Pakur News: अमड़ापाड़ा वर्षों गायब बच्चियों को परिवार से मिला रहा है नई राहें ट्रस्ट


ग्राम समाचार,पाकुड़। अमड़ापाड़ा बिछड़ों को अपनो से मिलना सबसे अच्छा कार्य होता है और इस कार्य में नई राहें ट्रस्ट अभूतपूर्व भूमिका निभा रहा है। प्रखंड क्षेत्र के आदिम जनजाति समुदाय के लोग आज भी दबे कुचले महशुस करते हैं। गरीबी की पीड़ा और शिक्षा के अभाव का फायदा उठाकर मानव तस्कर इस इलाके के दर्जनों लोगों को दिल्ली हरियाणा, गुड़गांव, चेन्नई, हैदराबाद,गाजियाबाद आदि महानगरों में काम दिलाने और पैसा कमाने का प्रलोभन देकर बच्चों को इन शहरों में बालमजदूरी के दलदल में धकेल देते हैं। दर्जनों बच्चे बर्षों से अपने घर नहीं आ सके हैं। नई राहें ट्रस्ट के चेयरमैन धर्मनाथ भगत ने क्षेत्र भ्रमण के दौरान इस समस्या को बहुत करीब से समझा और बच्चों को उनके घरवालों से मिलाने का बीड़ा उठाया। अमड़ापाड़ा प्रखंड क्षेत्र के अबतक दो लड़कियों को बंधुआ मजदूरी के दलदल से मुक्त कराकर उनके माता पिता से मिलाने में नई राहें ट्रस्ट ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ट्रस्ट के धर्मनाथ भगत ने बताया कि भ्रमण के दौरान जब कई माता पिता ने बताया कि बताया कि दलालों ने उनके बेटियों को काम दिलाने के बहाने हमसे दूर कर दिया है और हम कई सालों से अपने बच्चे को देखे तक नहीं हैं तो इस पीड़ा ने मुझे अंदर तक झकझोर कर रख दिया। उन्होंने बताया कि मानव तस्करी का बहुत बड़ा रैकेट आदिम जनजाति बहुल इलाकों में आज भी सक्रिय है। ये लोग पैसा और चकाचौंध का सब्जबाग दिखाकर महानगरों में ले जाकर बंधुआ मजदूरी के दलदल में बच्चों को धकेल देते हैं। कम उम्र में ही अधिक पैसा कमाने की लालसा में बच्चे चले तो जाते हैं लेकिन वहाँ का नजारा और परिणाम बिल्कुल अलग होता है। अबतक जिन बच्चियों को बंधुआ मजदूरी के दलदल से मुक्त कराया गया है उनमें से अधिकांश मामलों में ये बात सामने आया है कि इनसे काम तो करवाया जाता है लेकिन खाना, रहना और कपड़ों के अलावा इन्हें कुछ नहीं मिलता है। दलालों के एजेंट उन्हें बताते हैं कि पैसा तुम्हारे घर भेज दिया जाता है लेकिन सच्चाई ये है कि इन्हें काम करने के एवज में मिलने वाले रकम को दलाल ही हड़प जाते हैं।

केस स्टडी 01:-- प्रखंड क्षेत्र के पुशरभीटा की रहने वाली धर्मी पहाड़िन को मानव तस्कर ने प्रलोभन देकर दिल्ली में एजेंट के हवाले कर दिया था और वो करीब पांच साल से अपने घर नहीं लौटी थी। इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए नई राहें ट्रस्ट ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। कड़ी मशक्कत के बाद धर्मी पहाड़िन का पता मिला। पुलिस अधिकारियों की सहायता से धर्मी को सकुशल उसके माता पिता से मिलाया गया। एक माह पूर्व अपने गांव लौटी धर्मी पहाड़िन गाँव में ही शादी कर खुशहाल जीवन जी रही है।

केस स्टडी 02:-- करीब सात सालों से अपने घर से दूर बंधुआ मजदूरी करने वाली मुड़की पहाड़िन को भी पुलिस के मदद से दिल्ली से रेस्क्यू कर लिया गया है। वो महज 12 साल की उम्र में ही दिल्ली चली गई थी। नई राहें ट्रस्ट ने अथक प्रयास कर दिल्ली से उसे रेस्क्यू करवाया।  एसआई संतोष कुमार और एएसआई सुनील कुमार शर्मा दिल्ली से मुड़की पहाड़िन को लेकर लौट आए हैं।

पुलिस अधिकारियों का जताया आभार:-- नई राहें ट्रस्ट के धर्मनाथ भगत ने इस कार्य में सहयोग के लिए पुलिस अधीक्षक मनीलाल मंडल, पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी मनोज कुमार, एसआई संतोष कुमार सहित पुलिस टीम का आभार व्यक्त किया है।


Share on Google Plus

Editor - रंजीत भगत, पाकुड़

ग्राम समाचार से आप सीधे जुड़ सकते हैं-
Whatsaap Number -8800256688
E-mail - gramsamachar@gmail.com

* ग्राम समाचार से जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें

* ग्राम समाचार के "खबर से असर तक" के राष्ट्र निर्माण अभियान में सहयोग करें। ग्राम समाचार एक गैर-लाभकारी संगठन है, हमारी पत्रकारिता को सरकार और कॉरपोरेट दबाव से मुक्त रखने के लिए आर्थिक मदद करें।
- राजीव कुमार (Editor-in-Chief)

    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें