ग्राम समाचार गोड्डा, ब्यूरो रिपोर्ट:- आत्मा, गोड्डा के सौजन्य से प्रखंड गोड्डा के कल्हाजोर ग्राम में प्रक्षेत्र दिवस सह किसान गोष्ठी कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में आत्मा के उप परियोजना निदेशक राकेश कुमार सिंह ने प्रगतिशील किसानों को ट्राईकोडर्मा, साफ तथा बेवेस्टीन से बीज उपचार करने की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फसलों एवं सब्जियों के बीज को ट्राईकोडर्मा, साफ तथा बेवेस्टीन से उपचारित करने से बीज जनित, फफूँद जनित रोगों से बचाव किया जा सकता है जिससे कि फसल, सब्जियों के पौधों का बचाव होगा और उपज भी अधिक होगी। कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि प्रसार वैज्ञानिक डाॅ0 रितेश दुबे ने मिट्टी जांच हेतु नमूना लेने की विस्तृत जानकारी दी। मिट्टी की जांच कराने से मिट्टी का पी.एच. अम्लीयता, क्षारीयता, उदासीनता, खाद के उचित मात्रा में प्रयोग करने की जानकारी प्राप्त होती है। मिट्टी जांच के उपरांत मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को मिलेगा। मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपयोग करने की अवधि तीन साल तक होती है। किसानों के खेत में परिभ्रमण करके आलू, सरसों, गोभी, टमाटर की फसल की अधिक उपज प्राप्त करने के लिए चर्चा किया गया। मौके पर बीटीएम इला चन्दन, कृषक मित्र घनश्याम राय, वार्ड सदस्य महेन्द्र गुप्ता, गीता देवी, रोहित कुमार यादव समेत दर्जनों प्रगतिशील किसान मौजूद रहे।
Godda News: गोड्डा के कोल्हाजोर में किसान गोष्ठी का आयोजन कर उन्नत खेती की तकनीक बताई गई
ग्राम समाचार गोड्डा, ब्यूरो रिपोर्ट:- आत्मा, गोड्डा के सौजन्य से प्रखंड गोड्डा के कल्हाजोर ग्राम में प्रक्षेत्र दिवस सह किसान गोष्ठी कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में आत्मा के उप परियोजना निदेशक राकेश कुमार सिंह ने प्रगतिशील किसानों को ट्राईकोडर्मा, साफ तथा बेवेस्टीन से बीज उपचार करने की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि फसलों एवं सब्जियों के बीज को ट्राईकोडर्मा, साफ तथा बेवेस्टीन से उपचारित करने से बीज जनित, फफूँद जनित रोगों से बचाव किया जा सकता है जिससे कि फसल, सब्जियों के पौधों का बचाव होगा और उपज भी अधिक होगी। कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि प्रसार वैज्ञानिक डाॅ0 रितेश दुबे ने मिट्टी जांच हेतु नमूना लेने की विस्तृत जानकारी दी। मिट्टी की जांच कराने से मिट्टी का पी.एच. अम्लीयता, क्षारीयता, उदासीनता, खाद के उचित मात्रा में प्रयोग करने की जानकारी प्राप्त होती है। मिट्टी जांच के उपरांत मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को मिलेगा। मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपयोग करने की अवधि तीन साल तक होती है। किसानों के खेत में परिभ्रमण करके आलू, सरसों, गोभी, टमाटर की फसल की अधिक उपज प्राप्त करने के लिए चर्चा किया गया। मौके पर बीटीएम इला चन्दन, कृषक मित्र घनश्याम राय, वार्ड सदस्य महेन्द्र गुप्ता, गीता देवी, रोहित कुमार यादव समेत दर्जनों प्रगतिशील किसान मौजूद रहे।
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