बिना लैब, लाइब्रेरी और प्रोफसर के डाॅक्टर बना रहा है दुमका मेडिकल काॅलेज


अवस्थाओं के खिलाफ काॅलेज के छात्र-छात्राओं ने दिया धरना 


दुमका। फूलो-झानों मेडिकल काॅलेज दुमका के छात्र-छात्राओं ने अव्यवस्था के खिलाफ एक दिवसीय धरना दिया। सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय के परिसर में स्थित दुमका मेडिकल काॅलेज के निर्माणाधीन परिसर में मुख्य भवन के गेट पर छात्र-छात्राओं ने दर्जनों मांगों को लेकर धरना दिया। दुमका मेडिकल काॅलेज के छात्रों की परीक्षा में सिर्फ एक माह शेष बचा है बावजूद छात्रों को प्रायोगिक पढ़ाई नहीं कराई गई है। कई महीने बीतने के बाद भी छात्रों को परिचय पत्र तक नहीं मिला है। पुस्तकालय में एक भी किताब नहीं है। लेक्चर रूम की सफाई मेडिकल काॅलेज बनने के बाद आज नहीं हुई। लेक्चर रूम क्लास भी नहीं है। प्रैक्टिकल लैब में कुछ सामान है बस। उद्घाटन के बाद से ही दुमका मेडिकल काॅलेज के छात्र सुविधाओं के लिये झारखंड सरकार के मंत्रियों से मिले चुके है। कई बार दुमका के उपायुक्त से मिले। उपायुक्त ने छात्रों की समस्या सुनी हो और सुविधा बढ़ाने का आश्वासन दिया था लेकिन अब मेडिकल काॅलेज नहीं सुधरा। मंेडिकल काॅलेज में धरना के दिन काॅलेज के प्राचार्य, स्टाॅफ और सफाई कर्मचारी तक उपस्थित नहीं थे। छात्र सबेरे ही काॅलेज प्रशासन के पदाधिकारियों से मिलने के पहुंचे थे पर यहां कोई नहीं था इसलिए छात्र धरना पर बैठ गये। छात्रों काला बिल्ला रखा था। दुमका मेडिकल काॅलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं नीट जो कि डाॅक्टर बनने के लिये होने वाली प्रवेश परीक्षा को उŸाीर्ण करके पढ़ने के लिये आये है और उनका भविष्ट अब संकट में है। दुमका मंेडिकल काॅलेज शिक्षक की कमी, लैब, कक्षा की सुविधा के बिना ही डाॅक्टर बना रही है। यह देश का एक मात्र ऐेसा मेडिकल काॅलेज होगा बिना पढ़ाये ही डाॅक्टर बनाने की तैयारी कर रही है। यहां बता दें कि इस मेडिकल काॅलेज का उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आॅनलाइन किया था। लोक सभा चुनाव के पूर्व 17 फरवरी 2019 को देश के पीएम ने इसका उद्घाटन किया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने काफी तेज गति से मेडिकल काॅलेज का भवन बनवा लिया था लेकिन स्थायी प्रोेफेसर की बहाली नहीं किये और आज तक काॅलेज को प्रोफेसर नहीं मिल पाया है, छात्रों से मेडिकल काॅलेज के नाम पर हजारों रूपया शुल्क वसूलने वाले दुमका मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य दर्जनों बार संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन वे मीडिया के संपर्क में समाचार लिख जाने तक नहीं आये थे। काॅलेज में कोई प्रोफेसर या स्टाॅफ नहीं था जिससे कि इस मामले में जानकारी ली जा सके। वल नहीं बांटा गया था इसलिए जांच करने के बाद दोषी पदाधिकारी पर कार्रवाई की गई है।

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Editor - दशरथ महतो,दुमका

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- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)

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