान की कड़ी शब्दों में की निंदा
ग्राम समाचार, भागलपुर । खानकाह-ए-पीर दमड़िया शाह के 15वें सज्जादानशीं सैयद शाह फखरे आलम हसन ने यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी द्वारा कुरान-ए-पाक पर दिए गए विवादित बयान की कड़ी शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में अक्ल, दीन और इंसानियत से पैदल वसीम रिजवी जिसका काम सिर्फ समाज में नफरत फैलाना और अपने मुंह से जहर उगल कर मानवता को शर्मसार करने और उसे डसने का हमेशा प्रयास करना इस लईन का वतीरा बन गया है। कुरान-ए-पाक जो अल्लाह की आखिरी किताब मानवता के लिए गाईड बुक के तौर पर अंतिम रसूल जनाब मोहम्मद सल्लाहो अलैह वसल्लम पर अवतरित की गई है। जिसमें अल्लाह की इबादत का पैगाम दिया गया है और मानवता से प्रेम करना सिखाया गया है। ऐसी मुबारक और पवित्र ग्रंथ कुरान-ए-पाक के बारे में वसीम रिज़वी जैसे नापाक जुबान रखने वाले इस पाक किताब की आयतों पर उंगली उठाए यह किसी किमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वसीम रिज़वी अगर अपनी बातों को वापस नहीं लेता है और क्षमा नहीं मांगता है तो पूरी मिल्लत-ए-इस्लामियां को चाहिए कि वसीम रिज़वी जैसी सोच रखने वाला जो अपनी हरकतों से इस्लाम धर्म से मुरत्तद हो गया है। मुसलमानों को चाहिए कि ना इसकी नमाज-ए-जनाजा में शामिल हो और न ही मुसलमानों की कब्रिस्तान की धरती पर इसे दफन किया जाए। कुरान-ए-पाक का हर-हर शब्द इंसानियत के लिए रहमत का पैगाम लाया है। सैयद हसन ने कहा कि वसीम रिज़वी जैसा जहर आलूद दिमाग रखने वाला व्यक्ति ही इस मुबारक किताब को आतंकवाद से जोड़ने का दुस्साहस कर सकता है। सज्जादानशीं सैयद शाह फखरे आलम हसन ने सरकार से अपील की है कि वसीम रिज़वी जैसे समाज में नफरत का बीज बो कर आरजकता फैलाने वाले पर न्याय संगत कठोरत्तम कार्रवाई की जाए ताकि आइंदा कोई दुस्साहस ना कर सके।
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